ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को 284 मणिपुरी छात्रों के अनुरोध की जांच करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा से प्रभावित छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से इस मामले की जांच करने को कहा. 284 छात्रों ने केंद्र से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थानांतरण की मांग की है. SC asks Center Manipuri students request

Manipur violence SC asks Centre to examine request by 284 students seeking relocation to central universities
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 284 मणिपुरी छात्रों के अनुरोध की जांच करने को कहा
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2023, 1:26 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र और मणिपुर सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से 284 मणिपुरी छात्रों की उस याचिका की जांच करने को कहा, जिसमें केंद्र को उन्हें देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ से मणिपुर में जातीय हिंसा से प्रभावित विश्वविद्यालय के छात्रों को अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश की अनुमति देने का निर्देश जारी करने का अनुरोध किया.

अरोड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों ने शैक्षणिक वर्ष में पहले ही 6 महीने खो दिए हैं और बताया कि कश्मीर प्रवासियों के लिए भी यही किया गया था. अरोड़ा ने कहा कि उनमें से ज्यादातर अब मणिपुर से बाहर हैं. केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि छात्रों की सूची समिति को दे दी गई है और समिति इस पर विचार कर रही है. पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे. पीठ ने वकील से पूछा, 'आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जा सकते? मणिपुर उच्च न्यायालय में अब मुख्य न्यायाधीश हैं, उनसे संपर्क करें.'

अरोड़ा ने तर्क दिया कि छात्रों का समय बर्बाद हो रहा है और शैक्षणिक सत्र के 6 महीने पहले ही बीत चुके हैं और राज्य में हिंसा के कारण वे बाहर चले गए हैं. तुषार मेहता ने कहा कि यह एक समस्या है. इसे सुलझाने की जरूरत है. याचिकाकर्ताओं के वकील से आग्रह किया कि वे इस मामले में एक पक्ष के रूप में शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति में शामिल न हों. अरोड़ा ने कहा कि जब हिंसा भड़की तो वे सभी इम्फाल में मणिपुर विश्वविद्यालय में पढ़ रही थी. शीर्ष अदालत ने समिति को याचिका से प्रतिवादी के रूप में हटा दिया.

ये भी पढ़ें- मणिपुर हिंसा संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार

शीर्ष अदालत ने कहा कि मणिपुर की स्थिति के कारण, याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि कई छात्रों को राज्य छोड़ना पड़ा और उनकी पढ़ाई 6 महीने तक बाधित रही. उन्होंने उन्हें अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया ताकि वहां उनकी पढ़ाई का कोई नुकसान नहीं होगा. शीर्ष अदालत ने मेहता और मणिपुर के महाधिवक्ता को मामले को देखने के लिए कहा और इसे सोमवार को आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित किया. शीर्ष अदालत मणिपुर यूनिवर्सिटी एमी वेलफेयर सोसाइटी और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र और मणिपुर सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से 284 मणिपुरी छात्रों की उस याचिका की जांच करने को कहा, जिसमें केंद्र को उन्हें देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ से मणिपुर में जातीय हिंसा से प्रभावित विश्वविद्यालय के छात्रों को अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश की अनुमति देने का निर्देश जारी करने का अनुरोध किया.

अरोड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों ने शैक्षणिक वर्ष में पहले ही 6 महीने खो दिए हैं और बताया कि कश्मीर प्रवासियों के लिए भी यही किया गया था. अरोड़ा ने कहा कि उनमें से ज्यादातर अब मणिपुर से बाहर हैं. केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि छात्रों की सूची समिति को दे दी गई है और समिति इस पर विचार कर रही है. पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे. पीठ ने वकील से पूछा, 'आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जा सकते? मणिपुर उच्च न्यायालय में अब मुख्य न्यायाधीश हैं, उनसे संपर्क करें.'

अरोड़ा ने तर्क दिया कि छात्रों का समय बर्बाद हो रहा है और शैक्षणिक सत्र के 6 महीने पहले ही बीत चुके हैं और राज्य में हिंसा के कारण वे बाहर चले गए हैं. तुषार मेहता ने कहा कि यह एक समस्या है. इसे सुलझाने की जरूरत है. याचिकाकर्ताओं के वकील से आग्रह किया कि वे इस मामले में एक पक्ष के रूप में शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति में शामिल न हों. अरोड़ा ने कहा कि जब हिंसा भड़की तो वे सभी इम्फाल में मणिपुर विश्वविद्यालय में पढ़ रही थी. शीर्ष अदालत ने समिति को याचिका से प्रतिवादी के रूप में हटा दिया.

ये भी पढ़ें- मणिपुर हिंसा संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार

शीर्ष अदालत ने कहा कि मणिपुर की स्थिति के कारण, याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि कई छात्रों को राज्य छोड़ना पड़ा और उनकी पढ़ाई 6 महीने तक बाधित रही. उन्होंने उन्हें अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया ताकि वहां उनकी पढ़ाई का कोई नुकसान नहीं होगा. शीर्ष अदालत ने मेहता और मणिपुर के महाधिवक्ता को मामले को देखने के लिए कहा और इसे सोमवार को आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित किया. शीर्ष अदालत मणिपुर यूनिवर्सिटी एमी वेलफेयर सोसाइटी और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.