इंफाल: जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में रविवार को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत लागू प्रतिबंधों में ढील दी गई. जिला प्रशासन की ओर से शनिवार को जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई. मणिपुर में तीन मई को बहुसंख्यक मेइती और अल्पसंख्यक कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद मणिपुर के कई हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां लागू की गई थीं.
इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को संकेत दिया कि जातीय हिंसा में बाहरी ताकतों या तत्वों का हाथ हो सकता है, जिसने राज्य में कई लोगों की जान ले ली है. यह पूरा मामला पूर्व नियोजित लगता है. सीएम ने कहा, 'मणिपुर की सीमा म्यांमार के साथ लगती है. चीन भी पास में है. हमारी 398 किलोमीटर की सीमाएँ असुरक्षित हैं. हमारी सीमाओं पर सुरक्षा बल तैनात हैं लेकिन एक मजबूत और व्यापक सुरक्षा तैनाती भी इतने बड़े क्षेत्र को कवर नहीं कर सकती है. हालाँकि, जो हो रहा है, उसे देखते हुए, हम न तो इनकार कर सकते हैं और न ही दृढ़ता से पुष्टि कर सकते हैं. यह पूर्व नियोजित लगता है लेकिन कारण स्पष्ट नहीं है.'
इधर इंफाल पश्चिम के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एन जॉनसन मीतेई की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'इंफाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में आम लोगों के घरों से बाहर निकलने पर लगाए गए प्रतिबंध में रविवार दो जुलाई को सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक ढील दी जाएगी.' अधिसूचना के मुताबिक, जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. इसमें कहा गया है कि लोगों को दवाओं और भोजन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की सुविधा देने के लिए भी प्रतिबंध में ढील देना आवश्यक है.
अमित शाह से मिला टिपरा मोथा का प्रतिनिधिमंडल: त्रिपुरा के मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला और ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की उसकी मांग का ‘संवैधानिक समाधान’ करने का अनुरोध किया. टिपराहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टिपरा मोथा) के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार जल्द हमारी मांगों पर चर्चा की प्रक्रिया शुरू करेगी.
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शाह से मुलाकात के बाद देबबर्मा ने संवाददाताओं से कहा, 'हमारा एजेंडा बिल्कुल स्पष्ट है. ग्रेटर टिपरालैंड की स्थापना की हमारी मांग का संवैधानिक समाधान हो. हम आज उनसे (शाह) मिले और स्पष्ट किया कि हम मूल निवासियों की वास्तविक समस्याओं को हल करने में दिलचस्पी रखते हैं. लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है और हमें जल्द समाधान की जरूरत है.'
देबबर्मा के मुताबिक, शाह ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि इस वक्त केंद्रीय गृह मंत्रालय का पूरा ध्यान हिंसा प्रभावित मणिपुर पर केंद्रित है. हालांकि, टिपरा मोथा प्रमुख ने बताया कि गृह मंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मांग पर पार्टी के साथ जल्द चर्चा शुरू की जाएगी.
(एजेंसियां)