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Manipur CM AFSPA : बीरेन सिंह ने कहा- अफ्सपा परस्पर सहमति से हटे, राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur Chief Minister N Biren Singh) ने कहा है कि उनके सहित मणिपुरी लोग भी चाहते हैं कि अफ्सपा हटाया जाए लेकिन ऐसा केंद्र के साथ परस्पर सहमति से (We want AFSPA lifted but with mutual consent) होना चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है.

Manipur Chief Minister N Biren Singh
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह
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Published : Jan 23, 2022, 11:00 PM IST

नई दिल्ली : मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur Chief Minister N Biren Singh) ने कहा है कि मणिपुर सरकार म्यांमार में रह रहे मणिपुरी उग्रवादियों के साथ सार्थक बातचीत करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा विधायकों की संख्या दोगुनी होगी, पार्टी दो-तिहाई बहुमत हासिल करेगी; जरूरत पड़ने पर हम चुनाव बाद गठबंधन पर विचार करेंगे.

बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि उनके राज्य के लोग और वह खुद भी चाहते हैं कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्सपा) हटा दिया जाए, लेकिन ऐसा केंद्र की सहमति से किया जाना चाहिए. राष्ट्रीय सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए सिंह ने कहा, 'हम एक सीमावर्ती राज्य हैं और म्यांमा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं. मुझे राष्ट्रहित भी देखना होगा.' राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले, अफ्सपा हटाने की मांग जोर पकड़ रही है.

सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा, 'मेरे सहित मणिपुर के लोग चाहते हैं कि अफ्सपा को हटा दिया जाए लेकिन केंद्र सरकार की परस्पर सहमति के बाद क्योंकि राष्ट्र की सुरक्षा हमारे लिए पहली प्राथमिकता है.' उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि अफ्सपा को केंद्र की सहमति से क्रमिक रूप से हटाया जा सकता है. लेकिन, हमें अवश्य याद रखना चाहिए कि म्यांमा में राजनीतिक स्थिरता नहीं है और हमारे देश की सीमा उसके साथ लगी हुई है.'

चुनावी राज्य में भारतीय जनता पार्टी के प्रथम मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चुनाव बड़े बदलाव को प्रदर्शित करेंगे और उनकी पार्टी सीटों की अपनी संख्या दोगुनी करेगी. उन्होंने कहा, 'हम दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हमारा कोई चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं है लेकिन जरूरत पड़ने पर चुनाव बाद गठबंधन किया जा सकता है.' उन्होंने इस बार शांति, विकास और सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व को भाजपा का मुख्य चुनावी मुद्दा बताते हुए यह बात कही.

कांग्रेस के 28 विधायक होने के बावजूद अपने महज 21 विधायकों के साथ भाजपा ने दो स्थानीय दलों, एनपीपी और एनपीएफ के सहयोग से 2017 में सरकार बनायी थी. राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में, 27 फरवरी और तीन मार्च को चुनाव होने हैं. मतगणना 10 मार्च को होगी.

यह भी पढ़ें- AFSPA रद्द करने की मांग, महिला सांसद ने कहा- I come as one, but I stand as one thousand

अफ्सफा हटाने की मांग को लेकर राज्य में कई आंदोलन हुए हैं. मणिपुर की इरोम शर्मिला का अनशन भी इसका एक मुख्य उदाहरण है, जो देश में सबसे लंबे समय तक चला था. अफ्सफा हटाना, एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है और पड़ोसी राज्य नगालैंड में सैन्य कर्मियों की गोलीबारी में 14 आम लोगों के मारे जाने को लेकर एक बार फिर यह एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन सकता है.

सिंह ने कहा, 'हम एक सीमावर्ती राज्य हैं और म्यांमा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं. मुझे राष्ट्रहित को भी देखना होगा. लेकिन एक मणिपुरी होने और मणिपुर का मुख्यमंत्री होने के नाते, मैं चाहता हूं कि अफ्सफा हटा दिया जाए.' उन्होंने कहा, 'लेकिन साथ ही, जमीनी हकीकत का आकलन किये बगैर ऐसा करना संभव नहीं है. केंद्र सरकार से परामर्श किये बगैर, यह संभव नहीं है.'

सिंह ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई है और उग्रवाद 90 प्रतिशत तक घट गया है. उन्होंने कहा, 'मणिपुर सरकार म्यांमा में मणिपुरी उग्रवादियों के साथ सार्थक वार्ता करने की भी कोशिश कर रही है.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur Chief Minister N Biren Singh) ने कहा है कि मणिपुर सरकार म्यांमार में रह रहे मणिपुरी उग्रवादियों के साथ सार्थक बातचीत करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा विधायकों की संख्या दोगुनी होगी, पार्टी दो-तिहाई बहुमत हासिल करेगी; जरूरत पड़ने पर हम चुनाव बाद गठबंधन पर विचार करेंगे.

बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि उनके राज्य के लोग और वह खुद भी चाहते हैं कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्सपा) हटा दिया जाए, लेकिन ऐसा केंद्र की सहमति से किया जाना चाहिए. राष्ट्रीय सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए सिंह ने कहा, 'हम एक सीमावर्ती राज्य हैं और म्यांमा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं. मुझे राष्ट्रहित भी देखना होगा.' राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले, अफ्सपा हटाने की मांग जोर पकड़ रही है.

सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा, 'मेरे सहित मणिपुर के लोग चाहते हैं कि अफ्सपा को हटा दिया जाए लेकिन केंद्र सरकार की परस्पर सहमति के बाद क्योंकि राष्ट्र की सुरक्षा हमारे लिए पहली प्राथमिकता है.' उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि अफ्सपा को केंद्र की सहमति से क्रमिक रूप से हटाया जा सकता है. लेकिन, हमें अवश्य याद रखना चाहिए कि म्यांमा में राजनीतिक स्थिरता नहीं है और हमारे देश की सीमा उसके साथ लगी हुई है.'

चुनावी राज्य में भारतीय जनता पार्टी के प्रथम मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चुनाव बड़े बदलाव को प्रदर्शित करेंगे और उनकी पार्टी सीटों की अपनी संख्या दोगुनी करेगी. उन्होंने कहा, 'हम दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हमारा कोई चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं है लेकिन जरूरत पड़ने पर चुनाव बाद गठबंधन किया जा सकता है.' उन्होंने इस बार शांति, विकास और सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व को भाजपा का मुख्य चुनावी मुद्दा बताते हुए यह बात कही.

कांग्रेस के 28 विधायक होने के बावजूद अपने महज 21 विधायकों के साथ भाजपा ने दो स्थानीय दलों, एनपीपी और एनपीएफ के सहयोग से 2017 में सरकार बनायी थी. राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में, 27 फरवरी और तीन मार्च को चुनाव होने हैं. मतगणना 10 मार्च को होगी.

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अफ्सफा हटाने की मांग को लेकर राज्य में कई आंदोलन हुए हैं. मणिपुर की इरोम शर्मिला का अनशन भी इसका एक मुख्य उदाहरण है, जो देश में सबसे लंबे समय तक चला था. अफ्सफा हटाना, एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है और पड़ोसी राज्य नगालैंड में सैन्य कर्मियों की गोलीबारी में 14 आम लोगों के मारे जाने को लेकर एक बार फिर यह एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन सकता है.

सिंह ने कहा, 'हम एक सीमावर्ती राज्य हैं और म्यांमा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं. मुझे राष्ट्रहित को भी देखना होगा. लेकिन एक मणिपुरी होने और मणिपुर का मुख्यमंत्री होने के नाते, मैं चाहता हूं कि अफ्सफा हटा दिया जाए.' उन्होंने कहा, 'लेकिन साथ ही, जमीनी हकीकत का आकलन किये बगैर ऐसा करना संभव नहीं है. केंद्र सरकार से परामर्श किये बगैर, यह संभव नहीं है.'

सिंह ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई है और उग्रवाद 90 प्रतिशत तक घट गया है. उन्होंने कहा, 'मणिपुर सरकार म्यांमा में मणिपुरी उग्रवादियों के साथ सार्थक वार्ता करने की भी कोशिश कर रही है.'

(पीटीआई-भाषा)

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