जबलपुर। जो आम विदेशी धरती में उगाया जाता था, अब उसे मध्यप्रदेश के जबलपुर की धरती में उगाया जा रहा है. जिसके लिए पर्याप्त वातावरण भी अनुकूल है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इन नामों की सुरक्षा में एक दर्जन विदेशी नस्ल के खूंखार कुत्ते, सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्डों को लगाया गया है. आप सोच रहे होंगे कि इन आमों के लिए इतनी वीवीआईपी सुरक्षा किसलिए? आखिर इन आमों में ऐसा क्या है कि इनको वीवीआईपी सुरक्षा देनी पड़ी. क्योंकि इतनी सुरक्षा या तो किसी बड़े नेता या फिर भी वीवीआईपी लोगों को मिलती है, लेकिन इन आमों की इतनी सुरक्षा क्यों. आईए जानते हैं ETV भारत की खास रिपोर्ट में.
बागान में चीन-जापान और नेपाल के किस्म के आम: दरअसल, जबलपुर जिले से 25 किलोमीटर दूर चरगवां रोड स्थित हिनौता गांव के किसान संकल्प सिंह परिहार ने अपने बागान में आम उगाए हैं. इस बागान में जापान, चीन, अमेरिका सहित नेपाल कि धरती में होने वाले आठ विदेशी किस्म सहित भारत के 18 ऊंचे किस्म आमों के पेड़ों को लगाया गया है. विदेशों में मिलने वाले इन आमों की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत लाखों में है. पिछली बार आमों की सुरक्षा में चूक होने के कारण चोरी जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ा. यही वजह है कि इस बार पहले जैसी घटना न हो जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को दुरस्त किया गया है. इस बार आमों की सुरक्षा के लिए एक दर्जन विदेशी नस्ल के खूंखार जर्मन शेफर्ड कुत्ते, सीसीटीवी कैमरे और 4 सुरक्षा गार्डों को लगाया है. जो 24 घंटे इन आमों की सुरक्षा में तैनात रहते हैं.
लाखों में है मिजायकी आम: इस बागान के मालिक संकल्प सिंह परिहार बताते हैं कि उनके महाकालेश्वर हाइब्रिड फार्म हाउस में आठ विदेशी किस्म के आमों सहित 24 किस्मों के पेड़ लगाए गए हैं. इसमें सबसे खास आम मियाजाकी आम है. जिसकी अंतरराष्ट्रीय मार्केट की बात की जाए तो इसकी कीमत दो लाख सत्तर हजार रुपए किलो है. इसके इलावा जंबो ग्रीन आम जिसे तलाला गिर केशर आम भी कहा जाता है. उसके साथ ही जैपनीज बैगन, जापान के मियाजाकी शहर के नाम से प्रसिद्ध टाइयो नो टमैंगो, जिसे मियाजाकी आम के साथ EGG ऑफ SUN यानी सूर्य का अंडा भी कहा जाता है. नेपाल का केशर बादाम आम, चीन का आइवरी हाथी दांत, अमेरिका के फ्लोरिडा में पैदा होने बाला मेंगीफेरा 'टॉमी' एटकिंस जिसे ब्लैक मेंगो भी कहा जाता है. इसके साथ ही आठ इंटरनेशनल आम की वैरायटी के साथ दो दर्जन से ज्यादा इंडियन आमों की वैरायटी इस बागान में लगाई गई है. जिसकी सुरक्षा किसी Z प्लस सुरक्षा से कम नहीं है.
दुनिया का सबसे महंगा आम है मियाजाकी: इसके साथ ही संकल्प सिंह कहते हैं कि जापान के इस मियाजाकी आम को दुनिया का सबसे महंगा आम कहा जाता है. यह जापान के मियाजाकी प्रान्त में ही उगाया जाता है. उसी के नाम पर इसका भी नाम मियाजाकी है. लाखों में कीमत होने के कारण जापान में तो इसकी बोली लगाई जाती है. जिसकी भारतीय रुपयों में कीमत 2 लाख 70 हजार रुपए है. इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि चीन में पाया जाने बाला "आइवरी" जिसे हाथी दांत और 2KG आम भी कहा जाता है. इस आम का औसत वजन 2 से 3 किलो तक का होता है. कई बार 4 किलो तक के भी आम मार्केट में देखे जा चुके हैं. ये आम एक फीट से डेढ़ फीट तक लंबे होते हैं. इसके पेड़ों पर जनवरी महीने में ही बौर आने शुरू हो जाते हैं और जून के आखिर तक फल पककर तैयार होते हैं. इनकी गुठली का वजन भी सौ से दो सौ ग्राम तक होता है. यह बाकी आमों के मुकाबले बड़ा होता है और देखने में अलग नजर आता है. इसलिए अमीर परिवार इस आम के लिए बड़ी कीमत अदा करने को भी तैयार रहते हैं.
कुछ खबरें यहां पढ़ें |
विदेशी और देसी नस्ल के डॉग की सुरक्षा में आम: इस साल इन आमों की सुरक्षा में 8 नहीं 10 बड़े और 6 छोटे विदेशी नस्ल के और 3 देसी डॉग को तैनात किया गया है. इसके अलावा 3 सुरक्षा गार्ड भी हैं, जो कि 24 घंटे मियाजाकी आम की सुरक्षा में तैनात रहते हैं. इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. जिनके जरिए भी निगरानी की जाती है. संकल्प सिंह ने आम की सुरक्षा के लिए विदेशी और खतरनाक डॉग पाल रखे हैं जो कि 'मियाजाकी' के पास आने वालों के लिए यमराज से कम नहीं हैं. संकल्प सिंह परिहार ने बताया कि यह आम के फल उनके लिए बच्चों के समान हैं. यही वजह है कि उन्होंने बागान में आने वाले लोगों से अपील की है कि वह ब्लैक मेंगो, जंबो ग्रीन और 'मियाजाकी, आम' को देखें और उसके साथ सेल्फी भी लें, लेकिन इसे छुए नहीं. उनका कहना है कि यह आम बहुत ही नाजुक होता है और जरा सा धक्का लगने से ही है टूट जाता है. लिहाजा संकल्प सिंह ने लोगों से निवेदन किया है कि इसे टच ना करें.