रायपुर : आम फलों का राजा है. लेकिन बात यदि किस्मों की हो तो ये फल दूसरों फलों के मुकाबले अपनी बादशाहत बरकरार रखे हुए है. यही वजह है कि इस फल को लेकर लोगों की दीवानगी देखते ही बनती है.छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आमों की प्रदर्शनी लगाई गई है. जिसमें आम के 200 से ज्यादा प्रकार लोगों को देखने को मिले.
छोटू से लेकर मोटू आमों का जलवा : आमों की प्रदर्शनी में हर किस्म के आम लाए गए थे. इस प्रदर्शनी में बेर के साइज से लेकर तरबूज के साइज के आमों को देखने का मौका लोगों को मिला. इस प्रदर्शनी का सबसे छोटा आम याकूर्ती था, तो हाथी झूल आम ने लोगों को ये बताया कि आम का साइज किसी से कम नहीं है.इस आम का वजन साढ़े तीन किलो तक होता है.
आमों की खुश्बू ने जीता दिल : प्रदर्शनी देखने पहुंचे शिल्पी नागर के मुताबिक " आमों की प्रदर्शनी कार्यक्रम एक बहुत अच्छी पहल है. पहली बार आम की प्रदर्शनी छत्तीसगढ़ में लगाई गई है. जहां सभी प्रकार के आमों की किस्में मौजूद हैं. जब मैं प्रतियोगिता देखने पहुंची तो बहुत अच्छा अनुभव हुआ. गेट से अंदर घुसते ही आमों की खुशबू आ रही थी. प्रदर्शनी देखने की शुरुआत की तो शुरू से लेकर आखिरी तक मैंने आज तक अपने जीवन में कभी आमों की इतनी किस्में नहीं देखी."
18 जिलों के 40 किसानों ने लगाई प्रदर्शनी : प्रकृति की ओर सोसाइटी के सचिव मोहन वल्यानी ने बताया " रायपुर में पहली बार आयोजित आम प्रतियोगिता का आयोजन प्रकृति की ओर सोसायटी, छत्तीसगढ़ उद्यानिकी विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ पंजाबी सनातन समाज के संयुक्त प्रयास से हुआ. इस आयोजन के लिए हम पिछले 2 साल से प्रयासरत थे. इस कार्यक्रम को इतना अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. जिसकी हमें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी. हमारे पास बहुत सारी एंट्रियां आई है. 200 से अधिक आमों की किस्में इस प्रतियोगिता में देखने को मिली
छत्तीसगढ़ के 18 जिलों से आए किसान : आम की प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के 18 जिलों से 40 किसानों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है. इसके अलावा सूरजपुर के किसान आए हैं. जिन्होंने विदेशी प्रजातियों के आमों को प्रदर्शित किया है. जिसमें 2 लाख 82 हजार रुपए के मियाजाकी आम का प्रदर्शन किया है .इसके अलावा अमेरिका ,फिलिपिंस, बांग्लादेश जापान, फ्लोरिडा जैसे 6 देशों के आम प्रदर्शित किए गए हैं."
छत्तीसगढ़ में बनाई गई आम की नस्लें : इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य की बनाई गई आम की नस्ल की प्रदर्शनी भी लगाई गई. छत्तीसगढ़ राज्य ने आम की छह नस्लें तैयार की है. जिसे तैयार करने में 15 साल का समय लगा. इनमें छत्तीसगढ़ पवन , छत्तीसगढ़ स्वर्ण प्रभा, छत्तीसगढ़ गौरव, छत्तीसगढ़ अचार, छत्तीसगढ़ राज, छत्तीसगढ़ नंदराज यह सारी आमों की प्रजाति छत्तीसगढ़ में तैयार की गई है.
भारत में दुनिया भर के 50 फीसदी आम : दुनिया भर में जितने आम की किस्में पाई जाती हैं, उनमें से 50 प्रतिशत आमों की किस्में अकेले भारत में पाई जाती है.कहा जाता है कि दुनिया मे 1500 आम की किस्में है. उनमें से लगभग 700 से 800 आमों की किस्में भारत के अलग-अलग राज्यों में पाई जाती है. इसलिए आम को फलों का राजा भी कहा जाता है.
17 जून से शुरू हुए तीन दिवसीय प्रतियोगिता का आज समापन है. इस प्रतियोगिता में शामिल होने वाले किसानों को आमों की पैदावार और आमों की किस्मों को तैयार करने और उनकी खेती करने जैसे अलग-अलग कैटेगरी में पुरस्कार दिए जाएंगे17 जून से 19 जून तक चलने वाले इस आम प्रतियोगिता में तीन दिवसीय अलग-अलग टीम का भी आयोजन किया गया. पहले दिन 17 जून को पंजाबी थीम पर प्रोग्राम आयोजित किए गए. 18 जून को गुजराती थीम पर प्रोग्राम आयोजित किया गया और 19 जून समापन के दिन सिंधी सीमा पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया.