दरभंगा : बिहार के दरभंगा में अतिक्रमण मुक्त कराने आई पुलिस टीम के सामने एक शख्स ने आत्मदाह का प्रयास किया. यह घटना कमतौल थाना क्षेत्र के पिंडारूछ गांव की है. बताया जाता है कि लगातार तीसरी बार एक ही घर को अतिक्रमण मुक्त कराने से क्षुब्ध होकर गृहस्वामी संजीव चौधरी ने की आत्मदाह की कोशिश की. मौके पर मौजूद स्थानीय लोग व प्रशासनिक पहल से संजीव चौधरी की जान बच गई.
घायल संजीव चौधरी की हालत नाजुक : घटना के बाद घायल को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. यहां से उसे बेहतर इलाज के लिए DMCH रेफर कर दिया गया. DMCH पहुंचने के बाद संजीव चौधरी की हालत नाजुक देखते हुए उसे पटना रेफर कर दिया गया है. पटना जाने में अधिक समय लगने के डर से परिजन निजी नर्सिंग होम में इलाज करवा रहे हैं. वहीं घटना के बाद गांव में आक्रोश व्याप्त है.
हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे सीओ : घटना के संबंध में बताया जा रहा है की कमतौल थाना क्षेत्र के पिंडारुछ गांव में बुधवार को केवटी सीओ चंदन कुमार हाईकोर्ट के आदेश पर घर को अतिक्रमण मुक्त करने पहुंचे थे. उसी क्रम में कथित अतिक्रमणकारी संजीव चौधरी ने सीओ से कहा कि एक ही घर को तीन-तीन बार क्यों प्रशासन तोड़ रहा है? इसपर सीओ ने कहा कि कोर्ट का आदेश है. बस इसी बात से क्षुब्ध होकर संजीव चौधरी ने आत्मदाह की कोशिश की. मौके पर मौजूद जवान उसे बचाने के क्रम में स्वयं झुलस गए.
बचाने में पुलिस के जवान की वर्दी जली : मौके पर मौजूद घायल अंचल गार्ड देव कुमार सिंह ने बताया कि हमलोग अंचलधिकारी के साथ अतिक्रमण खाली करवाने गए थे. इसमें जिला से भी पुलिस बल को मंगवाया गया था. गाड़ी एक जगह मंदिर के पास रुकी. सभी लोग आगे बढ़े. सीओ और अमीन को बुलाने के लिए अंदर गए तो संजीव चौधरी हाथ में आग का गोला जैसा रखकर हाथ फैलाए हुए दौड़ रहा था. इससे भगदड़ मच गई.
"आग लिए दौड़ रहे संजीव के सामने ही हम थे. इसी क्रम में हम गिर गए तो वह हमको पकड़ लिया. इसके बाद दो फोर्स के लोग हमको खींच कर अलग किए. उसी में मेरी वर्दी जल गई. लेकिन हम बच गए. हमारे साथ एक और गार्ड कैलाश यादव को भी थोड़ी सी चोट आई है."- देव कुमार सिंह, अंचल गार्ड
पहले भी तीन बार तोड़ा जा चुका है घर : परिजनों को अनुसार सुमित चौधरी, नागेन्द्र चौधरी व संजीव चौधरी तीन भाई के बीच जमीन विवाद चल रहा है. इस कारण कोर्ट के आदेश पर स्थानीय प्रशासन ने केवटी के तत्कालीन सीओ रहे संतोष कुमार सुमन ने वर्ष 2019 में संजीव चौधरी का घर तोड़ अतिक्रमण मुक्त कराया था. फिर पांच महीना पूर्व सीओ बसंत चौधरी ने संजीव के घर को तोड़ अतिक्रमण मुक्त किया था. आज सीओ चंदन कुमार ने संजीव के घर को ही तोड़ने पहुंचे थे.
"यह मामला सालों पुराना है. प्रशासन की ओर से दो बार संजीव चौधरी का घर तोड़ा गया है. अगर संजीव चौधरी की ही गलती थी तो एक बार में ही पूरा अतिक्रमण हटा लेते. लेकिन बार-बार घर में तोड़फोड़ करने से संजीव चौधरी आहत थे." - नीरज मिश्रा, परिजन
काफी गरीब है घायल संजीव चौधरी : इसी बात से पीड़ित क्षुब्ध था. ग्रामीणों ने का कहना है कि प्रशासन के रवैया से तंग आकर संजीव ने इस प्रकार का कदम उठाया. बार-बार घर तोड़े जाने के कारण वह आहत हो गया था. ग्रामीणों की माने तो संजीव इतना गरीब है कि डीलर के यहां से मिल रहे अनाज के बल पर बाल बच्चे का भरण पोषण करता है.
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