सूरत: गुजरात की एक विशेष अदालत ने एक नाबालिग लड़की के अपहरण, बलात्कार और हत्या के मामले में 31 साल के व्यक्ति को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई. अपराध किए जाने के चार महीने से भी कम समय बाद यह फैसला सुनाया गया है.
विशेष पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत के न्यायाधीश डी.पी. गोहिल ने मध्य प्रदेश से सटे अनूपपुर जिले के मूल निवासी रामप्रसाद महेश सिंह को तीन साल, नौ महीने की बच्ची का अपहरण और यौन उत्पीड़न करने और फिर गला दबाकर उसकी हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाई. विशेष लोक अभियोजक नयन सुखाड़वाला ने कहा कि अपराध 14 अप्रैल को किया गया था और पुलिस ने 27 अप्रैल को आरोप पत्र दाखिल किया था. 30 अप्रैल को आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए गए और दिन-प्रतिदिन सुनवाई की गई.
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अदालत ने पीड़ित परिवार को मुआवजा योजना के तहत तीन लाख रुपए का भुगतान करने का भी आदेश दिया. सुखाड़वाला ने कहा कि अगर मामले की अध्यक्षता कर रहे पूर्व न्यायाधीश का तबादला नहीं किया गया होता तो फैसला बहुत पहले सुनाया जा चुका होता. मामले के विवरण के अनुसार, पीड़िता अपने परिवार के सदस्यों के साथ सूरत शहर के पुना इलाके में एक फुटपाथ पर सो रही थी, जब दोषी ने उसका अपहरण कर लिया. वह उसे एक सुनसान जगह पर ले गया जहां उसने यौन उत्पीड़न किया और बाद में नाबालिग लड़की की हत्या कर दी.
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पुलिस के मुताबिक, शख्स ने शव को गड्ढे में फेंककर और उसे कचरे और पत्थरों से ढककर सबूत मिटाने की कोशिश की. उसके खिलाफ पुना पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 376 (ए) (बी) (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 302 (हत्या), 201 (सबूत गायब करना) और पॉक्सो एक्ट के प्रावधान के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.