नई दिल्ली : बंगाल की राजधानी कोलकाता में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिवस पर शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के व्यवहार पर विश्व हिन्दू परिषद ने कड़ी आपत्ती जताते हुए इसे भगवान राम का अपमान बताया है.
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस मामले में रविवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कल बंगाल में बोस की धरती पर देश के प्रधानमंत्री और राज्यपाल की उपस्थिती में ममता दीदी ने मंच से न केवल राम भक्तों का निरादर और तिरस्कार किया, बल्कि श्री राम का भी अपमान किया है, जो एक अक्षम्य अपराध है.
हिन्दू समाज इस बात को अच्छी तरह से समझ चुका है कि तीस प्रतीशत के लिए किस तरह से सत्तर प्रतिशत जनता को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है. वह अपनी सत्ता और अधिकारों का दुरुपयोग कर रही हैं.
विहिप प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा है कि बंगाल में इस्लामिक जिहादियों और रोहंगिया-बांग्लादेशियों पर तो वह ममता बरसाती हैं, लेकिन अपने राज्य में हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने पर तुली हुई हैं.
ममता बनर्जी के पास कल एक अच्छा अवसर था कि जब लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए तब वह मंच से जय श्री राम के नारे को और बुलंद कर सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. विहिप प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी ने न केवल श्री राम और राम भक्तों का बल्कि देश के संविधान का भी अपमान किया है. क्योंकि संविधान की मूल प्रति पर भी भगवान श्री राम के दरबार का चित्र है.
विनोद बंसल ने ममता दीदी को जिहादियों के हाथों की कठपुतली करार देते हुए कहा है कि बंगाल की जनता सब समझ रही है कि ऐसा वह सेक्युलर माफियाओं को खुश करने के लिये कर रही हैं. उनको राम नाम से डर लगने लगा है. यदि ममता ने बंगाल की जनता से राम नाम लेने का अधिकार छीनने की कोशिश की तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
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ममता बनर्जी ने शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान महज इसलिये संबोधित करने से इंकार कर दिया था क्यूंकि उनके आने पर कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाये थे. ममता बनर्जी ने इस नारेबाजी को अपना अपमान बताते हुए इसके विरोध में अपना भाषण देने से इनकार कर दिया था.