कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को यह कहकर विवादों में घिर गईं कि मुहम्मद बिन तुगलक ने देश की राजधानी को दिल्ली से कोलकाता स्थानांतरित कर दिया था. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मुहम्मद बिन तुगलक की तरह इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है, जो राजधानी को दिल्ली से कोलकाता स्थानांतरित करने के लिए जाना जाता है. बनर्जी ने गुरुवार दोपहर अपने कालीघाट आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही.
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि 'मैंने सुना है कि मुहम्मद बिन तुगलक ने राजधानी को दिल्ली से बदलकर कोलकाता कर दिया था. मैंने कभी नहीं सुना कि सड़कों के नाम बड़े पैमाने पर बदले जा रहे हों. अगर किसी प्रतिष्ठान का नाम किसी क्रांतिकारी के नाम पर है तो ठीक है. लेकिन कोई इस तरह से इतिहास कैसे बदल सकता है?'
केंद्र के नोटबंदी और जीएसटी के फैसले की आलोचना करते हुए बनर्जी ने कहा कि पहले 1,000 रुपये और फिर 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस ले लिया गया, अब पाठ्यपुस्तकों में बदलाव की कोशिश की जा रही है. उन्होंने पूछा कि क्या बीजेपी तुगलक की तरह इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है? यह सब क्या है?
विशेष रूप से, भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड हार्डिंग के शासनकाल के दौरान, अंग्रेजों द्वारा भारत की राजधानी को तत्कालीन कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था. दूसरी ओर, मुहम्मद बिन तुगलक ने राजधानी का नाम बदलकर दौलताबाद रखते हुए इसे दिल्ली से देवगिरी स्थानांतरित कर दिया था. ऐसा लगता है कि बनर्जी ने देवगिरी को कोलकाता समझ लिया है.
आपको याद दिला दें कि दो महीने पहले बनर्जी का उस समय मजाक उड़ाया गया था, जब उन्होंने अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा को बॉलीवुड फिल्म निर्माता राकेश रोशन समझ लिया था. उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर इसरो को बधाई देते हुए कहा कि जब राकेश रोशन चांद पर उतरे तो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा कि वहां से भारत कैसा दिखता है.
कुछ दिनों बाद, तृणमूल छात्र परिषद की स्थापना दिवस की सालगिरह को संबोधित करते हुए, बनर्जी ने एक और विचित्र बयान दिया और दावा किया कि मानव रहित मिशन होने के बावजूद इंदिरा गांधी चंद्रमा पर गईं. इससे पहले, बनर्जी ने नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी का उल्लेख 'अभिषेक बाबू' के रूप में किया था.