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ममता ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए 'और एक दफा दिल्ली चलो' का किया आह्वान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए 'और एक दफा दिल्ली चलो' का आह्वान किया है.ममता कोलकाता में बुधवार से दो दिवसीय धरने पर बैठी हैं.

Mamata Banerjee
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
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Published : Mar 30, 2023, 10:24 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के प्रति केंद्र सरकार के कथित भेदभाव के खिलाफ यहां रात भर धरने पर बैठी रहीं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कट्टर प्रतिद्वंद्वी भाजपा पर हमला जारी रखा और इसे सत्ता से बेदखल करने के लिए 'और एक दफा दिल्ली चलो' का आह्वान किया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शहर के बीचों-बीच स्थित रेड रोड पर डॉ. बी आर आंबेडकर की प्रतिमा के सामने केंद्र के कथित भेदभावपूर्ण रवैये के विरोध में कोलकाता में बुधवार से दो दिवसीय धरने पर बैठी हैं. उनके साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कई नेता एवं कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे हैं जिनमें फिरहाद हकीम और अरूप बिस्वास भी शामिल हैं.

आंबेडकर प्रतिमा से ममता की ओर से 'और एक दफा दिल्ली चलो' का आह्वान किया गया. अब से 80 साल पहले सिंगापुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया था. धरने पर बड़ी संख्या में ममता समर्थक जुटे थे.

उन्होंने बुधवार को अपने रुख में बदलाव करते हुए सभी राजनीतिक दलों से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ने का आग्रह किया था.

इससे पहले, ममता ने कांग्रेस एवं भाजपा दोनों से समान दूरी बनाए रखने का फैसला किया था, लेकिन बुधवार का उनका बयान उनके पुराने रुख से अलग है.

कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाई-प्रोफाइल नेताओं की मौजूदगी और उन्हें खतरा हो सकने की आशंका को ध्यान में रखते हुए धरना स्थल और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी.

मुख्यमंत्री ने राज्य को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और आवासीय एवं सड़क विभाग की योजनाओं के तहत केंद्र द्वारा कथित रूप से निधि जारी नहीं किए जाने के खिलाफ बुधवार दोपहर से धरना शुरू किया.

ममता ने बुधवार को कहा था कि 2024 के संसदीय चुनाव देश के नागरिकों और भाजपा के बीच की लड़ाई होंगे. उन्होंने कहा था कि भाजपा को हराने और देश के गरीबों की रक्षा के लिए सभी धर्मों के लोगों को एकजुट होना चाहिए. उन्होंने भाजपा को दुशासन और दुर्योधन (महाभारत महाकाव्य के दो खलनायक) के रूप में वर्णित किया था.

शहर में पंचायत चुनाव से पहले राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार करते हुए कहा था कि 2023 के स्थानीय निकाय चुनावों में सीट आरक्षण मानदंड को लेकर याचिकाकर्ता शुभेंदु अधिकारी की दलील में दम है. अदालत के इस फैसले के साथ पंचायत चुनाव को हरी झंडी मिल गई.

ममता के धरने के अलावा उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी एवं भाजपा के शुभेंदु अधिकारी की रैलियों और वाम-कांग्रेस गठबंधन के मार्च के कारण राज्य में राजनीतिक पारा चढ़ गया है.

पढ़ें- केंद्र सरकार के खिलाफ रातभर धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के प्रति केंद्र सरकार के कथित भेदभाव के खिलाफ यहां रात भर धरने पर बैठी रहीं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कट्टर प्रतिद्वंद्वी भाजपा पर हमला जारी रखा और इसे सत्ता से बेदखल करने के लिए 'और एक दफा दिल्ली चलो' का आह्वान किया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शहर के बीचों-बीच स्थित रेड रोड पर डॉ. बी आर आंबेडकर की प्रतिमा के सामने केंद्र के कथित भेदभावपूर्ण रवैये के विरोध में कोलकाता में बुधवार से दो दिवसीय धरने पर बैठी हैं. उनके साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कई नेता एवं कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे हैं जिनमें फिरहाद हकीम और अरूप बिस्वास भी शामिल हैं.

आंबेडकर प्रतिमा से ममता की ओर से 'और एक दफा दिल्ली चलो' का आह्वान किया गया. अब से 80 साल पहले सिंगापुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया था. धरने पर बड़ी संख्या में ममता समर्थक जुटे थे.

उन्होंने बुधवार को अपने रुख में बदलाव करते हुए सभी राजनीतिक दलों से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ने का आग्रह किया था.

इससे पहले, ममता ने कांग्रेस एवं भाजपा दोनों से समान दूरी बनाए रखने का फैसला किया था, लेकिन बुधवार का उनका बयान उनके पुराने रुख से अलग है.

कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाई-प्रोफाइल नेताओं की मौजूदगी और उन्हें खतरा हो सकने की आशंका को ध्यान में रखते हुए धरना स्थल और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी.

मुख्यमंत्री ने राज्य को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और आवासीय एवं सड़क विभाग की योजनाओं के तहत केंद्र द्वारा कथित रूप से निधि जारी नहीं किए जाने के खिलाफ बुधवार दोपहर से धरना शुरू किया.

ममता ने बुधवार को कहा था कि 2024 के संसदीय चुनाव देश के नागरिकों और भाजपा के बीच की लड़ाई होंगे. उन्होंने कहा था कि भाजपा को हराने और देश के गरीबों की रक्षा के लिए सभी धर्मों के लोगों को एकजुट होना चाहिए. उन्होंने भाजपा को दुशासन और दुर्योधन (महाभारत महाकाव्य के दो खलनायक) के रूप में वर्णित किया था.

शहर में पंचायत चुनाव से पहले राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार करते हुए कहा था कि 2023 के स्थानीय निकाय चुनावों में सीट आरक्षण मानदंड को लेकर याचिकाकर्ता शुभेंदु अधिकारी की दलील में दम है. अदालत के इस फैसले के साथ पंचायत चुनाव को हरी झंडी मिल गई.

ममता के धरने के अलावा उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी एवं भाजपा के शुभेंदु अधिकारी की रैलियों और वाम-कांग्रेस गठबंधन के मार्च के कारण राज्य में राजनीतिक पारा चढ़ गया है.

पढ़ें- केंद्र सरकार के खिलाफ रातभर धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी

(पीटीआई-भाषा)

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