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'डब्ल्यूएचओ में बड़े सुधारों की तत्काल आवश्यकता' जानें वजह - Health Minister Harsh Vardhan latest news

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि भारत का मानना ​​​​है कि भविष्य की संभावित महामारियों के खिलाफ समय से तथा प्रभावी कदम सुनिश्चित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में व्यापक सुधारों की तत्काल आवश्यकता है.

हर्षवर्धन
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Published : Jun 30, 2021, 7:51 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Union Health Minister Harsh Vardhan) ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 (COVID-19) महामारी से उत्पन्न वैश्विक संकट वायरस के लगातार विकसित होने वाले नए स्वरूपों से और गहरा हो गया है. उन्होंने इससे मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं के संबंध में देशों के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि भारत मौजूदा स्थिति का प्रबंधन करने और भविष्य के किसी भी संकट को कम करने के लिए दीर्घकालिक उपाय सुनिश्चित करने के लिए मुख्य क्षमताओं को बढ़ाने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत का भी मानना ​​​​है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन में बड़े सुधारों की तत्काल आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने स्वास्थ्य और आर्थिक मोर्चों पर एससीओ सदस्य देशों को गहरा झटका दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का मानना ​​​​है कि इस मुद्दे पर द्विपक्षीय विचार के अलावा एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण की भी आवश्यकता है जो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की गतिशीलता के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार करेगा.

हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ने इंस्टीट्यूट फॉर वन हेल्थ ऑफ इंटरनेशनल स्टैंडर्ड (Institute for One Health of International Standards) की शुरुआत की है जिसका उपयोग भारत में अंतरराष्ट्रीय केंद्र के लिए किया जा सकता है और यह मौजूदा या संभावित खतरों पर गौर करेगा.

इसे भी पढ़ें : स्वास्थ्य-ऊर्जा पर डब्ल्यूएचओ के उच्चस्तरीय गठबंधन की पहली बैठक को हर्षवर्धन ने किया संबोधित


उन्होंने कहा कि कोविड टीकों के समय पर वितरण के लिए बड़े पैमाने पर डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया है. उन्होंने कहा कि भारत ने साझेदार देशों को टीके उपलब्ध कराने के लिए 'टीका मैत्री' भी शुरू की है.
(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Union Health Minister Harsh Vardhan) ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 (COVID-19) महामारी से उत्पन्न वैश्विक संकट वायरस के लगातार विकसित होने वाले नए स्वरूपों से और गहरा हो गया है. उन्होंने इससे मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं के संबंध में देशों के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि भारत मौजूदा स्थिति का प्रबंधन करने और भविष्य के किसी भी संकट को कम करने के लिए दीर्घकालिक उपाय सुनिश्चित करने के लिए मुख्य क्षमताओं को बढ़ाने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत का भी मानना ​​​​है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन में बड़े सुधारों की तत्काल आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने स्वास्थ्य और आर्थिक मोर्चों पर एससीओ सदस्य देशों को गहरा झटका दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का मानना ​​​​है कि इस मुद्दे पर द्विपक्षीय विचार के अलावा एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण की भी आवश्यकता है जो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की गतिशीलता के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार करेगा.

हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ने इंस्टीट्यूट फॉर वन हेल्थ ऑफ इंटरनेशनल स्टैंडर्ड (Institute for One Health of International Standards) की शुरुआत की है जिसका उपयोग भारत में अंतरराष्ट्रीय केंद्र के लिए किया जा सकता है और यह मौजूदा या संभावित खतरों पर गौर करेगा.

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उन्होंने कहा कि कोविड टीकों के समय पर वितरण के लिए बड़े पैमाने पर डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया है. उन्होंने कहा कि भारत ने साझेदार देशों को टीके उपलब्ध कराने के लिए 'टीका मैत्री' भी शुरू की है.
(पीटीआई-भाषा)

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