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घरेलू सहायिका बनी बीजेपी उम्मीदवार, बोलीं- लंगड़े पैरों से चुनाव कैसे लड़ेंगी दीदी - पूर्वी बर्धमान जिले के औसग्राम विधानसभा से बीजेपी उम्मीदवार

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. इन चुनावों में टीएमसी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है. इस बीच पूर्वी बर्धमान जिले के औसग्राम विधानसभा से बीजेपी ने एक घरेलू सहायिका कलिता माझी को टिकट देकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. कलिता माझी घरों में काम कर अपना और अपने परिवार का पेट पालती हैं.

घरेलू सहायिका बनीं बीजेपी की उम्मीदवारी
घरेलू सहायिका बनीं बीजेपी की उम्मीदवारी
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Published : Mar 22, 2021, 2:18 PM IST

औसग्राम (पूर्वी बर्धमान) : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को कुछ ही दिन रह गये. टीएमसी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है. इस बीच पूर्वी बर्धमान जिले के औसग्राम विधानसभा में बीजेपी ने एक कामवाली बाई अर्थात झाड़ू पोछा और बर्तन मांजने वाली को टिकट देकर चुनाव को बेहद ही दिलचस्प बना दिया है. यहां तक की पार्टी कार्यकर्ताओं को काफी देर बाद उम्मीदवार का पता चला.

यह कलिता माझी हैं जिसका गरीबी ने दामन थाम रखा है. दूसरों के घरों में काम कर वह अपना और अपने परिवार का पेट पालती हैं. चुनाव प्रचार के लिए कलिता ने काम से एक महीने की छुट्टी ली है. उनकी एक माह की छुट्टी का मतलब है उस महीने उसे और उसके परिवार को भूखा सोना पड़ेगा. इसके बावजूद कलिता ने चुनाव लड़ने का रास्ता चुना.

कलिता कहती हैं कि चुनाव प्रचार के लिए उसने चारों नियोक्ता (जिनके घर काम करती है) से छुट्टी ली हैं. उन घरों के सदस्यों ने भी प्रचार में ध्यान देने के लिए उसकी हौसला आफजाई की है.

औसग्राम विधानसभा सीट की उम्मीदवार के रूप में कलिता का नाम लिये जाने पर स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ता भी चौंक उठे थे. वहीं, पहली बार मीडिया का सामना कर रही कलिता भी हड़बड़ाहट में खुद को तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार कह बैठीं. बाद में वह भूल सुधार ली और खुद को बीजेपी की प्रत्याशी के रूप में पेंश किया.

हालांकि इस घटना के बाद स्थानीय बीजेपी नेताओं ने इस गलती को लेकर पार्टी हाईकमान का ध्यानाकर्षण भी किया. दूसरी तरफ, प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नियमित भाषण 'खेला होबे' पर कटाक्ष कर खुद को तेजतर्रार साबित भी कर रही है. कलिता ने ममता पर तंज कसते हुए कहा कि दीदी जब अपने टूटे पैरों की वजह से खड़ी नहीं हो पा रहीं हैं तो चुनाव कैसे लड़ेंगी.

इसके साथ ही वह इस चुनाव में अपनी जीत को लेकर काफी भरोसेमंद दिखती हैं. उसका कहना है कि कम से कम 25 हजार वोटों के अंतर से वह चुनाव जीतेगी.

कलिता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने के तरीकों से बेहद ही प्रभावित है और इसलिए वह बीजेपी से पिछले पांच सालों से जुड़ी है.

गौर हो कि कलिता माझी गुस्कारा नगरपालिका के वार्ड नं.-03 की निवासी हैं. उनके पति सुब्रत माझी प्लंबर का काम करते हैं. गरीबी के कारण वह पढ़ नहीं पायी और इसी मजबूरी के कारण वह लोगों के घरों में काम करती है. लेकिन आज वह बीजेपी की उम्मीदवारी लेने के बाद लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.

औसग्राम (पूर्वी बर्धमान) : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को कुछ ही दिन रह गये. टीएमसी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है. इस बीच पूर्वी बर्धमान जिले के औसग्राम विधानसभा में बीजेपी ने एक कामवाली बाई अर्थात झाड़ू पोछा और बर्तन मांजने वाली को टिकट देकर चुनाव को बेहद ही दिलचस्प बना दिया है. यहां तक की पार्टी कार्यकर्ताओं को काफी देर बाद उम्मीदवार का पता चला.

यह कलिता माझी हैं जिसका गरीबी ने दामन थाम रखा है. दूसरों के घरों में काम कर वह अपना और अपने परिवार का पेट पालती हैं. चुनाव प्रचार के लिए कलिता ने काम से एक महीने की छुट्टी ली है. उनकी एक माह की छुट्टी का मतलब है उस महीने उसे और उसके परिवार को भूखा सोना पड़ेगा. इसके बावजूद कलिता ने चुनाव लड़ने का रास्ता चुना.

कलिता कहती हैं कि चुनाव प्रचार के लिए उसने चारों नियोक्ता (जिनके घर काम करती है) से छुट्टी ली हैं. उन घरों के सदस्यों ने भी प्रचार में ध्यान देने के लिए उसकी हौसला आफजाई की है.

औसग्राम विधानसभा सीट की उम्मीदवार के रूप में कलिता का नाम लिये जाने पर स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ता भी चौंक उठे थे. वहीं, पहली बार मीडिया का सामना कर रही कलिता भी हड़बड़ाहट में खुद को तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार कह बैठीं. बाद में वह भूल सुधार ली और खुद को बीजेपी की प्रत्याशी के रूप में पेंश किया.

हालांकि इस घटना के बाद स्थानीय बीजेपी नेताओं ने इस गलती को लेकर पार्टी हाईकमान का ध्यानाकर्षण भी किया. दूसरी तरफ, प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नियमित भाषण 'खेला होबे' पर कटाक्ष कर खुद को तेजतर्रार साबित भी कर रही है. कलिता ने ममता पर तंज कसते हुए कहा कि दीदी जब अपने टूटे पैरों की वजह से खड़ी नहीं हो पा रहीं हैं तो चुनाव कैसे लड़ेंगी.

इसके साथ ही वह इस चुनाव में अपनी जीत को लेकर काफी भरोसेमंद दिखती हैं. उसका कहना है कि कम से कम 25 हजार वोटों के अंतर से वह चुनाव जीतेगी.

कलिता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने के तरीकों से बेहद ही प्रभावित है और इसलिए वह बीजेपी से पिछले पांच सालों से जुड़ी है.

गौर हो कि कलिता माझी गुस्कारा नगरपालिका के वार्ड नं.-03 की निवासी हैं. उनके पति सुब्रत माझी प्लंबर का काम करते हैं. गरीबी के कारण वह पढ़ नहीं पायी और इसी मजबूरी के कारण वह लोगों के घरों में काम करती है. लेकिन आज वह बीजेपी की उम्मीदवारी लेने के बाद लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.

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