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महाराष्ट्र : उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद सार्वजनिक परिवहन के करीब 40 डिपो बंद

कर्मचारियों को हड़ताल पर नहीं जाने के बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के 40 से अधिक डिपो पर बृहस्पतिवार को भी कोई कर्मचारी काम पर नहीं आया.

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Published : Nov 4, 2021, 2:46 PM IST

bombay high court
bombay high court

मुंबई : कर्मचारियों को हड़ताल पर नहीं जाने के बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के 40 से अधिक डिपो पर बृहस्पतिवार को भी कोई कर्मचारी काम पर नहीं आया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि पूर्वाह्न 10 बजे तक एमएसआरटीसी के 250 डिपो में से करीब 40 डिपो कर्मचारियों की हड़ताल पर होने की वजह से बंद रहे. एमएसआरटीसी के कर्मचारी परिवहन निगम का विलय राज्य सरकार में करने की मांग कर रहे हैं.

कर्मचारी संघों के सूत्रों ने बताया कि एमएसआरटीसी के कर्मचारियों का एक धड़ा नकदी संकट से जूझ रहे निगम का विलय राज्य सरकार से करने की मांग को लेकर 28 अक्टूबर से ही हड़ताल पर है.

कर्मचारी संघ के एक नेता ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि बृहस्पतिवार की सुबह 59 डिपो बंद थे लेकिन बाद में कुछ डिपो में पूर्वाह्न 10 बजे तक काम दोबारा शुरू हो गया लेकिन 45 डिपो तब भी बंद थे.

पढ़ें :- पश्चिम बंगाल में निजी बस ऑपरेटरों ने बस किराया बढ़ाने की मांग की

उच्च न्यायालय ने एमएसआरटीसी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर बुधवार शाम को सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि निगम के कर्मचारी हड़ताल पर जाने से बचे. न्यायालय बृहस्पतिवार को इस याचिका पर आगे की सुनवाई करेगा.

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने बुधवार को कहा था कि एमएसआरटीसी का राज्य सरकार से विलय करने और घाटे में चल रहे निगम से संबंधित अन्य मांगों पर दिवाली के बाद बातचीत होगी.

गौरतलब है कि एमएसआरटीसी देश के सबसे बड़े परिवहन निगमों में से एक है जिसके बेड़े में 16 हजार से अधिक बसें और करीब 93 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. कोरोना वायरस महमारी से पहले निगम के बसों में रोजाना 65 लाख यात्री सफर करते थे.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : कर्मचारियों को हड़ताल पर नहीं जाने के बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के 40 से अधिक डिपो पर बृहस्पतिवार को भी कोई कर्मचारी काम पर नहीं आया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि पूर्वाह्न 10 बजे तक एमएसआरटीसी के 250 डिपो में से करीब 40 डिपो कर्मचारियों की हड़ताल पर होने की वजह से बंद रहे. एमएसआरटीसी के कर्मचारी परिवहन निगम का विलय राज्य सरकार में करने की मांग कर रहे हैं.

कर्मचारी संघों के सूत्रों ने बताया कि एमएसआरटीसी के कर्मचारियों का एक धड़ा नकदी संकट से जूझ रहे निगम का विलय राज्य सरकार से करने की मांग को लेकर 28 अक्टूबर से ही हड़ताल पर है.

कर्मचारी संघ के एक नेता ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि बृहस्पतिवार की सुबह 59 डिपो बंद थे लेकिन बाद में कुछ डिपो में पूर्वाह्न 10 बजे तक काम दोबारा शुरू हो गया लेकिन 45 डिपो तब भी बंद थे.

पढ़ें :- पश्चिम बंगाल में निजी बस ऑपरेटरों ने बस किराया बढ़ाने की मांग की

उच्च न्यायालय ने एमएसआरटीसी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर बुधवार शाम को सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि निगम के कर्मचारी हड़ताल पर जाने से बचे. न्यायालय बृहस्पतिवार को इस याचिका पर आगे की सुनवाई करेगा.

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने बुधवार को कहा था कि एमएसआरटीसी का राज्य सरकार से विलय करने और घाटे में चल रहे निगम से संबंधित अन्य मांगों पर दिवाली के बाद बातचीत होगी.

गौरतलब है कि एमएसआरटीसी देश के सबसे बड़े परिवहन निगमों में से एक है जिसके बेड़े में 16 हजार से अधिक बसें और करीब 93 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. कोरोना वायरस महमारी से पहले निगम के बसों में रोजाना 65 लाख यात्री सफर करते थे.

(पीटीआई-भाषा)

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