नई दिल्ली: हिंदू धर्म में भगवान शंकर आस्था के बड़े प्रतीकों में एक हैं. इनके कई नाम और इन से जुड़े कई व्रत/त्योहार भी हैं. इसमें से एक है महेश नवमी व्रत. धार्मिक विद्वानों के अनुसार शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान शिव को समर्पित महेश नवमी व्रत मनाया जाता है. इस बार सोमवार को यह व्रत होने के कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है. महेश्वरी समाज के से जुड़े लोग इस त्योहार को बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं. महेश्वरी समाज से जुड़े लोगों की मान्यता है कि महेश नवमी के दिन ही भगवान शंकर की कृपा से महेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी. मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना और दान करने से कई कष्टों से मुक्ति मिलती है.
नवमी तिथि की शुरुआत 28 मई की सुबह से है. नवमी का समापन 29 मई की सुबह 11.49 बजे होगा. उदय तिथि 29 मई यानि आज है. इसलिए आज के दिन महेश नवमी मनाया जा रहा है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8.51 बजे से सुबह 10.34 बजे तक है. वहीं प्रदोषकाल मुहूर्त शाम 5.29 बज से रात्रि 8.29 बजे तक रहेगा.
महेश नवमी करने के लिए सबसे पहले साफ-सफाई कर स्नान कर रहे हैं. स्नान ध्यान कर भगवान शिव को सबसे पहले गंगा-जल चढ़ायें. पास में कोई शिव मंदिर हो तो वहां जाकर पूजा-पाठ करें. इसके बाद भोले शंकर को फल-फूल चढ़ायें, मंत्रोच्चारण के बीच धूप-दीप, दूध-दही, भांग, बेलपत्र अर्पित कर कष्टों से मुक्ति का फल मांगें. इस दौरान शिव मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करना ज्यादा लाभदायक है.