श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने परोक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले शासन की तुलना पूर्व पाकिस्तानी सैन्य तानाशाह जनरल मुहम्मद जिया-उल-हक के शासन से की (Mufti likens govt of India to Gen Zia) है. उन्होंने भाजपा पर लोगों के दिमाग में 'जहर' भरने का आरोप भी लगाया (bjp poisoning people's minds). महबूबा ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने 1947 में भारत से हाथ मिलाया था, लेकिन भाजपा के कारण 'कश्मीरी अब भारत के खिलाफ होते जा रहे हैं.'
बुधवार को महबूबा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नाम लिए बिना कहा, 'हमारे देश में जो हो रहा है वह सब देख रहे हैं. हमारे लोकतंत्र और संविधान को नष्ट किया जा रहा है...जनरल जिया-उल-हक के शासन और आज के भारत में क्या अंतर है? वे हमारे देश को जहर दे रहे हैं , जैसे पाकिस्तानी शासक ने वहां किया था.'
हड़ताल खत्म करने के लिए सेना का प्रयोग
भाजपा पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए महबूबा ने कहा, केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने पूरे जम्मू-कश्मीर को एक प्रयोगशाला में बदल दिया है. यहां दैनिक आधार पर प्रयोग किए जाते हैं. सरकार अब सेना का इस्तेमाल कर अपने उद्देश्यों को पूरा करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि पीडीडी कर्मचारियों के हालिया हड़ताल से स्पष्ट है कि वह दिन दूर नहीं जब भारत के अन्य भागों में भी सैन्य प्रयोग से कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराई जाएगी.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बिजली के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ विद्युत विकास विभाग (पीडीडी) के कर्मियों ने हड़ताल की थी. बाद में 21 दिसंबर को हड़ताल वापस ले लिया गया. पीडीडी की स्ट्राइक के कारण केन्द्र शासित प्रदेश- जम्मू-कश्मीर में बिजली की किल्लत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट में देखा गया था कि हड़ताल पर गए जम्मू कश्मीर बिजली विकास विभाग के कर्मचारियों को तितर-बितर करने के लिए कथित तौर पर सेना का इस्तेमाल किया गया.
जम्मू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने हाल में पाकिस्तान में एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या किए जाने का जिक्र किया और कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने तत्परता से इसकी आलोचना की, वहीं भारत में इस तरह की घटनाओं में शामिल लोगों को माला पहनाई जा रही है.
भारतीयों का ध्रुवीकरण कर रहे सैकड़ों जिन्ना
मुफ्ती ने कहा कि भारत और मुसलमानों को विभाजित करने के लिए पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने द्वेष भावना भरी थी, आज, सैकड़ों जिन्ना भारतीयों का ध्रुवीकरण कर रहे हैं. वे उस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं जिसने स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं निभाई.'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज वे राष्ट्रवादी होने का दावा करते हैं और अपने प्रतिद्वंद्वियों को गद्दार और देशद्रोही बताते हैं. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनमें से कोई भी जेल नहीं गया. वे कुछ साल पहले तक अपने मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज भी नहीं फहराते थे.' हालांकि, मुफ्ती ने कहा कि यह 'गंगा-जमुनी तहजीब' की जगह है और 'गोडसे' (महात्मा गाधी के हत्यारे) की राजनीति काम नहीं करेगी.
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पीडीपी प्रमुख ने 1971 और 1999 के युद्धों में जीत के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की सराहना की. मुफ्ती ने सवाल किया कि मौजूदा शासन ने क्या किया जब 'चीन ने लद्दाख में जमीन का एक बड़ा हिस्सा ले लिया और अरुणाचल प्रदेश में बस्तियां बसाई.'
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पीडीपी प्रमुख ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नारे 'एक देश, एक विधान, एक प्रधान, एक निशान' को कश्मीर मुद्दे का मूल कारण बताते हुए कहा कि इसने जम्मू कश्मीर के लोगों के बीच कलह पैदा की जिन्होंने 'द्वि-राष्ट्र' सिद्धांत को खारिज कर दिया था.
(एजेंसी इनपुट)