नासिक : महाराष्ट्र के मालेगांव में करियर काउंसलिंग कार्यक्रम के माध्यम से धार्मिक प्रचार-प्रसार का मामला सामने आया है. यहां के मसागा कॉलेज के प्रिंसिपल को हाल ही में कैंपस में आयोजित करियर काउंसलिंग कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से धार्मिक प्रचार-प्रसार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. कॉलेज ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है. युवकों के एक समूह ने छात्रों को करियर काउंसलिंग के नाम पर धार्मिक प्रवचन देने का आरोप लगाते हुए कॉलेज परिसर में हंगामा किया और आयोजकों द्वारा लगाए गए बैनर फाड़ दिए. खबर पाकर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया. इसके बाद से घटनास्थल पर तनाव का माहौल कायम है.
अधिकारियों के अनुसार, सत्य मलिक लोक सेवा समूह की ओर से पुणे के अनीस कुट्टी ने मसागा कॉलेज में करियर परामर्श सत्र का आयोजन किया था. सत्र के आयोजकों ने कहा कि इसमें 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों ने भाग लिया और कुट्टी ने नौसेना, वायुसेना और सेना में भर्ती के लिए उपलब्ध पाठ्यक्रमों के बारे में उन्हें बताया. जब सत्र चल रहा था, तब कुछ युवाओं ने हॉल के बाहर हंगामा करना शुरू कर दिया और नारे लगाए. प्रिंसिपल डॉ सुभाष निकम और आयोजकों ने दावा किया कि यहां कोई धार्मिक प्रवचन नहीं चल रहा था और केवल करियर काउंसलिंग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हो रही थी. लेकिन, युवकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसकी पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने कॉलेज पहुंचने के बाद दोनों छात्रों और युवकों से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए.
नासिक जिले के प्रभारी मंत्री दादा भुसे ने इस घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सवाल उठाया है कि एक करियर काउंसलिंग कार्यक्रम में धर्म संबंधी बैनर क्यों लगाए गए थे. कॉलेज ने पूरे मामले की जांच के लिए कॉलेज ट्रस्टी जगदाले के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया है. अधिकारियों ने कहा, "निकम पर अध्यक्ष अपूर्व हिरे से आवश्यक अनुमति लिए बगैर कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप लगाया गया है. जांच समिति की रिपोर्ट आने तक वह निलंबित रहेंगे."