औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : पाकिस्तान से भारत लौटने वाली गीता के परिवार की खोज के बीच एक परिवार ने दावा किया है कि गीता उनकी बेटी है. ये परिवार मराठवाड़ा के परभणी जिले के जिंतुर का है. महिला द्वारा कुछ निशान बताये गये थे, जो गीता के शरीर पर मौजूद हैं. अब बस डीएनए टेस्ट का इंतजार है, उसी के बाद सही फैसला लिया जायेगा.
जिंतुर की मीना पंधारे ने दावा किया है कि गीता उनकी खुद की बेटी है. वह बताती हैं कि, जब गीता बिछुड़ी तब वह अपने परिवार के साथ जिंतुर में ही रह रही थीं. गीता उस समय चार साल की थी. हम मंदिर में पूजा कर रहे थे, किसी कारणवश मैंने उस पर चिल्ला दिया, वह रोती हुई मंदिर से चली गई, मुझे लगा रोते-रोते घर ही जायेगी, लेकिन वह घर नहीं पहुंची और उसके बाद गीता कभी नहीं लौटी.
मीना बताती हैं कि, उस समय हम पुलिस में जाने से डरते थे. पुलिस से शिकायत दर्ज नहीं कर पाई, क्योंकि गीता की कोई तस्वीर नहीं थी, लेकिन भरोसा था कि वो वापस आयेगी. मीना पंधारे ने कहा, वह इतने सालों बाद गीता से मिलकर खुश हैं. मीना ने अपने पति सुधाकर वाघमारे की मृत्यु के बाद दिनकर पंधारे से शादी कर ली. शादी के बाद से वे औरंगाबाद के वालुज इलाके में रह रही हैं.
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मीना बताती हैं कि गीता के खोने के बाद उन्होंने उन्हें बहुत ढूंढा, लेकिन वह नहीं मिली. मीना ने बताया कि मेरी बेटी के शरीर पर जले के निशान हैं, जैसे गीता के शरीर पर हैं. मां के साथ परिवार भी गीता को अपने परिवार का सदस्य होने का दावा कर रहा है. मीना पंधारे और उनकी दो बेटियां जिंतूर में मंदिर में सेवा करती हैं. गीता की बड़ी बहन मंदिर के बाहर फूल बेचा करती हैं.