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बच्ची से बलात्कार करने व हत्या की कोशिश के जुर्म में दोषी को उम्र कैद

महारष्ट्र में पालघर की एक अदालत (Special POCSO Court) ने 2017 में सात वर्षीय बच्ची से बलात्कार और हत्या (Minor Girls Rape And Murder) करने की कोशिश के जुर्म में 25 वर्षीय व्यक्ति को उम्र कैद की सज़ा (Maharashtra Man gets life imprisonment) सुनाई है.

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Published : Feb 27, 2022, 5:14 PM IST

Special POCSO Court
महारष्ट्र में पालघर की एक अदालत का फैसला

पालघर: महारष्ट्र में पालघर की एक अदालत ने 2017 में सात वर्षीय बच्ची से बलात्कार और हत्या (Minor Girls Rape And Murder) करने की कोशिश के जुर्म में 25 वर्षीय व्यक्ति को उम्र कैद की सज़ा (Maharashtra Man gets life imprisonment) सुनाई है. अदालत ने कहा कि यह अपराध जघन्य प्रकृति का है (The Crime Is Heinous In Nature). विशेष पॉक्सो अदालत (Special POCSO Court) की न्यायाधीश अदिति यू कदम ने शुक्रवार को दिए अपने आदेश में दोषी पर 10,000 रुपए का जुर्मा भी लगाया है. साथ ही निर्देश दिया है कि पीड़िता को जिला विधि सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के जरिए मुआवज़ा मुहैया कराया जाए.

पढ़ें: बच्ची से गैंगरेप: दोषी की मौत की सजा टली, SC ने लगाई रोक

अदालत के फैसले की प्रति शनिवार को उपलब्ध हुई. विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश पाटिल ने अदालत को बताया कि नौ दिसंबर 2017 को जब बच्ची पालघर के वसई इलाके में अपनी नानी के घर गई थी तो व्यक्ति उसे एक किले में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. बाद में व्यक्ति ने बच्ची को कुएं में फेंक दिया. उसपर एक बड़ा सा पत्थर फेंका.

पढ़ें:केंद्र ने हाई कोर्ट से कहा: महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं

अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद, न्यायाधीश ने कहा कि दोषी की ओर से किया गया जुर्म ‘बहुत जघन्य प्रकृति’ का है. अदालत ने कहा कि उसने एक राक्षस और जानवर की तरह व्यवहार किया. उसने कहा कि बच्ची को विभिन्न चोटें लगीं और दर्द से गुज़रना पड़ा. न्यायाधीश ने कहा कि दोषी के साथ कोई नरमी नहीं दिखाई जा सकती है. अदालत ने कहा कि यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह दोषी को दंडित करे और यह भी देखे कि पीड़िता को न केवल नुकसान और चोट के लिए मुआवजा दिया जाए, बल्कि पुनर्वास भी किया जाए.

पालघर: महारष्ट्र में पालघर की एक अदालत ने 2017 में सात वर्षीय बच्ची से बलात्कार और हत्या (Minor Girls Rape And Murder) करने की कोशिश के जुर्म में 25 वर्षीय व्यक्ति को उम्र कैद की सज़ा (Maharashtra Man gets life imprisonment) सुनाई है. अदालत ने कहा कि यह अपराध जघन्य प्रकृति का है (The Crime Is Heinous In Nature). विशेष पॉक्सो अदालत (Special POCSO Court) की न्यायाधीश अदिति यू कदम ने शुक्रवार को दिए अपने आदेश में दोषी पर 10,000 रुपए का जुर्मा भी लगाया है. साथ ही निर्देश दिया है कि पीड़िता को जिला विधि सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के जरिए मुआवज़ा मुहैया कराया जाए.

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अदालत के फैसले की प्रति शनिवार को उपलब्ध हुई. विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश पाटिल ने अदालत को बताया कि नौ दिसंबर 2017 को जब बच्ची पालघर के वसई इलाके में अपनी नानी के घर गई थी तो व्यक्ति उसे एक किले में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. बाद में व्यक्ति ने बच्ची को कुएं में फेंक दिया. उसपर एक बड़ा सा पत्थर फेंका.

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अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद, न्यायाधीश ने कहा कि दोषी की ओर से किया गया जुर्म ‘बहुत जघन्य प्रकृति’ का है. अदालत ने कहा कि उसने एक राक्षस और जानवर की तरह व्यवहार किया. उसने कहा कि बच्ची को विभिन्न चोटें लगीं और दर्द से गुज़रना पड़ा. न्यायाधीश ने कहा कि दोषी के साथ कोई नरमी नहीं दिखाई जा सकती है. अदालत ने कहा कि यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह दोषी को दंडित करे और यह भी देखे कि पीड़िता को न केवल नुकसान और चोट के लिए मुआवजा दिया जाए, बल्कि पुनर्वास भी किया जाए.

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