मुंबई : एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महा विकास अघाड़ी सरकार ने कोविड-19 महामारी के पिछले दो वर्षों के दौरान लॉकडाउन के आदेशों के उल्लंघन के लिए छात्रों और आम नागरिकों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया है. गृह राज्य मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल ने कहा कि ज्यादातर मामले भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दर्ज किए गए थे.
वाल्से-पाटिल ने मंगलवार को यहां संकेत दिया कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद, राज्य भर में दर्ज ऐसे सभी मामलों को वापस ले लिया जाएगा. महामारी और लागू किए गए लॉकडाउन, विशेष रूप से 2020-2021 के दौरान पहली और दूसरी कोविड-19 लहरों के दौरान छात्रों, युवाओं और आम नागरिकों, यहां तक कि कुछ परिवारों के खिलाफ कथित तौर पर लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने के लिए हजारों मामले दर्ज किए गए थे.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाइट कर्फ्यू के दौरान बड़े पैमाने पर लोग बाहर घूमते पाए गए थे, प्रतिबंध के बावजूद सार्वजनिक स्थानों पर भी लोग मिले थे. हालांकि इस तरह के उल्लंघनों की सही संख्या तुरंत उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि डाटा एकत्र किया जा रहा है. आईपीसी की धारा 188 के तहत अधिकांश मामलों को वापस लिया जाना है, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
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