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बंबई उच्च न्यायालय : पवार के खिलाफ ट्वीट को लेकर छात्र की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई - महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई

बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ कथित मानहानिकारक ट्वीट करने के लिए 21 वर्षीय छात्र की गिरफ्तारी को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की और पूछा कि क्या सरकार आपत्तिजनक लगने वाले हर ट्वीट पर संज्ञान लेगी?

बंबई उच्च न्यायालय
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Published : Jun 14, 2022, 10:19 AM IST

Updated : Jun 14, 2022, 11:21 AM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ कथित मानहानिकारक ट्वीट करने के लिए 21 वर्षीय छात्र की गिरफ्तारी को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की और पूछा कि क्या सरकार आपत्तिजनक लगने वाले हर ट्वीट पर संज्ञान लेगी? उच्च न्यायालय ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार भी नहीं चाहेंगे कि छात्र को जेल में रखा जाए. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने लोक अभियोजक को राज्य के गृह विभाग से निर्देश लेने और यह बताने का निर्देश दिया कि क्या वह फार्मेसी छात्र की रिहाई के लिए अनापत्ति पत्र देने को तैयार हैं. अदालत छात्र निखिल भामरे द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसके खिलाफ दर्ज मामलों को चुनौती देने के साथ ही तत्काल रिहाई का अनुरोध किया गया था. अदालत ने भामरे द्वारा किए गए ट्वीट पर गौर करने के बाद कहा कि इनमें किसी का नाम नहीं लिया गया है.

पढ़ें : चुनाव नतीजों से हैरान नहीं हूं, ये चमत्कार फणडवीस ने निर्दलीयों को 'मैनेज' कर किया : शरद पवार

अदालत छात्र निखिल भामरे द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उनके खिलाफ दर्ज मामलों को चुनौती दी गई थी और तत्काल रिहाई की मांग की गई थी. उच्च न्यायालय ने छात्र भामरे द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किए गए ट्वीट्स पर गौर करने के बाद कहा कि उनमें किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लिया गया है. न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट में किसी का नाम नहीं है…और आप (सरकार) किसी को 1 महीने के लिए जेल में रखते है. यह सब कुछ करने का आधार कैसे है?

पढ़ें: शरद पवार के खिलाफ ट्वीट करने का आरोपी फार्मेसी का छात्र गिरफ्तार

न्यायमूर्ति शिंदे ने आगे कहा कि हर रोज 100 और हजारों ट्वीट पोस्ट किए जाते हैं. क्या आप हर ट्वीट पर संज्ञान लेंगे? हम इस तरह की एफआईआर नहीं चाहते हैं. अदालत ने कहा कि कुछ छात्रों को इस तरह हिरासत में रखा गया है. इस तरह के मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना संभवतः शरद पवार की प्रतिष्ठा के लिए (सोशल मीडिया पोस्ट की तुलना में) अधिक हानिकारक है. यदि आप इस तरह की कार्रवाई शुरू करते हैं, तो आप उस व्यक्ति (पवार) के नाम को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसे देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (पद्म विभूषण) मिल चुका है. यहां तक ​​कि एक बड़ी शख्सियत (पवार) को भी पसंद नहीं आएगा कि छात्र को ऐसे जेल में रखा जाए. हम नहीं चाहते कि उस बड़े व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा कम हो.

अदालत ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 16 जून की तारीख तय करते हुए लोक अभियोजक को भामरे को पुलिस हिरासत से रिहा करने के लिए गृह विभाग से 'अनापत्ति का बयान' लेने का निर्देश दिया. अदालत ने लोक अभियोजक से कहा कि हमारी विनम्र राय में, यदि आप आते हैं और अनापत्ति बयान देते हैं, तो राज्य की छवि बच जाएगी. निखिल भामरे ने कथित तौर पर गत 11 मई की शाम करीब 7 बजे शरद पवार के खिलाफ अपने ट्विटर अकाउंट पर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया था. छात्र ने ट्वीट में लिखा था कि बारामती के गांधी... बारामती में नाथूराम गोडसे को बनाने का समय आ गया है. आपको बता दें कि बारामतर शरद पवार का गृह नगर है. नासिक की डिंडोरी पुलिस ने इस ट्वीट के लिए निखिल को गिरफ्तार कर लिया था.

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ कथित मानहानिकारक ट्वीट करने के लिए 21 वर्षीय छात्र की गिरफ्तारी को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की और पूछा कि क्या सरकार आपत्तिजनक लगने वाले हर ट्वीट पर संज्ञान लेगी? उच्च न्यायालय ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार भी नहीं चाहेंगे कि छात्र को जेल में रखा जाए. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने लोक अभियोजक को राज्य के गृह विभाग से निर्देश लेने और यह बताने का निर्देश दिया कि क्या वह फार्मेसी छात्र की रिहाई के लिए अनापत्ति पत्र देने को तैयार हैं. अदालत छात्र निखिल भामरे द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसके खिलाफ दर्ज मामलों को चुनौती देने के साथ ही तत्काल रिहाई का अनुरोध किया गया था. अदालत ने भामरे द्वारा किए गए ट्वीट पर गौर करने के बाद कहा कि इनमें किसी का नाम नहीं लिया गया है.

पढ़ें : चुनाव नतीजों से हैरान नहीं हूं, ये चमत्कार फणडवीस ने निर्दलीयों को 'मैनेज' कर किया : शरद पवार

अदालत छात्र निखिल भामरे द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उनके खिलाफ दर्ज मामलों को चुनौती दी गई थी और तत्काल रिहाई की मांग की गई थी. उच्च न्यायालय ने छात्र भामरे द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किए गए ट्वीट्स पर गौर करने के बाद कहा कि उनमें किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लिया गया है. न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट में किसी का नाम नहीं है…और आप (सरकार) किसी को 1 महीने के लिए जेल में रखते है. यह सब कुछ करने का आधार कैसे है?

पढ़ें: शरद पवार के खिलाफ ट्वीट करने का आरोपी फार्मेसी का छात्र गिरफ्तार

न्यायमूर्ति शिंदे ने आगे कहा कि हर रोज 100 और हजारों ट्वीट पोस्ट किए जाते हैं. क्या आप हर ट्वीट पर संज्ञान लेंगे? हम इस तरह की एफआईआर नहीं चाहते हैं. अदालत ने कहा कि कुछ छात्रों को इस तरह हिरासत में रखा गया है. इस तरह के मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना संभवतः शरद पवार की प्रतिष्ठा के लिए (सोशल मीडिया पोस्ट की तुलना में) अधिक हानिकारक है. यदि आप इस तरह की कार्रवाई शुरू करते हैं, तो आप उस व्यक्ति (पवार) के नाम को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसे देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (पद्म विभूषण) मिल चुका है. यहां तक ​​कि एक बड़ी शख्सियत (पवार) को भी पसंद नहीं आएगा कि छात्र को ऐसे जेल में रखा जाए. हम नहीं चाहते कि उस बड़े व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा कम हो.

अदालत ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 16 जून की तारीख तय करते हुए लोक अभियोजक को भामरे को पुलिस हिरासत से रिहा करने के लिए गृह विभाग से 'अनापत्ति का बयान' लेने का निर्देश दिया. अदालत ने लोक अभियोजक से कहा कि हमारी विनम्र राय में, यदि आप आते हैं और अनापत्ति बयान देते हैं, तो राज्य की छवि बच जाएगी. निखिल भामरे ने कथित तौर पर गत 11 मई की शाम करीब 7 बजे शरद पवार के खिलाफ अपने ट्विटर अकाउंट पर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया था. छात्र ने ट्वीट में लिखा था कि बारामती के गांधी... बारामती में नाथूराम गोडसे को बनाने का समय आ गया है. आपको बता दें कि बारामतर शरद पवार का गृह नगर है. नासिक की डिंडोरी पुलिस ने इस ट्वीट के लिए निखिल को गिरफ्तार कर लिया था.

Last Updated : Jun 14, 2022, 11:21 AM IST
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