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DRDO के वैज्ञानिक कुरुलकर ने पाकिस्तानी एजेंट से शेयर किए मिसाइल सिस्टम के राज

महाराष्ट्र में डीआरडीओ के वैज्ञानिक कुरुलकर को पाकिस्तानी एजेंट ने भारतीय मिसाइल सिस्टम के बारे में बात करने के लिए आकर्षित किया था. कुरुलकर के खिलाफ दायर आरोप पत्र में इसका खुलासा किया गया है.

Etv BharatMaharashtra DRDO scientist Kurulkar was attracted to Pak agent talked about Indian missile systems ATS Chargesheet
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Published : Jul 8, 2023, 11:14 AM IST

Updated : Jul 8, 2023, 11:21 AM IST

पुणे: डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के खिलाफ दायर आरोप पत्र में कई अहम खुलासे किए गए हैं. इसमें कहा गया है कि वह पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के संपर्क में थे. पाकिस्तानी एजेंट ने 'ज़ारा दासगुप्ता' उपनाम का इस्तेमाल कर उनसे गुप्त रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में बातचीत की थी.

महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला के निदेशक कुरुलकर के खिलाफ पिछले हफ्ते यहां एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया. उन्हें 3 मई को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में हैं. आरोपपत्र में कहा गया है कि कुरुलकर और 'ज़ारा दासगुप्ता' व्हाट्सएप के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में थे.

दासगुप्ता' ने खुद को ब्रिटेन में रहने वाला एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया और अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की. एटीएस ने आरोप पत्र में कहा कि जांच के दौरान उसका आईपी का पता पाकिस्तान का पाया गया. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी एजेंट ने अन्य चीजों के अलावा ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम के बारे में वर्गीकृत और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की.

रोपपत्र में कहा गया, 'कुरुलकर, जो उसकी ओर आकर्षित था, उसने डीआरडीओ का गुप्त और संवेदनशील जानकारी अपने निजी फोन पर संग्रहीत की और फिर कथित तौर पर इसे ज़ारा के साथ साझा किया.' इसमें कहा गया है कि उन्होंने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (एसएएम), ड्रोन, ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल लॉन्चर्स और यूसीवी सहित विभिन्न परियोजनाओं के बारे में उनसे बातचीत की.

ये भी पढ़ें- प्रदीप कुरुलकर हनी ट्रैप मामले में 2000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल, पॉलीग्राफ और वॉयस टेस्ट पर कोर्ट का फैसला 7 जुलाई को

एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे. उनकी गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा आंतरिक जांच शुरू करने से ठीक पहले, कुरुलकर ने फरवरी 2023 में ज़ारा का नंबर ब्लॉक कर दिया. उन्हें जल्द ही एक अन्य अज्ञात भारतीय नंबर से एक व्हाट्सएप संदेश मिला, जिसमें पूछा गया, 'आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक किया?' आरोप पत्र में कहा गया है कि चैट रिकॉर्ड से यह भी पता चला है कि उसने अपने व्यक्तिगत और आधिकारिक कार्यक्रम और स्थानों को उसके साथ साझा किया था, यह जानते हुए भी कि उसे उन्हें किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए था.

(पीटीआई)

पुणे: डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के खिलाफ दायर आरोप पत्र में कई अहम खुलासे किए गए हैं. इसमें कहा गया है कि वह पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के संपर्क में थे. पाकिस्तानी एजेंट ने 'ज़ारा दासगुप्ता' उपनाम का इस्तेमाल कर उनसे गुप्त रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में बातचीत की थी.

महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला के निदेशक कुरुलकर के खिलाफ पिछले हफ्ते यहां एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया. उन्हें 3 मई को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में हैं. आरोपपत्र में कहा गया है कि कुरुलकर और 'ज़ारा दासगुप्ता' व्हाट्सएप के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में थे.

दासगुप्ता' ने खुद को ब्रिटेन में रहने वाला एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया और अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की. एटीएस ने आरोप पत्र में कहा कि जांच के दौरान उसका आईपी का पता पाकिस्तान का पाया गया. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी एजेंट ने अन्य चीजों के अलावा ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम के बारे में वर्गीकृत और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की.

रोपपत्र में कहा गया, 'कुरुलकर, जो उसकी ओर आकर्षित था, उसने डीआरडीओ का गुप्त और संवेदनशील जानकारी अपने निजी फोन पर संग्रहीत की और फिर कथित तौर पर इसे ज़ारा के साथ साझा किया.' इसमें कहा गया है कि उन्होंने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (एसएएम), ड्रोन, ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल लॉन्चर्स और यूसीवी सहित विभिन्न परियोजनाओं के बारे में उनसे बातचीत की.

ये भी पढ़ें- प्रदीप कुरुलकर हनी ट्रैप मामले में 2000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल, पॉलीग्राफ और वॉयस टेस्ट पर कोर्ट का फैसला 7 जुलाई को

एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे. उनकी गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा आंतरिक जांच शुरू करने से ठीक पहले, कुरुलकर ने फरवरी 2023 में ज़ारा का नंबर ब्लॉक कर दिया. उन्हें जल्द ही एक अन्य अज्ञात भारतीय नंबर से एक व्हाट्सएप संदेश मिला, जिसमें पूछा गया, 'आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक किया?' आरोप पत्र में कहा गया है कि चैट रिकॉर्ड से यह भी पता चला है कि उसने अपने व्यक्तिगत और आधिकारिक कार्यक्रम और स्थानों को उसके साथ साझा किया था, यह जानते हुए भी कि उसे उन्हें किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए था.

(पीटीआई)

Last Updated : Jul 8, 2023, 11:21 AM IST
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