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Sambhajinagar Hospital Death Case : संभाजीनगर में 24 घंटे में 14 मरीजों की मौत, नेता प्रतिपक्ष दानवे ने राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया

महाराष्ट्र के नादेड़ के बाद संभाजीनगर के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 2 छोटे बच्चों समेत 14 मरीजों की मौत हो गई है. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने इन मौतों के लिए पूरी तरह से राज्य सरकार के जिम्मेदार ठहराया है. वहीं अस्पताल के डीन डॉ. विजय कल्याणकर ने दवा की कमी से मरीजों के मौत से इनकार किया है.

Sambhajinagar Hospital Death Case
संभाजीनगर अस्पताल में मौत का मामला
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2023, 3:26 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर : महाराष्ट्र के नादेड़ के डॉ.शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 मरीजों के बाद हड़कंप की स्थिति है. अब ऐसी ही एक घटना संभाजीनगर में सामने आई है. यहां पर सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 2 छोटे बच्चों समेत 14 मरीजों की मौत हो गई है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने दवा के अभाव में मरीजों की मौत के आरोपों से इनकार किया है. वहीं नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने इन मौतों के लिए पूरी तरह से राज्य सरकार के जिम्मेदार ठहराया है.

छत्रपति संभाजीनगर शहर में घाटी अस्पताल गरीब लोगों के लिए एक अस्पताल के रूप में जाना जाता है. इस अस्पताल में विदर्भ और मराठवाड़ा के कई शहरों से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. विपक्ष के नेता अंबादास का आरोप है कि अस्पताल में पर्याप्त दवा उपलब्ध नहीं है और स्टॉक अगले कुछ दिनों के लिए ही है. दानवे ने सवाल किया कि क्या राज्य सरकार गरीब मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है? बता दें कि घाटी अस्पताल में गरीब मरीजों को बहुत कम दरों पर इलाज प्रदा किया जाता है, इसमें दवाइयां भी शामिल हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अस्पताल को पर्याप्त दवाएं नहीं मिल रही हैं.

विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया कि मरीजों के परिजनों को बाहर से दवा लाने के कहा जाता है. उन्होंने कहा कि उन्हें दवा की पर्ची देकर एक निजी दवा विक्रेता से दवा लेनी होती है. लेकिन ये दवाएं गरीब मरीजों के लिए काफी महंगी होती हैं. उन्होंने कहा कि मरीजों के परिजन किसी तरह दवा की व्यवस्था कर रहे हैं. दूसरी तरफ राज्य सरकार इस दिशा में कोई भी उचित कदम नहीं उठा रही है. मरीज की मौत को लेकर विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने राज्य सरकार पर लगाया आरोप कि सरकारी अस्पताल में मरीज मर रहे हैं. अंबादास दानवे ने सवाल उठाया है कि सरकार और कितने मरीजों की जान लेगी? दानवे ने कहा, ठाणे, नांदेड़ सहित अन्य स्थानों पर मरीज मर रहे हैं, क्योंकि अभी तक दवाएं नहीं खरीदी गई हैं. ऑर्डर देने के बाद भी दवाएं नहीं मिल रही हैं.

दानवे ने कहा कि सरकार नया कानून लेकर आई लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है. सरकार द्वारा अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जाती हैं. इसे आपला दवाखाना नाम दिया गया है लेकिन इसका उपयोग क्या है? अंबादास दानवे ने मांग की है कि अगर इस तरह से लोगों की जान जा रही है तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन मेडिकल अस्पताल के डीन डॉ. विजय कल्याणकर ने विपक्षी नेता अंबादास दानवे के आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में 14 मरीजों की मौत हो गई, लेकिन मरीजों की मौत के कारणों में अंतर है. उन्होंने मरीजों की मौत की वजह दवाओं की कमी होने से इनकार किया.

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छत्रपति संभाजीनगर : महाराष्ट्र के नादेड़ के डॉ.शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 मरीजों के बाद हड़कंप की स्थिति है. अब ऐसी ही एक घटना संभाजीनगर में सामने आई है. यहां पर सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 2 छोटे बच्चों समेत 14 मरीजों की मौत हो गई है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने दवा के अभाव में मरीजों की मौत के आरोपों से इनकार किया है. वहीं नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने इन मौतों के लिए पूरी तरह से राज्य सरकार के जिम्मेदार ठहराया है.

छत्रपति संभाजीनगर शहर में घाटी अस्पताल गरीब लोगों के लिए एक अस्पताल के रूप में जाना जाता है. इस अस्पताल में विदर्भ और मराठवाड़ा के कई शहरों से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. विपक्ष के नेता अंबादास का आरोप है कि अस्पताल में पर्याप्त दवा उपलब्ध नहीं है और स्टॉक अगले कुछ दिनों के लिए ही है. दानवे ने सवाल किया कि क्या राज्य सरकार गरीब मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है? बता दें कि घाटी अस्पताल में गरीब मरीजों को बहुत कम दरों पर इलाज प्रदा किया जाता है, इसमें दवाइयां भी शामिल हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अस्पताल को पर्याप्त दवाएं नहीं मिल रही हैं.

विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया कि मरीजों के परिजनों को बाहर से दवा लाने के कहा जाता है. उन्होंने कहा कि उन्हें दवा की पर्ची देकर एक निजी दवा विक्रेता से दवा लेनी होती है. लेकिन ये दवाएं गरीब मरीजों के लिए काफी महंगी होती हैं. उन्होंने कहा कि मरीजों के परिजन किसी तरह दवा की व्यवस्था कर रहे हैं. दूसरी तरफ राज्य सरकार इस दिशा में कोई भी उचित कदम नहीं उठा रही है. मरीज की मौत को लेकर विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने राज्य सरकार पर लगाया आरोप कि सरकारी अस्पताल में मरीज मर रहे हैं. अंबादास दानवे ने सवाल उठाया है कि सरकार और कितने मरीजों की जान लेगी? दानवे ने कहा, ठाणे, नांदेड़ सहित अन्य स्थानों पर मरीज मर रहे हैं, क्योंकि अभी तक दवाएं नहीं खरीदी गई हैं. ऑर्डर देने के बाद भी दवाएं नहीं मिल रही हैं.

दानवे ने कहा कि सरकार नया कानून लेकर आई लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है. सरकार द्वारा अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जाती हैं. इसे आपला दवाखाना नाम दिया गया है लेकिन इसका उपयोग क्या है? अंबादास दानवे ने मांग की है कि अगर इस तरह से लोगों की जान जा रही है तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन मेडिकल अस्पताल के डीन डॉ. विजय कल्याणकर ने विपक्षी नेता अंबादास दानवे के आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में 14 मरीजों की मौत हो गई, लेकिन मरीजों की मौत के कारणों में अंतर है. उन्होंने मरीजों की मौत की वजह दवाओं की कमी होने से इनकार किया.

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