भुज : पूर्व कच्छ राज्य के जडेजा राजवंश के शासक महाराज प्रगमालजी तृतीय का कोविड-19 संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया. शाही परिवार के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि 85 वर्षीय महाराज की कोई संतान नहीं थी और उनकी मृत्यु के साथ ही पूर्व राज्य के शासक की गद्दी खाली रहेगी, क्योंकि उन्होंने किसी को अपना वारिस नहीं बनाया था.
सूत्रों ने बताया कि प्रगमालजी तृतीय की शुक्रवार को मृत्यु हुई और उनका अंतिम संस्कार शाही परिवार के विश्राम स्थल, भुज के छतेरडी में कोविड-19 दिशानिर्देशों के अनुरूप किया गया.
उनके परिवार में उनकी पत्नी, भूतपूर्व त्रिपुरा राज्य की राजकुमारी, महारानी प्रीति देवी के अलावा एक भाई और एक बहन हैं.
सूत्रों ने बताया कि महारानी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थीं और भुज के निजी अस्पताल में उनका इलाज चला. अब वह अस्पताल से आ गई हैं और स्वस्थ हो रही हैं.
3 मई, 1936 को (पृथ्वीराज) प्रगमालजी तृतीय का जन्म हुआ था. प्रगमालजी महाराव मदनसिंहजी के बड़े बेटे थे. पिता की मृत्यु के बाद 17 अक्टूबर, 1991 में एक समारोह में उनका महाराव के रूप में अभिषेक किया गया और पृथ्वीराज नाम बदलकर प्रगमालजी तृतीय रखा गया.
उन्होंने भुज में बसने से पहले अपने जीवन के शुरुआती वर्ष मुंबई और लंदन में बिताए. भुज में वह क्षेत्र के लोगों के विकास के लिए सक्रिय रहे.
वह गुजरात के सबसे बड़े जिले कच्छ को अलग राज्य का दर्जा दिए जाने के पक्ष में थे, जिसे 2001 के भूकंप के दौरान भयंकर नुकसान हुआ था.
शाही परिवार के स्वामित्व में प्राग महल, रंजीत विलास महल, आइना महल और विजय विलास महल जैसे कई महल हैं. बॉलीवुड फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' विजय विलास पैलेस में ही फिल्माई गई थी.
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बता दें, कच्छ राज्य के शासक ने मई 1948 में भारतीय संघ में विलय कर लिया था. कच्छी भाषा में शुक्रवार को एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराज के निधन पर शोक जताया था और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
(पीटीआई-भाषा)