नई दिल्ली : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट के जज की निगरानी में जांच कराए जाने की बात कही है. वहीं शिवसेना ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग कर दी है.
हालांकि विश्व हिन्दू परिषद ने योगी सरकार पर विश्वास जताते हुए कहा है कि उन्हें भरोसा है कि उत्तर प्रदेश सरकार पूरे मामले में सही काम करेगी. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि संत नरेंद्र गिरी का इस तरह से जाना पूरे हिन्दू समाज को स्तब्ध करने वाला है.
कहा कि जिस तरह की चर्चाएं और बिना तथ्यों की चर्चाएं उनकी मृत्यु के बाद कुछ मीडिया में भी देखी जा रही है वह कुछ लोगों का स्वभाव है जो ऐसा करते रहते हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं महंत के करीबी रहे हैं और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तो उनके शिष्य हैं.
ऐसे में विहिप को और पूरे हिन्दू समाज को भरोसा है कि सरकार पूरे मामले में जो भी उचित होगा वह जरूर करेगी. शिवसेना द्वारा सीबीआई जांच की मांग पर विहिप प्रवक्ता ने महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया कि पालघर में जब दो संतों की हत्या हुई थी तब महाराष्ट्र की सरकार ने क्या कदम उठाए? विजय शंकर तिवारी ने कहा कि जो लोग पालघर में संतो की हत्या में शामिल थे उनके नाम और तस्वीरें दोनों महाराष्ट्र सरकार को मालूम है लेकिन फिर भी संतों को अब तक उचित न्याय नहीं मिल सका है.
सपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए विहिप नेता ने कहा कि अखिलेश यादव, उनके पिता मुलायम सिंह और उनकी पार्टी सपा के चरित्र से समस्त हिन्दू समाज वाकिफ है. ये जिहादियों का साथ देते हैं.
सपा की सरकार में मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह ने राम भक्त संतों पर गोली चलवाई. उन्होंने यह भी कहा था कि 18 क्या और भी मरेंगे तो मरने दो. इसलिए उनके द्वारा किसी संत की मृत्यु पर इस तरह की मांग के क्या मायने हो सकते हैं?
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं संत समाज से आते हैं और गोरखनाथ पीठ के महंत हैं ऐसे में महंत नरेंद्र गिरी के आत्महत्या प्रकरण में विहिप को भरोसा है कि न्याय जरूर होगा. दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने संत नरेंद्र गिरी मामले में एसआईटी का गठन कर जांच शुरू कर दी है.