महंत नरेंद्र गिरी की पहली पुण्यतिथि आज, प्रयागराज में संत देंगे श्रद्धांजलि - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
महंत नरेंद्र गिरी प्रथम पुण्यतिथि (Mahant Narendra Giri first death anniversary) पर शनिवार को प्रयागराज में साधु-संतों की भीड़ जुटेगी और उन्हें श्रद्धांजलि देंगे.
प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरी प्रथम पुण्यतिथि (Mahant Narendra Giri first death anniversary) पर शनिवार को प्रयागराज में साधु-संतों की भीड़ जुटेगी और उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad) में अध्यक्ष रहे महंत के आत्महत्या के मामले को हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज एक साल पूरा हो गया है. इसी वजह से उनकी पहली पुण्यतिथि जिले में धूमधाम से मनाई जा रही है.
देश के कई हिस्सों से साधु-संतों के साथ राजनेता भी इस कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) की प्रथम पुण्यतिथि पर मठ बाघम्बरी गद्दी को दुल्हन की तरह सजाया गया है. इसके साथ ही खाने के लिए कई पकवान बनाये गए हैं. इस कार्यक्रम में करीब दस हजार लोग शामिल होंगे. जिसमें वीवीआइपी के साथ ही उनके आम शिष्य भी शामिल रहेंगे. 20 सितंबर 2021 को महंत नरेंद्र मठ में अपने कमरे के अंदर फंदे से लटकते हुए पाये गये थे. जिसके बाद मामले की जांच CBI ने की थी. CBI ने महंत के प्रिय शिष्य रहे आनंद गिरी और लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी पिता पुत्र को आरोपी बनाया था. उसके बाद तीनों आरोपी 21 सिंतबर से जेल में बंद हैं.
साधु संत देंगे महंत नरेंद्र को श्रद्धांजलि: 20 सितंबर 2021 को भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन ही महंत नरेंद्र गिरी की मौत हुई थी. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक इस बार वह तिथि 10 सितंबर को पड़ी है. इसी वजह से आज महंत नरेंद्र गिरी की प्रथम पुण्यतिथि का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में राजनेताओं के साथ अखाड़ों से जुड़े साधु महात्मा और उनके भक्त भी शामिल रहेंगे. मठ बाघम्बरी गद्दी में इस कार्यक्रम को लेकर कई दिनों से तैयारी चल रही थी. महंत बलवीर गिरी ने बताया कि, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और डिप्टी सीएम के साथ ही अखिलेश यादव को आमंत्रित करने वह खुद गए थे. इसके साथ ही बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेस के नेताओं को भी बुलाया गया है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के अलावा सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा प्रदेश और देश की कई दूसरी हस्तियों को भी बुलाया गया है.
महंत नरेंद्र गिरी की मौत कैसे हुई: 20 सिंतबर 2021 की शाम महंत नरेंद्र गिरी की सुसाइड का मामला सामने आया था. मठ बाघम्बरी गद्दी में महंत नरेंद्र गिरी अपने कमरे के अंदर से बाहर नहीं निकले तो शिष्यों ने दरवाजा खटखटाया. लेकिन कोई हलचल नहीं होने पर कमरे का दरवाजा तोड़कर वहां के कर्मचारी अंदर घुसे, तभी देखा कि महंत नरेंद्र गिरी का शरीर फंदे से लटका हुआ था. जिसे वहां के लोगों ने रस्सी काटकर नीचे उतारा.
घटना की सूचना पर तत्कालीन आईजी केपी सिंह भी मौके पर पहुंचे थे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े देश भर के साधु संतों की भीड़ जुट गई थी. वहीं, घटना के दूसरे दिन अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी प्रयागराज पहुंचे और उन्होंने इस घटना के पीछे साजिश और हत्या की आशंका जताते हुए CBI जांच की मांग गृह मंत्री अमित शाह से की थी. उसी दिन सीएम योगी आदित्यनाथ महंत को श्रद्धांजलि अर्पित करने आये थे. उसके बाद सीएम ने मठ में ही मीडिया के सामने घटना की सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी थी.
सुसाइड नोट में मिले थे कुछ लोगों के नाम: महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या से पहले करीब 13 पन्नो का सुसाइड नोट लिखा था. उस सुसाइड नोट पर ही कई सवाल उठ गए थे, क्योंकि महंत के कई जानने वालों ने कहा, कि वह इतना लंबा सुसाइड नोट नहीं लिख सकते थे. क्योंकि उन्हें मात्र दस्तखत करने में ही काफी समय लगता था. लेकिन राइटिंग एक्सपर्ट ने जांच के बाद सुसाइड नोट को सही करार दिया. इसके अलावा पुलिस अधिकारियों को महंत के मोबाइल में एक वीडियो भी मिला था, जिसमें भी उन्होंने वहीं बातें बोली थी. जो सुसाइड नोट में लिखी थी.
सुसाइड नोट में नाम लिखा होने के बाद पुलिस ने दोनों पुजारियों को मठ मंदिर, तो आनंद गिरी को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया था. 13 पन्नो वाले इस लेटर में महंत नरेंद्र गिरी ने सिर्फ अपनी मौत का जिम्मेदार ही नहीं बताया था, बल्कि उन्होंने इसमें अपनी वसीयत भी लिख दी थी. उसी नोट में लिखा था, कि बलवीर गिरी को मठ का महंत और अमर गिरी को मंदिर का व्यवस्थापक बनाया जाये है. इसके साथ ही उनके किस शिष्य को कौन सी दुकान और किसको क्या जिम्मेदारी देनी है. किससे कौन सा काम लेना है. इसके साथ ही उन्होंने कुछ लोगों से पैसे लेने की बात भी उसी लेटर में लिखी हुई थी.
25 सितंबर 2021 से शुरू हुई थी CBI जांच: महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में शुरुआती जांच तो स्थानीय पुलिस ने की थी. लेकिन सीबीआई को जांच सौंपे जाने के बाद 25 सिंतबर को सीबीआई की टीम पहली बार मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंची. सीबीआई की 12 सदस्यों वाली टीम तीन गाड़ियों से मठ में दाखिल हुई. जिसके बाद सीबीआई की टीम सबसे पहले सुसाइड वाले कमरे में पहुंची थी. जहां पूरी जांच पड़ताल करने ने बाद मठ में उस वक्त मौजूद रहे एक एक व्यक्ति से कई राउंड में पूंछतांछ की गई. इसके साथ ही मठ में काम करने वाले और वहां रहकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों से भी बातचीत सीबीआई की टीम ने की थी. इतना ही नहीं सीबीआई ने कई राउंड में सुसाइड से लेकर शव उतारने तक के सीन का रिक्रिएशन भी करवाया था.
पढें: पितृपक्ष 2022: आज से पिंडदान शुरू, जानें पहले दिन किन पितरों का करना चाहिए पिंडदान