ठाणे : महाराष्ट्र की विशेष पोक्सो अदालत ने 2017 से मानसिक रूप से विक्षिप्त नाबालिग बेटी के साथ विभिन्न अवसरों पर बलात्कार करने के जुर्म में एक व्यक्ति और उसके बेटे को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. विशेष पॉक्सो न्यायाधीश कविता डी शिरभटे ने अपने आदेश में सोमवार को दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दंडनीय विभिन्न अपराधों का दोषी बताते हुए प्रत्येक पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
विशेष लोक अभियोजक संजय मोरे ने अदालत को बताया कि 52 वर्षीय व्यक्ति और उसके 25 वर्षीय बेटे ने 2017 से ठाणे के भिवंडी शहर में अपने घर पर पीड़िता (मानसिक रूप से विक्षिप्त) के साथ कई बार बलात्कार किया. उस समय पीड़िता नाबालिग अर्थात मात्र 15 साल की थी. बलात्कार से पीड़िता (विक्षिप्त लड़की) बाद में गर्भवती हो गई और उसने अपने पड़ोसियों से इसकी शिकायत की. इसके साथ ही अपने पिता और भाई द्वारा किए जा रहे अत्याचार का खुलासा भी किया. उसकी हालात और खुलासे से आहत पड़ोसी ने भिवंडी के कोनगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने में उसकी मदद की. बाद में दोनों आरोपियों (पिता और उसके भाई) को गिरफ्तार कर लिया गया.
स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर मोरे ने कहा कि उन्होंने आरोपी के खिलाफ मामला साबित करने के लिए पीड़िता सहित नौ गवाहों से पूछताछ की थी. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने संदेह से परे आरोपी दोनों के खिलाफ सभी आरोपों को सफलतापूर्वक साबित कर दिया है और दोनों को दोषी ठहराए जाने और सजा देने की जरूरत है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोषियों के सश्रम 10 साल की कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर अर्थदंड़ भी लगाया.
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पीटीआई