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शरद पवार के भाषण का एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर फंसी भाजपा

राकांपा और कांग्रेस ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भाषण का एडिटेड वीडियो साझा करने के लिए भाजपा की जमकर आलोचना की है. साथ ही कहा कि मनु के अनुयायी विभिन्न संतों व उनके प्रतिगामी धार्मिक प्रथाओं के विरोध को नहीं समझेंगे.

NCP and Congress
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Published : May 13, 2022, 7:57 AM IST

मुंबई: राकांपा और कांग्रेस ने गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भाषण का संपादित संस्करण साझा करने के लिए भाजपा की महाराष्ट्र इकाई की जमकर आलोचना की. @BJP4Maharashtra ने बुधवार को पवार के भाषण का एक छोटा वीडियो ट्वीट किया और दावा किया कि "नास्तिक शरद पवार हमेशा हिंदू धर्म से नफरत करते थे." और वह इस तरह का रुख लिए बिना अपनी राजनीतिक सफलता हासिल नहीं कर सकते थे.

कुछ सोशल मीडिया यूजर ने उस वीडियो को एक संपादित वीडियो बताया था. शरद पवार वास्तव में जवाहर राठौड़ की एक कविता का जिक्र कर रहे थे जो जातिवाद और अस्पृश्यता (caste and untouchability) के मुद्दे से संबंधित है. राकांपा नेता और महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने गुरुवार को इसे दोहराया और कहा कि महाराष्ट्र में "परंपराओं को धता बताने की विरासत है जिसने 5,000 से अधिक वर्षों तक लोगों को गुलाम बनाये रखा है." साथ ही कहा कि एनसीपी प्रमुख पवार की आलोचना करने वालों को इसको नहीं भूलना चाहिए.' कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा, मनु के अनुयायी विभिन्न संतों और उनके प्रतिगामी धार्मिक प्रथाओं के विरोध को नहीं समझेंगे। तुकाराम और जनाबाई जैसे संतों ने विभिन्न परंपराओं का स्पष्ट विरोध किया.

मुंबई: राकांपा और कांग्रेस ने गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भाषण का संपादित संस्करण साझा करने के लिए भाजपा की महाराष्ट्र इकाई की जमकर आलोचना की. @BJP4Maharashtra ने बुधवार को पवार के भाषण का एक छोटा वीडियो ट्वीट किया और दावा किया कि "नास्तिक शरद पवार हमेशा हिंदू धर्म से नफरत करते थे." और वह इस तरह का रुख लिए बिना अपनी राजनीतिक सफलता हासिल नहीं कर सकते थे.

कुछ सोशल मीडिया यूजर ने उस वीडियो को एक संपादित वीडियो बताया था. शरद पवार वास्तव में जवाहर राठौड़ की एक कविता का जिक्र कर रहे थे जो जातिवाद और अस्पृश्यता (caste and untouchability) के मुद्दे से संबंधित है. राकांपा नेता और महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने गुरुवार को इसे दोहराया और कहा कि महाराष्ट्र में "परंपराओं को धता बताने की विरासत है जिसने 5,000 से अधिक वर्षों तक लोगों को गुलाम बनाये रखा है." साथ ही कहा कि एनसीपी प्रमुख पवार की आलोचना करने वालों को इसको नहीं भूलना चाहिए.' कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा, मनु के अनुयायी विभिन्न संतों और उनके प्रतिगामी धार्मिक प्रथाओं के विरोध को नहीं समझेंगे। तुकाराम और जनाबाई जैसे संतों ने विभिन्न परंपराओं का स्पष्ट विरोध किया.

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पीटीआई

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