चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को लेकर जमकर हंगामा हुआ. दरअसल जेल मंत्री हरजोत बैंस ने दावा किया है कि अंसारी को फर्जी प्राथमिकी दर्ज कर 2 साल 3 महीने तक पंजाब जेल में बंद रखा गया. उसने जान बूझकर इस मामले में जमानत नहीं ली. इस दौरान वह अपनी पत्नी के साथ जेल में रहता था. इसके बाद विधानसभा में खूब हंगामा हुआ. जेल मंत्री ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
जेल मंत्री बैंस ने खुलासा किया कि कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी अपनी पत्नी के साथ जेल में रहा. साथ ही मुख्तार अंसारी के वकीलों की फीस पर 55 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. जिसका उनके पास बिल भी है. उनका दावा है कि रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान उसके खिलाफ फर्जी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इतना ही नहीं उसकी पत्नी उस बैरक में रहती थी जहां 25 कैदी होने चाहिए थे. उनका कहना है कि माफिया मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार ने 26 प्रोडक्शन वारंट जारी किए लेकिन उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश नहीं भेजा गया.
पूर्व जेल मंत्री बोले- साबित करें बैंस : जेल मंत्री ने कहा कि मुख्तार अंसारी को बचाने के लिए 11 लाख रुपये में एक वकील रखा गया था. जिसका सरकार के पास 55 लाख रुपये का बिल आया है, वह यह पैसा क्यों दें. मौजूदा जेल मंत्री बैंस के दावे के बाद पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि अगर अंसारी की पत्नी जेल में थी तो जेल मंत्री बैंस इसे साबित करें. वहीं, जेल मंत्री बैंस ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी. वहीं विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि अगर यह साबित नहीं हुआ तो मंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा.
नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि अगर गैंगस्टरों पर बहस होनी है तो इसकी शुरुआत लॉरेंस बिश्नोई से करनी चाहिए. लॉरेंस बिश्नोई दिल्ली सरकार के नियंत्रण में है क्योंकि वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. जिस पर आप विधायकों ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई को भी पंजाब लाया गया है.
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