चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने पुडुचेरी विधानसभा में भाजपा के तीन सदस्यों के मनोनयन को बुधवार को बरकरार रखा और कहा कि उनकी नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका में कोई दम नहीं है.
न्यायमूर्ति अनिता सुमंत और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और पुडुचेरी के मुख्य सचिव की मई 2021 की उन अधिसूचनाओं को बरकरार रखा जिनके माध्यम से पुडुचेरी विधानसभा सदस्य के रूप में के. वेंकटेशन, वी पी रामलिंगम और आर बी अशोक को मनोनीत किया गया था.
पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, 'सभी मोर्चों पर, हमें इस रिट याचिका में कोई दम नजर नहीं आता.'
अधिसूचना निरस्त करने का किया था आग्रह
याचिका कारिकलमपक्कम गांव के पूर्व अध्यक्ष जी ए जगन्नाथन ने दायर की थी और 10 मई की अधिसूचना को निरस्त करने का आग्रह किया था.
पुडुचेरी में एआईएनआरसी नीत राजग ने विधानसभा के लिए छह अप्रैल को हुए चुनाव में बहुमत प्राप्त किया था. भाजपा इस गठबंधन का हिस्सा है.
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केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में 30 विधायक चुनाव के जरिए चुने जाते हैं और तीन विधायक केंद्र द्वारा मनोनीत किए जाते हैं.