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Madras HC Matrimonial websites: मद्रास HC का सरकारों से वैवाहिक वेबसाइटों को विनियमित करने पर जोर - मद्रास उच्च न्यायालय ने वैवाहिक वेबसाइट

मद्रास हाईकोर्ट ने एक अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान वैवाहिक वेबसाइट को गंभीरता से लिया. इस संबंध में अदालत ने सरकारों को इन वेबसाइटों को विनियमित करने के लिए कहा.

Madras HC insists on Union and state govts to regulates Matrimonial websites
मद्रास HC ने केंद्र और राज्य सरकारों से वैवाहिक वेबसाइटों को विनियमित करने पर जोर दिया
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 27, 2023, 10:45 AM IST

चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को वैवाहिक वेबसाइटों को विनियमित करने के लिए नियम बनाने के लिए कहा. अदालत ने कहा कि यदि कोई पुरुष या महिला इन वेबसाइटों पर पंजीकरण करवाता है तो इसके लिए पासपोर्ट, आधार और अन्य पहचान दस्तावेजों का होना आवश्यक किया जाए. अदालत प्रसन्ना उर्फ चक्रवर्ती नामक एक शख्स की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

इस याचिका के संबंध में चेन्नई के केलंबक्कम पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था जहांप्रसन्ना ने कथित तौर पर एक महिला डॉक्टर से शादी करने के बहाने 80 सोने के गहने और 68 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी. जब याचिका जस्टिस आरएमटी टीका रमन के सामने सुनवाई के लिए आई. यह तर्क दिया गया कि चक्रवर्ती ने शिकायतकर्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी क्योंकि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से शिकायतकर्ता से परिचित हो गया था और उससे शादी करने की उसकी इच्छा को अस्वीकार कर दिया था.

पुलिस की ओर से बताया गया कि चक्रवर्ती द्वारा दायर की गई शिकायत की जांच चल रही है, कि उसने ईसाई विवाह वैवाहिक वेबसाइट पर पंजीकरण करके शिकायतकर्ता महिला डॉक्टर को धोखा दिया. इसके बाद महिला डॉक्टर के बारे में बताया गया कि अपने माता-पिता से बात करने के बाद, चक्रवर्ती ने एक डॉक्टर होने का दावा किया और 68 लाख रुपये नकद और 80 सोने के गहने चुरा लिए.

ये भी पढ़ें- Madras HC minor girl pregnancy: नाबालिग के गर्भधारण केस में अजन्मे बच्चे के जैविक पिता के नाम का उल्लेख न करें

जज के ध्यान में यह लाया गया कि चक्रवर्ती की दिनचर्या बुजुर्ग डॉक्टरों, नर्सों और अफेयर वाले लोगों को धोखा देना था, और ऐसी खबरें थीं कि उसने 17 से अधिक महिलाओं को करोड़ों रुपये का चूना लगाया. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने उसकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वैवाहिक वेबसाइट पर महिलाओं के साथ धोखाधड़ी की ज्यादातर मामले आते हैं. न्यायाधीश ने यह भी उल्लेख किया कि ऐसी वेबसाइटों को नियंत्रित करने के लिए कोई कानून या नियम नहीं बनाए गए हैं. इसलिए, उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों को वैवाहिक वेबसाइटों को विनियमित करने के लिए नियम बनाने के लिए कहा.

चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को वैवाहिक वेबसाइटों को विनियमित करने के लिए नियम बनाने के लिए कहा. अदालत ने कहा कि यदि कोई पुरुष या महिला इन वेबसाइटों पर पंजीकरण करवाता है तो इसके लिए पासपोर्ट, आधार और अन्य पहचान दस्तावेजों का होना आवश्यक किया जाए. अदालत प्रसन्ना उर्फ चक्रवर्ती नामक एक शख्स की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

इस याचिका के संबंध में चेन्नई के केलंबक्कम पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था जहांप्रसन्ना ने कथित तौर पर एक महिला डॉक्टर से शादी करने के बहाने 80 सोने के गहने और 68 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी. जब याचिका जस्टिस आरएमटी टीका रमन के सामने सुनवाई के लिए आई. यह तर्क दिया गया कि चक्रवर्ती ने शिकायतकर्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी क्योंकि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से शिकायतकर्ता से परिचित हो गया था और उससे शादी करने की उसकी इच्छा को अस्वीकार कर दिया था.

पुलिस की ओर से बताया गया कि चक्रवर्ती द्वारा दायर की गई शिकायत की जांच चल रही है, कि उसने ईसाई विवाह वैवाहिक वेबसाइट पर पंजीकरण करके शिकायतकर्ता महिला डॉक्टर को धोखा दिया. इसके बाद महिला डॉक्टर के बारे में बताया गया कि अपने माता-पिता से बात करने के बाद, चक्रवर्ती ने एक डॉक्टर होने का दावा किया और 68 लाख रुपये नकद और 80 सोने के गहने चुरा लिए.

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जज के ध्यान में यह लाया गया कि चक्रवर्ती की दिनचर्या बुजुर्ग डॉक्टरों, नर्सों और अफेयर वाले लोगों को धोखा देना था, और ऐसी खबरें थीं कि उसने 17 से अधिक महिलाओं को करोड़ों रुपये का चूना लगाया. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने उसकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वैवाहिक वेबसाइट पर महिलाओं के साथ धोखाधड़ी की ज्यादातर मामले आते हैं. न्यायाधीश ने यह भी उल्लेख किया कि ऐसी वेबसाइटों को नियंत्रित करने के लिए कोई कानून या नियम नहीं बनाए गए हैं. इसलिए, उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों को वैवाहिक वेबसाइटों को विनियमित करने के लिए नियम बनाने के लिए कहा.

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