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न्यायमूर्ति कर्णन को मद्रास उच्च न्यायालय ने दी सशर्त जमानत - न्यायमूर्ति कर्णन को मद्रास उच्च न्यायालय ने दी सशर्त जमानत

पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सीएस कर्णन को मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने सशर्त जमानत दे दी. महिलाओं के खिलाफ कथित तौर पर अश्लील टिप्पणी करने और न्यायाधीशों के खिलाफ बोलने के आरोप में उन्हें पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था.

Madras
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Published : Mar 23, 2021, 9:19 PM IST

चेन्नई : महिलाओं के खिलाफ कथित तौर पर अश्लील टिप्पणी करने और न्यायाधीशों के खिलाफ बोलने के आरोप में पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार विवादास्पद पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सीएस कर्णन को मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी.

मद्रास और कलकत्ता उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ 10 से अधिक मामले लंबित हैं. न्यायमूर्ति कर्णन द्वारा इस तरह के किसी भी कार्य में लिप्त नहीं होने के दिए गए शपथपत्र को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति वी भारती दासन ने उन्हें सशर्त राहत दी.

उन्हें 50,000 रुपये के दो मुचलके देने होंगे और शहर में रहना होगा. गवाहों को प्रभावित करने में लिप्त नहीं होना होगा और जब भी जरूरी होगा जांच अधिकारियों के सामने पेश होना होगा.

न्यायाधीशों ने कहा कि शर्तों का कोई भी उल्लंघन जमानत आदेश को रद्द कर देगा. इससे पहले, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो के रूप में अपलोड अपमानजनक सामग्री को लेकर ‘बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु एंड पुडुचेरी’ ने न्यायमूर्ति कर्णन के खिलाफ विभिन्न शिकायतें दी थीं.

उसी पर संज्ञान लेते हुए आईपीसी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अपराधों के लिए अब तक 10 मामले दर्ज किए गए हैं.

यह भी पढ़ें-छत्तीसगढ़ : नक्सलियों ने बस को उड़ाया, पांच जवान शहीद, कई घायल

इससे पहले इस साल 16 फरवरी को उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं.

चेन्नई : महिलाओं के खिलाफ कथित तौर पर अश्लील टिप्पणी करने और न्यायाधीशों के खिलाफ बोलने के आरोप में पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार विवादास्पद पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सीएस कर्णन को मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी.

मद्रास और कलकत्ता उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ 10 से अधिक मामले लंबित हैं. न्यायमूर्ति कर्णन द्वारा इस तरह के किसी भी कार्य में लिप्त नहीं होने के दिए गए शपथपत्र को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति वी भारती दासन ने उन्हें सशर्त राहत दी.

उन्हें 50,000 रुपये के दो मुचलके देने होंगे और शहर में रहना होगा. गवाहों को प्रभावित करने में लिप्त नहीं होना होगा और जब भी जरूरी होगा जांच अधिकारियों के सामने पेश होना होगा.

न्यायाधीशों ने कहा कि शर्तों का कोई भी उल्लंघन जमानत आदेश को रद्द कर देगा. इससे पहले, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो के रूप में अपलोड अपमानजनक सामग्री को लेकर ‘बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु एंड पुडुचेरी’ ने न्यायमूर्ति कर्णन के खिलाफ विभिन्न शिकायतें दी थीं.

उसी पर संज्ञान लेते हुए आईपीसी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अपराधों के लिए अब तक 10 मामले दर्ज किए गए हैं.

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इससे पहले इस साल 16 फरवरी को उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं.

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