हैदराबाद : तेलंगाना में शादी समारोह और जन्मदिन पर मांसाहारी (non veg) व्यंजन बनना आम बात है. लेकिन यहां का एक ऐसा गांव है जहां के लोग पूरी तरह से शाकाहारी हैं. हम बात कर रहे हैं निर्मल जिले के मच्छल गांव की (Nirmal district Machkal village). यहां के ग्रामीणों का मानना है कि मांस नहीं खाना चाहिए. मांस और शराब से दूर रहना चाहिए.
मच्छल गांव की आबादी करीब एक हजार है. इस गांव में हर जाति के लोग रहते हैं. यहां के लोग करीब 30, 40 साल से शाकाहारी भोजन करते हैं. यहां तक कि शादी और अन्य समारोहों में भी केवल शाकाहारी भोजन लेने की आदत हो गई है. शाकाहारी भोजन यहां की परंपरा बनती जा रही है. यहां के लोग गांव में आयोजित भोज में मेहमानों को मांस या शराब नहीं परोसते हैं. इसको लेकर किसी तरह का विवाद भी नहीं है.
यहां के लोगों का कहना है कि दूसरे गांवों के लोग हमारे विचार को पसंद करते हैं और उन्होंने कहा कि वे भी इसे अपने यहां लागू करेंगे. डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं कि आज के समय में मांसाहारी की तुलना में शाकाहारी होना बेहतर है. कहा जाता है कि पत्तेदार सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती हैं. ये शरीर को सेहतमंद रखने में काफी फायदेमंद हैं.
हर कोई शाकाहारी रहे-स्वस्थ रहे : गांव के सूर्यवंशी गोविंद राव ने बताया कि 'हमारे गांव में कोई मांस नहीं खाता. मेरी उम्र 46 साल है. मैंने अपनी आंखों से नहीं देखा कि हमारे गांव में किसी बकरी को मारा गया हो. कई गांवों में बच्चे शराब के सेवन जैसी बुरी आदतों के आदी हो जाते हैं. पार्टियों के नाम पर स्वास्थ्य को खराब किया जा रहा है. मैं चाहता हूं कि हर कोई शाकाहारी रहे और स्वस्थ रहे.'
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