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Ludhiana Gas Leak Case: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जांच कमेटी गठित करने की दी अनुमति, जल्द ही सौंपेगी रिपोर्ट

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Published : May 2, 2023, 4:13 PM IST

पंजाब के लुधियाना में हुए गैस लीक कांड को लेकर एनजीटी ने एक जांच कमेटी गठित करने की अनुमति दे दी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को इस जांच की रिपोर्ट सौंगी जाएगी. बता दें कि इस कांड में दो बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हुई थी.

ludhiana gas leak case
लुधियाना गैस लीक मामला

लुधियाना: पंजाब के लुधियाना जिले के गियासपुरा के सुआ रोड पर जहरीली गैस लीकेज मामले में एनजीटी ने संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी गठित करने की अनुमति दे दी है. बता दें कि यह कमेटी पूरे मामले की जांच कर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को रिपोर्ट सौंपेगी. इस बीच, पीपीसीबी और नगर निगम के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से 10 टीमों का गठन किया गया और घटना स्थल के पास 231 औद्योगिक इकाइयों की जांच शुरू कर दी गई है. इस क्षेत्र की 80 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयां लाल श्रेणी में आती हैं. फैक्ट्रियों से निकलने वाले सीवेज के सैंपल भी लिए जा रहे हैं.

सुआ रोड से गोल्डन पैलेस तक रास्ता बंद: गैस रिसाव के कारण सुआ रोड से गोल्डन पैलेस तक के रास्ते को पुलिस ने बंद कर दिया था. गैस का असर काफी कम हो गया है, लेकिन इलाके को अब भी सील ही रखा गया है. बुजुर्गों और बच्चों को अभी भी घटना स्थल के पास नहीं जाने दिया जा रहा है. अधिकारी लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं. साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर मौजूद है.

NGT allows inquiry committee in gas leak case
एनजीटी ने गैस लीक मामले में जांच कमेटी की अनुमति

पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि अभी तक सीसीटीवी कैमरों में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है कि कोई व्यक्ति या टैंकर सीवेज में केमिकल डाल रहा हो. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी कमेटी में जांच डीसीपी हरमीत हुंदल, एडीसीपी-2 सुहैल मीर, एडीसीपी-4 तुषार गुप्ता, एसीपी साउथ और एसएचओ शामिल हुए हैं. पुलिस कमिश्नर सिद्धू ने कहा कि यह औद्योगिक कचरा पहली बार नहीं डाला गया है.

कमिश्नर ने कहा कि औद्योगिक कचरे को अक्सर इन सीवरों में डाल दिया जाता है. जिला पुलिस इस मामले में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी पूछताछ करेगी. इस मामले को हल्के में नहीं लिया जाएगा. नोडल एजेंसी के पास इन उद्योगों का रिकॉर्ड होता है. साथ ही क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर भी प्रशासन ने अपने कब्जे में ले ली है.

घटना स्थल से कुछ दूरी पर सीवर का ढक्कन बुरी तरह टूटा हुआ मिला. आशंका जताई जा रही है कि उक्त स्थान पर टैंकर आदि से केमिकल डाला गया था. फिलहाल अधिकारी कयास ही लगा रहे हैं. जिस इलाके में यह हादसा हुआ वहां करीब 50 उद्योग चल रहे हैं. इक्का-दुक्का उद्योगों को छोड़कर बाकी किसी के पास ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है.

पढ़ें: Punjab Gas leak : पंजाब में पहले भी सामने आ चुके गैस लीक के मामले, जा चुकी हैं कई जानें

ग्यासपुरा इलाके में रविवार को अचानक गैस रिसाव से दो बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी. इससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया. पुलिस ने जल्द ही 1 किमी के इलाके को सील कर दिया. चेहरे पर मास्क लगाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंच गईं. बता दें कि इसमें एक ही परिवार के 5 सदस्यों की मौत हो गई थी.

लुधियाना: पंजाब के लुधियाना जिले के गियासपुरा के सुआ रोड पर जहरीली गैस लीकेज मामले में एनजीटी ने संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी गठित करने की अनुमति दे दी है. बता दें कि यह कमेटी पूरे मामले की जांच कर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को रिपोर्ट सौंपेगी. इस बीच, पीपीसीबी और नगर निगम के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से 10 टीमों का गठन किया गया और घटना स्थल के पास 231 औद्योगिक इकाइयों की जांच शुरू कर दी गई है. इस क्षेत्र की 80 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयां लाल श्रेणी में आती हैं. फैक्ट्रियों से निकलने वाले सीवेज के सैंपल भी लिए जा रहे हैं.

सुआ रोड से गोल्डन पैलेस तक रास्ता बंद: गैस रिसाव के कारण सुआ रोड से गोल्डन पैलेस तक के रास्ते को पुलिस ने बंद कर दिया था. गैस का असर काफी कम हो गया है, लेकिन इलाके को अब भी सील ही रखा गया है. बुजुर्गों और बच्चों को अभी भी घटना स्थल के पास नहीं जाने दिया जा रहा है. अधिकारी लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं. साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर मौजूद है.

NGT allows inquiry committee in gas leak case
एनजीटी ने गैस लीक मामले में जांच कमेटी की अनुमति

पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि अभी तक सीसीटीवी कैमरों में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है कि कोई व्यक्ति या टैंकर सीवेज में केमिकल डाल रहा हो. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी कमेटी में जांच डीसीपी हरमीत हुंदल, एडीसीपी-2 सुहैल मीर, एडीसीपी-4 तुषार गुप्ता, एसीपी साउथ और एसएचओ शामिल हुए हैं. पुलिस कमिश्नर सिद्धू ने कहा कि यह औद्योगिक कचरा पहली बार नहीं डाला गया है.

कमिश्नर ने कहा कि औद्योगिक कचरे को अक्सर इन सीवरों में डाल दिया जाता है. जिला पुलिस इस मामले में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी पूछताछ करेगी. इस मामले को हल्के में नहीं लिया जाएगा. नोडल एजेंसी के पास इन उद्योगों का रिकॉर्ड होता है. साथ ही क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर भी प्रशासन ने अपने कब्जे में ले ली है.

घटना स्थल से कुछ दूरी पर सीवर का ढक्कन बुरी तरह टूटा हुआ मिला. आशंका जताई जा रही है कि उक्त स्थान पर टैंकर आदि से केमिकल डाला गया था. फिलहाल अधिकारी कयास ही लगा रहे हैं. जिस इलाके में यह हादसा हुआ वहां करीब 50 उद्योग चल रहे हैं. इक्का-दुक्का उद्योगों को छोड़कर बाकी किसी के पास ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है.

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ग्यासपुरा इलाके में रविवार को अचानक गैस रिसाव से दो बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी. इससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया. पुलिस ने जल्द ही 1 किमी के इलाके को सील कर दिया. चेहरे पर मास्क लगाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंच गईं. बता दें कि इसमें एक ही परिवार के 5 सदस्यों की मौत हो गई थी.

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