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जिस बीमारी के लिए विदेश जाते हैं सलमान खान, उसका लखनऊ में इलाज संभव

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान (Salman Khan) 'ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया' (Trigeminal neuralgia) नामक अनोखी बीमारी से एक समय ग्रसित थे, उसका लखनऊ के डॉक्टर्स ने इलाज ढूंढ निकाला है. लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्तपाल के चिकित्सकों की खोज का ही परिणाम है कि मात्र 32 मिनटों में मरीज को इस बीमारी से निजात मिल सकता है.

ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया
ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया
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Published : Jun 25, 2021, 12:29 PM IST

लखनऊ: बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान (Actor Salman khan) ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया (Trigeminal neuralgia) बीमारी से पीड़ित हैं. इसका खुलासा उन्होंने खुद फिल्म ट्यूबलाइट (Tubelight ) के प्रमोशन के वक्त किया था. इस बीमारी के इलाज कराने वह विदेश जाते हैं. सुसाइडल डिजीज नाम से जानने वाली यह बीमारी का इलाज लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने सिर्फ 30 मिनट में कर दिया है.

बता दें लखनऊ के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 32 वर्षीय महिला का इलाज चल रहा है. उनके केस में डॉ.अनुराग अग्रवाल ने कहा कि महिला को दो वर्ष से चेहरे पर करंट जैसा झटका लग रहा था. इससे वह असहनीय दर्द से जूझ रही थी.

मिनिमली इनवेसिव पेन एंड स्पाइन इंटरवेंशन

डॉ. अनुराग ने महिला की एमआरआई जांच करवाई. इसमें 'ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया' (Trigeminal neuralgia) बीमारी की पुष्टि हुई. रिपोर्ट में मरीज के ब्रेन की ट्राइजेमिनल नर्व के गैंगलियोन में दिक्कत मिली. जिसके बाद मिनिमली इनवेसिव पेन एंड स्पाइन इंटरवेंशन करने का फैसला किया गया. यह दो प्रकार से होता है. इसमें एक बैलून कंप्रेसर और दूसरा रेडियस फ्रीक्वेंसी द्वारा इलाज किया जाता है. मरीज को पेन मेडिसिन ओटी में शिफ्ट किया गया. डॉ. अनुराग, डॉ दीपक मालवीय, डॉ शिवानी ने बैलून कंप्रेसर प्रोसीजर शुरू किया. इसमें मरीज के मुंह पर 'पिन होल' किया. कैथेटर व बलून डालकर गैंगलियोन पर कंप्रेसर दिया. करीब 30 मिनट की प्रक्रिया से मरीज को राहत मिल गई. डॉ. अनुराग के मुताबिक इस प्रोसीजर में मरीज को सिर्फ एक दिन ही अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है.

एक लाख में पांच मरीजों में बीमारी
डॉ. अनुराग के मुताबिक यह एक रेयर बीमारी है. फॉरेन लिटरेचर में एक लाख में चार से पांच लोगों में 'ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया' की दिक्कत होने की आशंका व्यक्त की गई है. अमूमन यह बीमारी 50 साल बाद होती है. लेकिन अब 40 से कम उम्र वालों में भी यह दिक्कत पाई जा रही है. कुछ मामलों में स्ट्रोक व ब्रेन ट्यूमर भी कारण हो सकता है. इसके अलावा किसी ब्लड वेसल द्वारा ट्राइजेमिनल नर्व के दब जाने या मल्टीपल स्क्लेरोसिस भी बीमारी का कारण हो सकता है.

दर्द के कारण आत्महत्या कर लेता मरीज
डॉ. अनुराग के मुताबिक ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया एक खतरनाक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. यह बीमारी इतनी घातक है कि इसे सुसाइड डिजीज भी कहा जाता है. इससे पीड़ित व्यक्ति दर्द के कारण आत्महत्या करने की सोचने लगता है. सलमान ने भी खुद को इस बीमारी से पीड़ित बताया है.

पढ़ें- लोहिया के निदेशक से बातचीत में सीएमएस के फरमान को वापस लेने की हुई मांग

क्यों होता है असहनीय दर्द
डॉ. अनुराग के मुताबिक ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया एक क्रॉनिक पेन कंडीशन है. यह सिर में मौजूद ट्राइजेमिनल या फिफ्थ केनियल नर्व को प्रभावित करती है. ये नर्व सिर के कई हिस्सों से होकर गुजरती है. इस बीमारी में अचानक असहनीय दर्द और तेज जलन होने लगती है. मरीज को ऐसा लगता है कि जैसे चेहरे पर कोई शॉक लगा हो. ये दर्द और जलन कुछ सेकंड से लेकर दो मिनट तक हो सकती है. कई बार चेहरे के दोनों तरफ एक साथ दर्द हो सकता है. ट्राइजेमिनल नर्व उन 12 प्रमुख नर्व में से एक है, जो ब्रेन से अटैच होती है. इस नर्व की तीन ब्रांच होती हैं जो चेहरे के ऊपरी, बीच और निचले हिस्से के अलावा मुंह के अंदर सेंसेशन के सिग्नल्स ब्रेन तक पहुंचाती हैं.

कितने तरह की होती है बीमारी
ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया दो तरह का होता है. पहला टाइप-1 या टी-1 और दूसरा टाइप -2 या टी-2 होता है. टी-1 में थोड़ी-थोड़ी देर में अचानक तेज दर्द और जलन होती है. वहीं टी-2 में लगातार दर्द, जलन और चुभन का अहसास बना रहता है. यह बीमारी पुरुषों के बजाय महिलाओं में ज्यादा होती है.

लखनऊ: बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान (Actor Salman khan) ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया (Trigeminal neuralgia) बीमारी से पीड़ित हैं. इसका खुलासा उन्होंने खुद फिल्म ट्यूबलाइट (Tubelight ) के प्रमोशन के वक्त किया था. इस बीमारी के इलाज कराने वह विदेश जाते हैं. सुसाइडल डिजीज नाम से जानने वाली यह बीमारी का इलाज लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने सिर्फ 30 मिनट में कर दिया है.

बता दें लखनऊ के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 32 वर्षीय महिला का इलाज चल रहा है. उनके केस में डॉ.अनुराग अग्रवाल ने कहा कि महिला को दो वर्ष से चेहरे पर करंट जैसा झटका लग रहा था. इससे वह असहनीय दर्द से जूझ रही थी.

मिनिमली इनवेसिव पेन एंड स्पाइन इंटरवेंशन

डॉ. अनुराग ने महिला की एमआरआई जांच करवाई. इसमें 'ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया' (Trigeminal neuralgia) बीमारी की पुष्टि हुई. रिपोर्ट में मरीज के ब्रेन की ट्राइजेमिनल नर्व के गैंगलियोन में दिक्कत मिली. जिसके बाद मिनिमली इनवेसिव पेन एंड स्पाइन इंटरवेंशन करने का फैसला किया गया. यह दो प्रकार से होता है. इसमें एक बैलून कंप्रेसर और दूसरा रेडियस फ्रीक्वेंसी द्वारा इलाज किया जाता है. मरीज को पेन मेडिसिन ओटी में शिफ्ट किया गया. डॉ. अनुराग, डॉ दीपक मालवीय, डॉ शिवानी ने बैलून कंप्रेसर प्रोसीजर शुरू किया. इसमें मरीज के मुंह पर 'पिन होल' किया. कैथेटर व बलून डालकर गैंगलियोन पर कंप्रेसर दिया. करीब 30 मिनट की प्रक्रिया से मरीज को राहत मिल गई. डॉ. अनुराग के मुताबिक इस प्रोसीजर में मरीज को सिर्फ एक दिन ही अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है.

एक लाख में पांच मरीजों में बीमारी
डॉ. अनुराग के मुताबिक यह एक रेयर बीमारी है. फॉरेन लिटरेचर में एक लाख में चार से पांच लोगों में 'ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया' की दिक्कत होने की आशंका व्यक्त की गई है. अमूमन यह बीमारी 50 साल बाद होती है. लेकिन अब 40 से कम उम्र वालों में भी यह दिक्कत पाई जा रही है. कुछ मामलों में स्ट्रोक व ब्रेन ट्यूमर भी कारण हो सकता है. इसके अलावा किसी ब्लड वेसल द्वारा ट्राइजेमिनल नर्व के दब जाने या मल्टीपल स्क्लेरोसिस भी बीमारी का कारण हो सकता है.

दर्द के कारण आत्महत्या कर लेता मरीज
डॉ. अनुराग के मुताबिक ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया एक खतरनाक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. यह बीमारी इतनी घातक है कि इसे सुसाइड डिजीज भी कहा जाता है. इससे पीड़ित व्यक्ति दर्द के कारण आत्महत्या करने की सोचने लगता है. सलमान ने भी खुद को इस बीमारी से पीड़ित बताया है.

पढ़ें- लोहिया के निदेशक से बातचीत में सीएमएस के फरमान को वापस लेने की हुई मांग

क्यों होता है असहनीय दर्द
डॉ. अनुराग के मुताबिक ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया एक क्रॉनिक पेन कंडीशन है. यह सिर में मौजूद ट्राइजेमिनल या फिफ्थ केनियल नर्व को प्रभावित करती है. ये नर्व सिर के कई हिस्सों से होकर गुजरती है. इस बीमारी में अचानक असहनीय दर्द और तेज जलन होने लगती है. मरीज को ऐसा लगता है कि जैसे चेहरे पर कोई शॉक लगा हो. ये दर्द और जलन कुछ सेकंड से लेकर दो मिनट तक हो सकती है. कई बार चेहरे के दोनों तरफ एक साथ दर्द हो सकता है. ट्राइजेमिनल नर्व उन 12 प्रमुख नर्व में से एक है, जो ब्रेन से अटैच होती है. इस नर्व की तीन ब्रांच होती हैं जो चेहरे के ऊपरी, बीच और निचले हिस्से के अलावा मुंह के अंदर सेंसेशन के सिग्नल्स ब्रेन तक पहुंचाती हैं.

कितने तरह की होती है बीमारी
ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया दो तरह का होता है. पहला टाइप-1 या टी-1 और दूसरा टाइप -2 या टी-2 होता है. टी-1 में थोड़ी-थोड़ी देर में अचानक तेज दर्द और जलन होती है. वहीं टी-2 में लगातार दर्द, जलन और चुभन का अहसास बना रहता है. यह बीमारी पुरुषों के बजाय महिलाओं में ज्यादा होती है.

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