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लोकसभा में सरकार का बयान, सात साल में दो गुनी हुई रसोई गैस की कीमत - LPG PRICE HIKE

केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि देश में पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार से संबंधित होते हैं. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि दिसंबर 2020 से दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के गैस सिलेंडर का मूल्य 644 रुपये था, जो मार्च 2021 में बढ़कर 819 रुपये हो गया.

रसोई गैस की कीमत
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Published : Mar 8, 2021, 9:38 PM IST

नई दिल्ली : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि घरेलू रसोई गैस की कीमत पिछले सात वर्षों में दोगुना होकर 819 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है. जबकि पेट्रोल और डीजल पर करों में 459 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

लोकसभा में ईंधन की बढ़ती कीमतों पर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा कि एक मार्च, 2014 को रसोई गैस की खुदरा बिक्री 410.5 रुपये प्रति सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) था. जबकि मार्च 2021 में उसी गैस सिलेंडर की कीमत 819 रुपये है.

पिछले कुछ वर्षों में कीमतों में थोड़ी-थोड़ी बढ़ोतरी से रसोई गैस और साथ ही पीडीएस केरोसिन पर सब्सिडी को समाप्त कर दिया गया है.

प्रधान ने कहा कि सब्सिडी वाले रसोई गैस की कीमत पिछले कुछ महीनों के दौरान बढ़ाई गई है. दिसंबर 2020 में इसकी कीमत 594 रुपये प्रति सिलेंडर थी और अब इसकी कीमत 819 रुपये है.

उन्होंने कहा कि इसी तरह, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिए गरीबों को बेचा जाने वाला केरोसिन मार्च 2014 में 14.96 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर इस महीने 35.35 रुपये हो गया.

गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी देश भर में उच्च स्तर पर हैं. स्थानीय बिक्री कर (वैट) के आधार पर, अगल-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल की अलग-अलग कीमतें हैं. वर्तमान में, दिल्ली में पेट्रोल 91.17 रुपये और डीजल के लिए 81.47 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.

प्रधान ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को सरकार ने क्रमशः 26 जून, 2010 और 19 अक्टूबर, 2014 के निर्णय से बाजार के हिसाब से निर्धारित किया गया है. तब से, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से करती हैं.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि 2013 में पेट्रोल-डीजल पर 52,537 करोड़ रुपये कर एकत्र हुआ था, जो 2019-20 में बढ़कर 2.13 लाख करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में यह बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपये हो गया.

पेट्रोल पर 32.90 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार वर्तमान में पेट्रोल पर 32.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लेती है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 17.98 रुपये और डीजल पर 13.83 रुपये प्रति लीटर था.

प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार का पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल का कुल कर संग्रह 2016-17 में 2.37 लाख करोड़ रुपये था, जो अप्रैल-जनवरी 2020-21 के दौरान बढ़कर 3.01 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच, केंद्र सरकार ने वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट से उत्पन्न लाभ को दूर करने के लिए नौ मौकों पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था. इन 15 महीनों में कुल मिलाकर, पेट्रोल की दर पर शुल्क में 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई.

सरकार ने अक्टूबर 2017 में उत्पाद शुल्क में दो रुपये की कटौती की थी और एक साल बाद 1.50 रुपये की कटौती की थी. लेकिन, जुलाई 2019 में केंद्र ने उत्पाद शुल्क दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया.

यह भी पढ़ें- फिर बढ़े रसोई गैस के दाम, घरेलू महिलाओं पर बढ़ा बोझ

मार्च 2020 में सरकार ने फिर से उत्पाद शुल्क तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया. उस साल मई में, सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की.

नई दिल्ली : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि घरेलू रसोई गैस की कीमत पिछले सात वर्षों में दोगुना होकर 819 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है. जबकि पेट्रोल और डीजल पर करों में 459 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

लोकसभा में ईंधन की बढ़ती कीमतों पर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा कि एक मार्च, 2014 को रसोई गैस की खुदरा बिक्री 410.5 रुपये प्रति सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) था. जबकि मार्च 2021 में उसी गैस सिलेंडर की कीमत 819 रुपये है.

पिछले कुछ वर्षों में कीमतों में थोड़ी-थोड़ी बढ़ोतरी से रसोई गैस और साथ ही पीडीएस केरोसिन पर सब्सिडी को समाप्त कर दिया गया है.

प्रधान ने कहा कि सब्सिडी वाले रसोई गैस की कीमत पिछले कुछ महीनों के दौरान बढ़ाई गई है. दिसंबर 2020 में इसकी कीमत 594 रुपये प्रति सिलेंडर थी और अब इसकी कीमत 819 रुपये है.

उन्होंने कहा कि इसी तरह, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिए गरीबों को बेचा जाने वाला केरोसिन मार्च 2014 में 14.96 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर इस महीने 35.35 रुपये हो गया.

गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी देश भर में उच्च स्तर पर हैं. स्थानीय बिक्री कर (वैट) के आधार पर, अगल-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल की अलग-अलग कीमतें हैं. वर्तमान में, दिल्ली में पेट्रोल 91.17 रुपये और डीजल के लिए 81.47 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.

प्रधान ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को सरकार ने क्रमशः 26 जून, 2010 और 19 अक्टूबर, 2014 के निर्णय से बाजार के हिसाब से निर्धारित किया गया है. तब से, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से करती हैं.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि 2013 में पेट्रोल-डीजल पर 52,537 करोड़ रुपये कर एकत्र हुआ था, जो 2019-20 में बढ़कर 2.13 लाख करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में यह बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपये हो गया.

पेट्रोल पर 32.90 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार वर्तमान में पेट्रोल पर 32.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लेती है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 17.98 रुपये और डीजल पर 13.83 रुपये प्रति लीटर था.

प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार का पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल का कुल कर संग्रह 2016-17 में 2.37 लाख करोड़ रुपये था, जो अप्रैल-जनवरी 2020-21 के दौरान बढ़कर 3.01 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच, केंद्र सरकार ने वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट से उत्पन्न लाभ को दूर करने के लिए नौ मौकों पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था. इन 15 महीनों में कुल मिलाकर, पेट्रोल की दर पर शुल्क में 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई.

सरकार ने अक्टूबर 2017 में उत्पाद शुल्क में दो रुपये की कटौती की थी और एक साल बाद 1.50 रुपये की कटौती की थी. लेकिन, जुलाई 2019 में केंद्र ने उत्पाद शुल्क दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया.

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मार्च 2020 में सरकार ने फिर से उत्पाद शुल्क तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया. उस साल मई में, सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की.

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