बेंगलुरु : गवी गंगाधरेश्वरा, ऐसा अनोखा मंदिर जहां हर साल मकर संक्रांति के पर्व पर सूर्य की किरणें शिवलिंग पर पड़ती है. लेकिन इस वर्ष, 53 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि सूर्य की किरण शिवलिंग को छू नहीं पाई. इस अजीबो गरीब घटना को लोग अलग-अलग व्यांख्या दे रहे हैं. कोई इसे अपशगुन मान रहा है तो कोई प्रकृति में बदलाव को इस घटना की वजह बता रहा है.
गवी गंगाधरेश्वरा मंदिर के मुख्य पुजारी के अनुसार 53 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब सूर्य देव ने भगवान को 'अदृश्य' नमन दिया है.
सूर्य के इस 'अदृश्य' नमन ने लोगों के बीच चिंता पैदा कर दी है, भक्तों को आशंका हो रही है कि इस साल कोई आपदा आने वाली है.
बता दें कि हजारों भक्तों की भीड़ मकर संक्रांति के अवसर पर इस मंदिर पर उमड़ती है.160 फीट के गर्भगृह में एक शिवलिंग है जिस पर सूर्य की किरणें संक्रांति के अवसर पर स्पर्श करती है.
मुख्य पुजारी सोमसुंदर दीक्षित ने कहा, 'इस वर्ष सूर्य की किरण गर्भगृह के चौखट तक आई और अचानक किसी को दिखाई दिए बिना शिवलिंग के उपर से गुजर गई.'
पिछले 53 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. पहली बार, भगवान सूर्यदेव द्वारा शिवलिंग के 'अदृश्य' नमन ने भक्तों के साथ-साथ पुजारियों को भी चिंता में डाल दिया है. उनका मानना है कि प्रकृति में बदलाव, सूरज के किरणों को शिवलिंग पर पड़ने से रोकता है. इसलिए सभी वर्ष 2021को लेकर में चिंतित हैं.
इस बारे में मीडिया से बात करते हुए मुख्य पुजारी ने कहा, ' सूर्य की किरणें गर्भगृह की चौखट पर आई लेकिन शिवलिंग को स्पर्श नहीं किया. आने वाला समय मुश्किल हो सकता है. दुनिया कोरोना से उभर रही है, इसलिए आने वाले समस में युद्ध और रक्तपात की संभावना है. विश्व के कल्याण के लिए या आपदा को नियंत्रित करने के लिए, रुद्रप्रयाग हवन का आयोजन करना होगा.'