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Longest day of Year : 21 जून को इतने बजे परछाई भी छोड़ देगी आपका साथ, ये है वजह, यहां दिखेगा सबसे बेहतरीन नजारा

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Published : Jun 20, 2022, 9:59 PM IST

परछाई हमेशा हमारा साथ देती है, लेकिन 21 जून (Longest day of Year) को यह बात भी थोड़ी देर के लिए गलत साबित हो जाती है. 21 जून के दिन दोपहर में थोड़ी देर सूर्य की रोशनी में भी हमारी परछाई (Shadowless body) नजर नहीं आती है. पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होगा जबकि सूर्यास्त देर से होगा. 21 जून (Summer solstice 2022) को साल के सबसे बड़े दिन के साथ ही साल की सबसे छोटी रात भी होती है. Shadow will disappear

Longest day of Year Summer solstice 2022
21 जून को सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात

उज्जैन। सामान्य तौर माना जाता है कि दिन और रात 12-12 घंटे के होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता. साल के कुछ समय दिन और रात के बीच का फर्क 1 घंटे से भी ज्यादा का हो सकता है. सिर्फ कुछ दिनों के लिये दिन और रात बराबर समय के होते हैं. 21 दिसंबर के बाद रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े होने लगते हैं. हर साल 21 जून (Longest day of Year) को ग्रीष्म संक्रांति यानि समर सोल्स्टिस 2022 (Summer solstice 2022) मनाया जाता है. इस दिन से रातें बड़ी होने लगती है. इस दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात वाला दिन होता है. इस दिन उत्तरी ध्रुव सूर्य के सबसे निकट झुका होगा. दरअसल ग्रीष्म संक्रांति के दिन सूर्य आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच जाता है, जिसके कारण दिन का उजाला सामान्य से अधिक समय तक बना रहता है.

21 जून को सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात

12:28 मिनट पर परछाई होगी गायब : उज्जैन महाकाल की नगरी धार्मिक होने के साथ विज्ञान की नगरी भी कही जाती है, मान्यता है कि उज्जैन अनादि काल से कालगणना का केंद्र रहा है. यहां स्त्तिथ जीवाजी वेध शाला में पृथ्वी, सूर्य, चंद्रमा और काल चक्र को आसानी से समझा जा सकता है. 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है, इसे लेकर देशभर के लोगों में भी अलग ही उमंग होती है. इस दिन दोपहर 12:28 मिनट पर कर्क रेखा के आस पास वाले सभी स्थानों पर आमजन की परछाई (Shadow will disappear) गायब होती देखी जाती है. ऐसा पहली बार नहीं प्रत्येक साल होता है.

आज से दिन होंगे छोटे और बड़ी होगी रातें : सूर्य 21 जून को उत्तराणायन से दक्षिणायन (Summer solstice 2022) की तरफ प्रवेश करते हैं, जिससे दिन छोटी और रात बड़ी होने लगती है. 21 जून का दिन 13 घण्टे 34 मिनट का होता है, वहीं रात 10 घण्टे 26 मिनट की होती है. साथ ही सूर्य की चरम क्रांति इस दिन 23 डिग्री 26 मिनट और 15 सेकंड होती है. उज्जैन में ये दृश्य 21 जून दोपहर 12:28 मिनट पर देखा जाएगा. सूर्य सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर उदय होगा और 7 बज कर 16 मिनट पर अस्त होगा. 21 जून के बाद दिन छोटी और रात बड़ी तो वहीं 23 सितंबर 2022 को फिर खगोलीय घटना के कारण दिन और रात बराबर हो जाएगी. सूरज की किरणें पृथ्वी पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती है, इसलिए इस दिन को साल का सबसे बड़ा दिन कहते हैं. इसे सोल्सटाइस भी कहते हैं. इसका अर्थ है सूरज अभी भी उगा हुआ है.

क्यों होता है 21 जून को बड़ा दिन? खगोल शास्त्रियों के अनुसार, जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है, इसलिए इस दिन सूर्य की किरणें धरती पर ज्यादा टाइम के लिए पड़ती हैं. इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ती हैं. इसकी वजह से 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है. वैसे इसका अपवाद भी है, 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था. अब ऐसा 2203 में होगा. वहीं आपकी परछाई उस समय साथ छोड़ देती है जब सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है. इस दौरान घबराना नहीं चाहिए. ये पृथ्वी की एक सामान्य प्रक्रिया है.

16 साल की मुस्लिम लड़की कर सकती है अपनी मर्जी से शादी : हाईकोर्ट

21 जून को सूर्य की स्थिति एवं गति को जानिए-

  • उत्तरी गोलार्द्ध (दिन छोटे रात बड़ी) कर्क रेखा 21 जून
  • 21 मार्च से विषुवत रेखा 23 सितंबर तक (दिन और रात बराबर)
  • मकर रेखा 22 दिसम्बर दक्षिणी गोलार्द्ध (रात बड़ी दिन छोटी)

रायसेन में भी दिखता है यह नजारा: उज्जैन के अलावा रायसेन में भी यह नजारा आज के दिन दिखता है. कर्क रेखा (Tropic of Cancer) भोपाल से 25 किलोमीटर दूर उत्तर से निकलती है. जहां से कर्क रेखा गुजरती है वह स्थान स्टेट हाईवे-18 पर रायसेन जिले के दीवानगंज और सलामतपुर के मध्य स्थित है. कर्क रेखा को चिन्हांकित करने के लिये उस स्थल पर राजस्थानी पत्थरों से चबूतरानुमा स्मारक बनाया गया है. यह स्थान रायसेन जिले का सबसे आकर्षक सेल्फी प्वाइंट है.

उज्जैन। सामान्य तौर माना जाता है कि दिन और रात 12-12 घंटे के होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता. साल के कुछ समय दिन और रात के बीच का फर्क 1 घंटे से भी ज्यादा का हो सकता है. सिर्फ कुछ दिनों के लिये दिन और रात बराबर समय के होते हैं. 21 दिसंबर के बाद रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े होने लगते हैं. हर साल 21 जून (Longest day of Year) को ग्रीष्म संक्रांति यानि समर सोल्स्टिस 2022 (Summer solstice 2022) मनाया जाता है. इस दिन से रातें बड़ी होने लगती है. इस दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात वाला दिन होता है. इस दिन उत्तरी ध्रुव सूर्य के सबसे निकट झुका होगा. दरअसल ग्रीष्म संक्रांति के दिन सूर्य आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच जाता है, जिसके कारण दिन का उजाला सामान्य से अधिक समय तक बना रहता है.

21 जून को सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात

12:28 मिनट पर परछाई होगी गायब : उज्जैन महाकाल की नगरी धार्मिक होने के साथ विज्ञान की नगरी भी कही जाती है, मान्यता है कि उज्जैन अनादि काल से कालगणना का केंद्र रहा है. यहां स्त्तिथ जीवाजी वेध शाला में पृथ्वी, सूर्य, चंद्रमा और काल चक्र को आसानी से समझा जा सकता है. 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है, इसे लेकर देशभर के लोगों में भी अलग ही उमंग होती है. इस दिन दोपहर 12:28 मिनट पर कर्क रेखा के आस पास वाले सभी स्थानों पर आमजन की परछाई (Shadow will disappear) गायब होती देखी जाती है. ऐसा पहली बार नहीं प्रत्येक साल होता है.

आज से दिन होंगे छोटे और बड़ी होगी रातें : सूर्य 21 जून को उत्तराणायन से दक्षिणायन (Summer solstice 2022) की तरफ प्रवेश करते हैं, जिससे दिन छोटी और रात बड़ी होने लगती है. 21 जून का दिन 13 घण्टे 34 मिनट का होता है, वहीं रात 10 घण्टे 26 मिनट की होती है. साथ ही सूर्य की चरम क्रांति इस दिन 23 डिग्री 26 मिनट और 15 सेकंड होती है. उज्जैन में ये दृश्य 21 जून दोपहर 12:28 मिनट पर देखा जाएगा. सूर्य सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर उदय होगा और 7 बज कर 16 मिनट पर अस्त होगा. 21 जून के बाद दिन छोटी और रात बड़ी तो वहीं 23 सितंबर 2022 को फिर खगोलीय घटना के कारण दिन और रात बराबर हो जाएगी. सूरज की किरणें पृथ्वी पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती है, इसलिए इस दिन को साल का सबसे बड़ा दिन कहते हैं. इसे सोल्सटाइस भी कहते हैं. इसका अर्थ है सूरज अभी भी उगा हुआ है.

क्यों होता है 21 जून को बड़ा दिन? खगोल शास्त्रियों के अनुसार, जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है, इसलिए इस दिन सूर्य की किरणें धरती पर ज्यादा टाइम के लिए पड़ती हैं. इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ती हैं. इसकी वजह से 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है. वैसे इसका अपवाद भी है, 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था. अब ऐसा 2203 में होगा. वहीं आपकी परछाई उस समय साथ छोड़ देती है जब सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है. इस दौरान घबराना नहीं चाहिए. ये पृथ्वी की एक सामान्य प्रक्रिया है.

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21 जून को सूर्य की स्थिति एवं गति को जानिए-

  • उत्तरी गोलार्द्ध (दिन छोटे रात बड़ी) कर्क रेखा 21 जून
  • 21 मार्च से विषुवत रेखा 23 सितंबर तक (दिन और रात बराबर)
  • मकर रेखा 22 दिसम्बर दक्षिणी गोलार्द्ध (रात बड़ी दिन छोटी)

रायसेन में भी दिखता है यह नजारा: उज्जैन के अलावा रायसेन में भी यह नजारा आज के दिन दिखता है. कर्क रेखा (Tropic of Cancer) भोपाल से 25 किलोमीटर दूर उत्तर से निकलती है. जहां से कर्क रेखा गुजरती है वह स्थान स्टेट हाईवे-18 पर रायसेन जिले के दीवानगंज और सलामतपुर के मध्य स्थित है. कर्क रेखा को चिन्हांकित करने के लिये उस स्थल पर राजस्थानी पत्थरों से चबूतरानुमा स्मारक बनाया गया है. यह स्थान रायसेन जिले का सबसे आकर्षक सेल्फी प्वाइंट है.

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