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मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए केंद्र से बुलाई बैठक, कांग्रेस बोली- बहुत देर से जागी सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इसके लेकर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह मणिपुर में शांति बहाली को लेकर यह एक छोटा और बहुत देर से उठाया गया कदम है. पढ़ें पूरी खबर...

Manipur violence
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल
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Published : Jun 22, 2023, 2:18 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को मणिपुर हिंसा पर सर्वदलीय बैठक के 'देर से' बुलावे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा. उन्होंने लिखा कि खैर, मणिपुर में मौत और विनाश के 50 दिनों के बाद, गृह मंत्री अमित शाह सर्वदलीय बैठक का आह्वान बहुत कम, बहुत देर से उठाया गया कदम. उन्होंने दावा किया कि सोनिया गांधी के संदेश के बाद सरकार जागी.

  • Well after 50 days of death and destruction in Manipur, HM @AmitShah’s call for an all party meeting is too little too late. The government only woke up after Smt. Sonia Gandhi ji’s address to the people of Manipur.

    At the outset, the PM’s absence from such a serious meeting… https://t.co/xIpFMrpqtS

    — K C Venugopal (@kcvenugopalmp) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विट कर कहा कि 50 दिनों से जल रहा है मणिपुर, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे. सर्वदलीय बैठक तब बुलाई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं! साफ है, प्रधानमंत्री के लिए ये बैठक महत्वपूर्ण नहीं है.

  • 50 दिनों से जल रहा है मणिपुर, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे।

    सर्वदलीय बैठक तब बुलाई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं!

    साफ है, प्रधानमंत्री के लिए ये बैठक महत्वपूर्ण नहीं है।

    — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गुरुवार को वेणुगोपाल ने अपने ट्वीट में कहा कि सबसे पहले तो इतनी महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति उनकी कायरता और अपनी विफलताओं का सामना करने की अनिच्छा को दर्शाती है. यहां तक कि जब कई प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे बैठक की मांग की, तब भी उनके पास उनके लिए समय नहीं था. वेणुगोपाल ने अपने ट्वीट में कहा कि गृह मंत्री खुद वहां गये थे. लेकिन उनके जाने से स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ बल्कि राज्य में हालात और बिगड़ ही गये.

Manipur violence
केसी वेणुगोपाल का ट्विट.

वेणुगोपाल ने अपने ट्वीट में सवाल किया कि क्या हम उनके नेतृत्व में वास्तविक शांति की उम्मीद कर सकते हैं? इसके अलावा, पक्षपातपूर्ण राज्य सरकार का जारी रहना और राष्ट्रपति शासन लागू न करना एक मजाक है. शांति के लिए कोई भी प्रयास मणिपुर में होना चाहिए. जहां युद्धरत समुदायों को चर्चा की मेज पर लाया जा सकता है. एक राजनीतिक समाधान निकाला जा सकता है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि यदि यह प्रयास दिल्ली में बैठकर किया जाएगा तो इसमें गंभीरता की कमी होगी. पूरे देश को केंद्र सरकार से गंभीर हस्तक्षेप की उम्मीद है, जो अब तक कार्रवाई करने में विफल रही है.

गृह मंत्रालय ने बुधवार को ट्वीट किया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को दोपहर 3 बजे नई दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. घोषणा के घंटों बाद, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान सामने आया था.

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इस बीच मणिपुर में अभी भी हिंसा का दौर जारी है. राज्य सरकार ने शांति में और गड़बड़ी को रोकने के प्रयास में इंटरनेट पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए 25 जून तक बढ़ा दिया है. राज्य में जारी अशांति को देखते हुए डेटा सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को मणिपुर हिंसा पर सर्वदलीय बैठक के 'देर से' बुलावे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा. उन्होंने लिखा कि खैर, मणिपुर में मौत और विनाश के 50 दिनों के बाद, गृह मंत्री अमित शाह सर्वदलीय बैठक का आह्वान बहुत कम, बहुत देर से उठाया गया कदम. उन्होंने दावा किया कि सोनिया गांधी के संदेश के बाद सरकार जागी.

  • Well after 50 days of death and destruction in Manipur, HM @AmitShah’s call for an all party meeting is too little too late. The government only woke up after Smt. Sonia Gandhi ji’s address to the people of Manipur.

    At the outset, the PM’s absence from such a serious meeting… https://t.co/xIpFMrpqtS

    — K C Venugopal (@kcvenugopalmp) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विट कर कहा कि 50 दिनों से जल रहा है मणिपुर, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे. सर्वदलीय बैठक तब बुलाई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं! साफ है, प्रधानमंत्री के लिए ये बैठक महत्वपूर्ण नहीं है.

  • 50 दिनों से जल रहा है मणिपुर, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे।

    सर्वदलीय बैठक तब बुलाई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं!

    साफ है, प्रधानमंत्री के लिए ये बैठक महत्वपूर्ण नहीं है।

    — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गुरुवार को वेणुगोपाल ने अपने ट्वीट में कहा कि सबसे पहले तो इतनी महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति उनकी कायरता और अपनी विफलताओं का सामना करने की अनिच्छा को दर्शाती है. यहां तक कि जब कई प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे बैठक की मांग की, तब भी उनके पास उनके लिए समय नहीं था. वेणुगोपाल ने अपने ट्वीट में कहा कि गृह मंत्री खुद वहां गये थे. लेकिन उनके जाने से स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ बल्कि राज्य में हालात और बिगड़ ही गये.

Manipur violence
केसी वेणुगोपाल का ट्विट.

वेणुगोपाल ने अपने ट्वीट में सवाल किया कि क्या हम उनके नेतृत्व में वास्तविक शांति की उम्मीद कर सकते हैं? इसके अलावा, पक्षपातपूर्ण राज्य सरकार का जारी रहना और राष्ट्रपति शासन लागू न करना एक मजाक है. शांति के लिए कोई भी प्रयास मणिपुर में होना चाहिए. जहां युद्धरत समुदायों को चर्चा की मेज पर लाया जा सकता है. एक राजनीतिक समाधान निकाला जा सकता है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि यदि यह प्रयास दिल्ली में बैठकर किया जाएगा तो इसमें गंभीरता की कमी होगी. पूरे देश को केंद्र सरकार से गंभीर हस्तक्षेप की उम्मीद है, जो अब तक कार्रवाई करने में विफल रही है.

गृह मंत्रालय ने बुधवार को ट्वीट किया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को दोपहर 3 बजे नई दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. घोषणा के घंटों बाद, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान सामने आया था.

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इस बीच मणिपुर में अभी भी हिंसा का दौर जारी है. राज्य सरकार ने शांति में और गड़बड़ी को रोकने के प्रयास में इंटरनेट पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए 25 जून तक बढ़ा दिया है. राज्य में जारी अशांति को देखते हुए डेटा सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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