नई दिल्ली : भारतीय सार्स-सीओवी2 जीनोमिक्स संघ (INSACOG) ने कहा है कि कोविड-19 के नये एवाई.4.2 स्वरूप की तीव्रता सभी चिंताजनक स्वरूपों (वीओआई/वीओसी) की तीव्रता की 0.1 प्रतिशत से कम है और इस बार यह इतनी चिंताजनक नहीं है.
INSACOG ने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा कि कोरोना वायरस के अन्य डेल्टा स्वरूपों की तुलना में एवाई.4.2 के लिए टीके का प्रभाव अलग नहीं दिखता. इनसाकॉग ने कहा, 'एवाई.4.2 की संक्रामक क्षमता अधिक होने के लिए इस समय कोई जैविक आधार नहीं है.'
भारत में सबसे पहले पिछले साल अक्टूबर में सामने आया वायरस का डेल्टा स्वरूप देश में कोरोना वायरस की विनाशकारी दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था. यह लहर अप्रैल और मई में चरम पर थी.
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INSACOG देश की 28 प्रयोगशालाओं का संघ है जिसे कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी2 वायरस में जीनोम उत्परिवर्तनों पर निगरानी के लिए दिसंबर 2020 में गठित किया गया था। यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन पूरे भारत में काम करता है.
(पीटीआई-भाषा)