नई दिल्लीः दिल्ली में तीन दिन तक चले एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा (MSP Guarantee Kisan Morcha) के अधिवेशन के बाद संयोजक और किसान नेता वीएम सिंह ने आंदोलन के नये स्वरूप की घोषणा कर दी है. शनिवार शाम अधिवेशन के समापन के बाद वीएम सिंह ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए आगे की रणनीति का खुलासा किया है.रणनीति के तहत वह देश के 6 लाख से ज्यादा गांव तक पहुंचेंगे और किसानों को गोलबंद कर एक सुत्रीय मांग की आवाज बुलंद करने का काम करेंगे. उनके साथ जुड़े सत्ताईस राज्यों के दो सौ से ज्यादा छोटे बड़े किसान संगठन इस मुहिम में एक संगठन के रूप में काम करेंगे. केवल एमएसपी को अपना मुख्य एजेंडा बनाने के सवाल पर वीएम सिंह ने कहा कि आज किसानों की मूल समस्या ही फसल का वाजिब दाम न मिलना है. यदि यह मिल जाता है तो अन्य समस्याएं अपने आप दूर हो जाएंगी.
अक्टूबर 15 से 31 दिसंबर तक 6 लाख 50 हजार गांव में सभी स्थानिय किसान संगठन एमएसपी के मांग (Farmers organization MSP demands) के प्रति लोगों को जागरुक करेंगे और समर्थन के लिये 'हर गांव एमएसपी-हर घर एमएसपी' के नारे को सभी मकानों पर लिखवाने का काम करेंगे. उसके बाद एक जनवरी को हर गांव से एक समूह जिलाधिकारी कार्यालय में प्रधानमंत्री मोदी के नाम पत्र सौंपेगा जिसमें अनुरोध किया जायेगा कि वह एमएसपी पर अनिवार्य खरीद के लिये कानून बनाए. यदि 23 मार्च तक सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं होती है तो 23 मार्च को सभी पत्रों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भर दिल्ली लाया जाएगा.
किसान नेता वीएम सिंह (VM Singh Farmer leader) ट्रैक्टर को चलाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर बढ़ेंगे और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर किसानों की मांग उनके समक्ष रखने का प्रयास करेंगे. आंदोलन के नये स्वरूप पर बात करते हुए वीएम सिंह ने बताया कि जब हर गांव और घर से एक ही मांग उठेगी तो पूरे देश में एक माहौल बनेगा और फिर सरकार को किसानों की मांग माननी ही पड़ेगी. आज तक जो भी पार्टियां विपक्ष में रही उन्होंने भरोसा दिलाया कि जब वो सत्ता में आयेंगे तो एमएसपी गारंटी देंगे लेकिन सत्ता में आते ही वही पार्टियां अपने वादे को पूरा नहीं करती.
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लिहाजा इस बार इरादा सरकार से ही मांग मनवाने का है. इस मुहिम में क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों से भी यही मांग रखी जायेगी और उनसे समर्थन मांगा जाएगा. एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा की कोई भी अन्य मांग नहीं होगी और इससे जुड़े सभी किसान संगठन केवल एक ही मांग के साथ अब आगे बढ़ेंगे. जरूरत पड़ने पर एक बार फिर दिल्ली कूच करने की बात से भी किसान नेताओं ने इनकार नहीं किया है.