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PM Modi Assam Visit: नयी सुविधाओं की शुरुआत से असम और पूरे पूर्वोत्तर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी: प्रधानमंत्री

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Published : Apr 14, 2023, 3:24 PM IST

Updated : Apr 14, 2023, 5:53 PM IST

पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि एम्स गुवाहाटी और मेडिकल कॉलेजों की नयी सुविधाओं से प्रारंभ होने से असम और पूर्वोत्तर की स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी. उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में पूर्वोत्तर में सामाजिक बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है. वहीं गुवाहाटी उच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह के समापन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में न्याय प्रदान करने की प्रणाली को गति देने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जरूरत है. पढ़िए पूरी खबर...

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गुवाहाटी और चिकित्सा महाविद्यालयों जैसी नयी सुविधाओं की शुरुआत से असम और पूरे पूर्वोत्तर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में पूर्वोत्तर में सामाजिक बुनियादी ढांचे में आमूलचूल सुधार सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है.प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर में 1,123 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पहले एम्स को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए आयोजित एक समारोह में कहा, 'पहले की सरकारों के लिए पूर्वोत्तर दूर था... हम लोगों ने इसे करीब लाने के लिए समर्पण के साथ सेवा की है.'

उन्होंने एम्स, गुवाहाटी परिसर में आयोजित समारोह में कहा कि पिछले नौ वर्षों में पूर्वोत्तर में सामाजिक बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है. विपक्ष पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा, 'हम अपनी नीतियां देशवासी प्रथम के आधार पर बनाते हैं... (लेकिन) विपक्ष श्रेय लेने का भूखा है और ऐसे लोग देश को बर्बाद करते हैं.' उन्होंने कहा, 'हम लोगों के लिए सेवा भाव के साथ काम करते हैं.' प्रधानमंत्री ने एम्स, गुवाहाटी के साथ ही नलबाड़ी चिकित्सा महाविद्यालय, नागांव चिकित्सा महाविद्यालय, और कोकराझार चिकित्सा महाविद्यालय को भी राष्ट्र को समर्पित किया.

इन तीनों महाविद्यालयों का निर्माण क्रमशः लगभग 615 करोड़ रुपये, 600 करोड़ रूपये और 535 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. इनमें से प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय में आपातकालीन सेवाओं, आईसीयू सुविधाओं, ओटी और डायग्नोस्टिक सुविधाओं आदि सहित ओपीडी व आईपीडी सेवाओं के साथ 500 बिस्तरों वाले शिक्षण अस्पताल संलग्न हैं. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 100 एमबीबीएस छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता होगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2017 में एम्स, गुवाहाटी अस्पताल का शिलान्यास भी किया था. कुल 1123 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, एम्स गुवाहाटी 30 आयुष बिस्तरों सहित 750 बिस्तरों वाला एक अत्याधुनिक अस्पताल है. इस अस्पताल में हर साल 100 एमबीबीएस के छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता होगी. यह अस्पताल उत्तर पूर्व के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने तीन प्रतिनिधि लाभार्थियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) कार्ड वितरित कर 'आपके द्वार आयुष्मान' अभियान की औपचारिक शुरुआत की. इसके बाद राज्य के सभी जिलों में लगभग 1.1 करोड़ एबी-पीएमजेएवाई कार्ड वितरित किए जाएंगे.

मोदी ने असम एडवांस्ड हेल्थ केयर इनोवेशन इंस्टीट्यूट (एएएचआईआई) का शिलान्यास भी किया. देश में स्वास्थ्य सेवा में उपयोग की जाने वाली अधिकांश प्रौद्योगिकियां आयात की जाती हैं और वे एक अलग संदर्भ में विकसित की जाती हैं, जो भारतीय परिवेश में संचालित करने की दृष्टि से अत्यधिक महंगी और जटिल होती हैं. एएएचआईआई की परिकल्पना इन्हीं सन्दर्भों को ध्यान में रखकर की गई है और यह संस्थान 'हम अपनी समस्याओं का समाधान खुद ढूंढ़ लेते हैं' वाले दृष्टिकोण के साथ काम करेगा.

एएएचआईआई का निर्माण लगभग 546 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना है. यह चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अत्याधुनिक आविष्कारों और अनुसंधान एवं विकास की सुविधा प्रदान करेगा, स्वास्थ्य से संबंधित देश की अनूठी समस्याओं की पहचान करेगा और उन समस्याओं को हल करने के लिए नई तकनीकों के विकास को बढ़ावा देगा. इससे पहले, असम के वसंत उत्सव 'रोंगाली बिहू' के पहले दिन शुक्रवार को एक दिवसीय यात्रा पर गुवाहाटी पहुंचने पर राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की.

न्याय प्रणाली को गति देने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि दूरदराज के इलाकों विशेषकर पूर्वोत्तर में न्याय प्रदान करने की प्रणाली को गति देने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली न्याय प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. गुवाहाटी उच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह के समापन समारोह में मोदी ने कहा, 'प्रौद्योगिकी पूर्वोत्तर जैसे दूरदराज के इलाकों में न्याय प्रदान करने में मदद कर सकती है.'

न्याय प्रदान करने की प्रणाली में प्रौद्योगिकी के इस्तेामल की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, 'न्याय की सुगमता' को और आगे बढ़ाने के लिए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस) का उपयोग किया जा सकता है.' संपत्ति के स्वामित्व में स्पष्टता की कमी के चलते होने वाले विवादों के कारण न्यायपालिका पर पड़े बोझ का संकेत करते हुए, उन्होंने एक उदाहरण दिया कि कैसे ड्रोन का उपयोग 'पीएम स्वामित्व योजना के तहत एक लाख से अधिक गांवों में संपत्तियों की मैपिंग करके समाधान लाने के लिए किया गया है.'

उन्होंने यह भी कहा, 'वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली महत्वपूर्ण हैं. पूर्वोत्तर में इस संबंध में समृद्ध परंपराएं हैं.' उन्होंने क्षेत्र के पारंपरिक कानूनों पर हाल ही में एक पुस्तक प्रकाशित करने के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय की सराहना करते हुए कहा, 'कानून के स्कूलों को भी इनके बारे में पढ़ाना चाहिए.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि, 'कानून को आम लोगों को समझ में आने वाली एक आसान भाषा में लिखा जाना चाहिए.'

संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मोदी ने कहा, 'यह सुखद संयोग है कि आज बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती है. उन्होंने हमारे संविधान के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई थी.' उन्होंने कहा, 'जीवन को सुगम बनाने में सरकार, न्यायपालिका की अपनी भूमिकाएं हैं और प्रौद्योगिकी इसके लिए एक शक्तिशाली उपकरण है.' उन्होंने क्षेत्र में न्याय प्रदान करने में गुवाहाटी उच्च न्यायालय की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इस उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र देश में सबसे बड़ा है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में असम सहित चार राज्य इसके अधीन हैं, जबकि 2013 तक सात राज्य इसके अधिकार क्षेत्र में थे. मोदी ने अप्रचलित और अप्रासंगिक कानूनों को खत्म करने की आवश्यकता पर भी बात की, जिनमें से कुछ ब्रिटिश शासन के बाद से अस्तित्व में हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2000 अप्रचलित कानूनों और 40,000 अनुपालनों को रद्द कर दिया है, जिससे अदालतों में मामलों को कम करने में मदद मिली है.

ये भी पढ़ें -PM Modi in Rozgar Mela : पीएम मोदी ने बांटे 71,000 नियुक्ति पत्र, कहा- स्टार्टअप्स ने 40 लाख नौकरियां दीं

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गुवाहाटी और चिकित्सा महाविद्यालयों जैसी नयी सुविधाओं की शुरुआत से असम और पूरे पूर्वोत्तर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में पूर्वोत्तर में सामाजिक बुनियादी ढांचे में आमूलचूल सुधार सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है.प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर में 1,123 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पहले एम्स को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए आयोजित एक समारोह में कहा, 'पहले की सरकारों के लिए पूर्वोत्तर दूर था... हम लोगों ने इसे करीब लाने के लिए समर्पण के साथ सेवा की है.'

उन्होंने एम्स, गुवाहाटी परिसर में आयोजित समारोह में कहा कि पिछले नौ वर्षों में पूर्वोत्तर में सामाजिक बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है. विपक्ष पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा, 'हम अपनी नीतियां देशवासी प्रथम के आधार पर बनाते हैं... (लेकिन) विपक्ष श्रेय लेने का भूखा है और ऐसे लोग देश को बर्बाद करते हैं.' उन्होंने कहा, 'हम लोगों के लिए सेवा भाव के साथ काम करते हैं.' प्रधानमंत्री ने एम्स, गुवाहाटी के साथ ही नलबाड़ी चिकित्सा महाविद्यालय, नागांव चिकित्सा महाविद्यालय, और कोकराझार चिकित्सा महाविद्यालय को भी राष्ट्र को समर्पित किया.

इन तीनों महाविद्यालयों का निर्माण क्रमशः लगभग 615 करोड़ रुपये, 600 करोड़ रूपये और 535 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. इनमें से प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय में आपातकालीन सेवाओं, आईसीयू सुविधाओं, ओटी और डायग्नोस्टिक सुविधाओं आदि सहित ओपीडी व आईपीडी सेवाओं के साथ 500 बिस्तरों वाले शिक्षण अस्पताल संलग्न हैं. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 100 एमबीबीएस छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता होगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2017 में एम्स, गुवाहाटी अस्पताल का शिलान्यास भी किया था. कुल 1123 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, एम्स गुवाहाटी 30 आयुष बिस्तरों सहित 750 बिस्तरों वाला एक अत्याधुनिक अस्पताल है. इस अस्पताल में हर साल 100 एमबीबीएस के छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता होगी. यह अस्पताल उत्तर पूर्व के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने तीन प्रतिनिधि लाभार्थियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) कार्ड वितरित कर 'आपके द्वार आयुष्मान' अभियान की औपचारिक शुरुआत की. इसके बाद राज्य के सभी जिलों में लगभग 1.1 करोड़ एबी-पीएमजेएवाई कार्ड वितरित किए जाएंगे.

मोदी ने असम एडवांस्ड हेल्थ केयर इनोवेशन इंस्टीट्यूट (एएएचआईआई) का शिलान्यास भी किया. देश में स्वास्थ्य सेवा में उपयोग की जाने वाली अधिकांश प्रौद्योगिकियां आयात की जाती हैं और वे एक अलग संदर्भ में विकसित की जाती हैं, जो भारतीय परिवेश में संचालित करने की दृष्टि से अत्यधिक महंगी और जटिल होती हैं. एएएचआईआई की परिकल्पना इन्हीं सन्दर्भों को ध्यान में रखकर की गई है और यह संस्थान 'हम अपनी समस्याओं का समाधान खुद ढूंढ़ लेते हैं' वाले दृष्टिकोण के साथ काम करेगा.

एएएचआईआई का निर्माण लगभग 546 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना है. यह चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अत्याधुनिक आविष्कारों और अनुसंधान एवं विकास की सुविधा प्रदान करेगा, स्वास्थ्य से संबंधित देश की अनूठी समस्याओं की पहचान करेगा और उन समस्याओं को हल करने के लिए नई तकनीकों के विकास को बढ़ावा देगा. इससे पहले, असम के वसंत उत्सव 'रोंगाली बिहू' के पहले दिन शुक्रवार को एक दिवसीय यात्रा पर गुवाहाटी पहुंचने पर राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की.

न्याय प्रणाली को गति देने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि दूरदराज के इलाकों विशेषकर पूर्वोत्तर में न्याय प्रदान करने की प्रणाली को गति देने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली न्याय प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. गुवाहाटी उच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह के समापन समारोह में मोदी ने कहा, 'प्रौद्योगिकी पूर्वोत्तर जैसे दूरदराज के इलाकों में न्याय प्रदान करने में मदद कर सकती है.'

न्याय प्रदान करने की प्रणाली में प्रौद्योगिकी के इस्तेामल की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, 'न्याय की सुगमता' को और आगे बढ़ाने के लिए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस) का उपयोग किया जा सकता है.' संपत्ति के स्वामित्व में स्पष्टता की कमी के चलते होने वाले विवादों के कारण न्यायपालिका पर पड़े बोझ का संकेत करते हुए, उन्होंने एक उदाहरण दिया कि कैसे ड्रोन का उपयोग 'पीएम स्वामित्व योजना के तहत एक लाख से अधिक गांवों में संपत्तियों की मैपिंग करके समाधान लाने के लिए किया गया है.'

उन्होंने यह भी कहा, 'वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली महत्वपूर्ण हैं. पूर्वोत्तर में इस संबंध में समृद्ध परंपराएं हैं.' उन्होंने क्षेत्र के पारंपरिक कानूनों पर हाल ही में एक पुस्तक प्रकाशित करने के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय की सराहना करते हुए कहा, 'कानून के स्कूलों को भी इनके बारे में पढ़ाना चाहिए.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि, 'कानून को आम लोगों को समझ में आने वाली एक आसान भाषा में लिखा जाना चाहिए.'

संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मोदी ने कहा, 'यह सुखद संयोग है कि आज बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती है. उन्होंने हमारे संविधान के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई थी.' उन्होंने कहा, 'जीवन को सुगम बनाने में सरकार, न्यायपालिका की अपनी भूमिकाएं हैं और प्रौद्योगिकी इसके लिए एक शक्तिशाली उपकरण है.' उन्होंने क्षेत्र में न्याय प्रदान करने में गुवाहाटी उच्च न्यायालय की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इस उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र देश में सबसे बड़ा है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में असम सहित चार राज्य इसके अधीन हैं, जबकि 2013 तक सात राज्य इसके अधिकार क्षेत्र में थे. मोदी ने अप्रचलित और अप्रासंगिक कानूनों को खत्म करने की आवश्यकता पर भी बात की, जिनमें से कुछ ब्रिटिश शासन के बाद से अस्तित्व में हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2000 अप्रचलित कानूनों और 40,000 अनुपालनों को रद्द कर दिया है, जिससे अदालतों में मामलों को कम करने में मदद मिली है.

ये भी पढ़ें -PM Modi in Rozgar Mela : पीएम मोदी ने बांटे 71,000 नियुक्ति पत्र, कहा- स्टार्टअप्स ने 40 लाख नौकरियां दीं

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 14, 2023, 5:53 PM IST
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