राजकोट: संगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली सुर साम्राज्ञी लता मंगेश्कर अब हमारे बीच नहीं रहीं. कहा जाता है कि वे गुजरात के राजकोट से घनिष्ठ संबंध रखतीं थीं. ऐसा इसलिए है क्योंकि राजकोट के कई छोटे-बड़े कलाकार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लताजी से जुड़े थे. इस बीच राजकोट के एक कलाकार ने उनकी याद में मंदिर बनाने का फैसला किया है.
राजकोट के निवासी भूपेंद्र वासवदा ने लता मंगेश्कर के निधन पर दुख जताया है और लताजी को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए अपने घर में लता मंगेशकर मंदिर बनाने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि वे इसके लिए तैयारी भी शुरू कर चुके हैं. अगले 6 महीनों में वे लताजी का मंदिर बनाएंगे और वहां उनकी प्रतिमा लगावाकर उन्हें श्रद्धांजली देंगे.
![lata mangeshkar temple to be built in rajkot](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14402660_hjkhjhy---copy_0802newsroom_1644295684_946.jpg)
अपनी और लता मंगेश्कर कि पहली मुलाकात के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'जब मैंने सन् 1954 में अहमदाबाद में आयोजित सुगम संगीत में भाग लिया था, उस समय वहां लता दीदी भी आई थीं जहां मुझे उनके साथ गाने का मौका मिला. तब मैं 12 साल का था. उन्हें मेरा गाना बहुत पसंद आया और जिसके बाद उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और मुझे दूसरा गाना गाने के लिए कहा था.
यह भी पढ़ें- Lata Mangeshkar : मिलिए उन लोगों से जिन्होंने देखी है राज और लता के रिश्ते की खुशबू ...