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प. बंगाल : जम्मू-कश्मीर में शहीद बीएसएफ जवान को दी गई अश्रुपूर्ण विदाई

पाकिस्तान की ओर से किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान सुबोध घोष शहीद हो गए थे. सुबोध का पार्थिव शरीर पश्चिम बंगाल में स्थित उनके आवास पर लाया गया. इसके बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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Published : Nov 16, 2020, 11:43 AM IST

अंतिम विदाई
अंतिम विदाई

कोलकाता : देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले सेना के जवानों की शहादत पर पूरा गांव और देश गमगीन होता है. कुछ ऐसा ही देखने को मिला पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में. परिवार से ऊपर देश सेवा चुनने वाले बीएसएफ जवान सुबोध घोष की शहादत पर पूरा गांव शोक संतप्त था. परिजनों समेत पूरे गांव वालों के बीच सुबोध के कुर्बानी को लेकर आक्रोश और गर्व की अनुभूति भी देखी गई.

शहीद जवान सुबोध घोष का पार्थिव शरीर कोलकाता के नदिया जिले में स्थित उनके आवास पर रविवार रात को लाया गया. वह जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से किये गए संघर्ष विराम उल्लंघन में घोष शहीद हो गए थे.

घोष 2017 में 23 वर्ष की आयु में सेना में शामिल हुए थे. पिछले साल नवंबर में उनकी शादी हुई थी और इस साल अगस्त में वह एक बेटी के पिता बने थे.

घोष की पत्नी अनिंदिता ने कहा, 'उन्होंने कहा था कि वह हमारी तीन महीने की बेटी के अन्नप्राशन पर घर आएंगे. लेकिन अब मेरी जिंदगी में सब कुछ समाप्त हो गया है.'

शहीद जवान की याद में गांव में दिवाली नहीं मनाई गई. गांव वालों ने 'भारतीय सेना की जय' के नारे लगाते हुए नम आंखों से घोष को अंतिम विदाई दी.

पढ़ें - सौमित्र चटर्जी : सत्यजीत रे थे जिनके कायल, अमिताभ भी लेते थे प्रेरणा

दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर रविवार देर रात रघुनाथपुर गांव लाया गया, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

कोलकाता : देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले सेना के जवानों की शहादत पर पूरा गांव और देश गमगीन होता है. कुछ ऐसा ही देखने को मिला पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में. परिवार से ऊपर देश सेवा चुनने वाले बीएसएफ जवान सुबोध घोष की शहादत पर पूरा गांव शोक संतप्त था. परिजनों समेत पूरे गांव वालों के बीच सुबोध के कुर्बानी को लेकर आक्रोश और गर्व की अनुभूति भी देखी गई.

शहीद जवान सुबोध घोष का पार्थिव शरीर कोलकाता के नदिया जिले में स्थित उनके आवास पर रविवार रात को लाया गया. वह जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से किये गए संघर्ष विराम उल्लंघन में घोष शहीद हो गए थे.

घोष 2017 में 23 वर्ष की आयु में सेना में शामिल हुए थे. पिछले साल नवंबर में उनकी शादी हुई थी और इस साल अगस्त में वह एक बेटी के पिता बने थे.

घोष की पत्नी अनिंदिता ने कहा, 'उन्होंने कहा था कि वह हमारी तीन महीने की बेटी के अन्नप्राशन पर घर आएंगे. लेकिन अब मेरी जिंदगी में सब कुछ समाप्त हो गया है.'

शहीद जवान की याद में गांव में दिवाली नहीं मनाई गई. गांव वालों ने 'भारतीय सेना की जय' के नारे लगाते हुए नम आंखों से घोष को अंतिम विदाई दी.

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दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर रविवार देर रात रघुनाथपुर गांव लाया गया, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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