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हिमाचल-उत्तराखंड में भूस्खलन, चंपावत में राजमार्ग पर फंसे 150 लोग - landslide in uttrakhand

उत्तर भारत में भारी बारिश से भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है. वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गए हैं. उत्तराखंड के चंपावत में 150 लोगों के फंसने की सूचना है, जबकि हिमाचल में भी कई लोग प्रभावित हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 21, 2021, 2:02 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड में लगातार बारिश से हुए भूस्खलन के कारण टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर 150 लोग फंस गए. वहीं, ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-94 पर सुनगर के पास भूस्लखन होने के कारण आवाजाही बंद है. हिमाचल प्रदेश के सोलन में लगातार हुई बारिश से कई जगह भूस्खलन होने की सूचना है. भारी नुकसान होने की भी खबरें हैं.

राजमार्ग पर विश्रामघाट में भूस्खलन के मलबे के कारण यातायात अवरूद्ध होने से फंसे इन लोगों के लिए चंपावत जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय में ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की है जबकि बीआरओ की टीम मौके पर पहुंचकर मलबे को हटाकर यातायात सुचारू करने की जद्दोजहद में जुटी है.

मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक, दो-तीन दिनों से पहाड़ी जनपदों में लगातार बारिश हो रही है. राजमार्ग के दोनों तरफ वाहनों की कतार लगी हुई है.

चंपावत के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पांडे ने बताया कि लगातार बारिश के कारण मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर आठ स्थानों पर पहाड़ों से हुए भूस्खलन के चलते यातायात बंद हो गया था जिनमें से सात स्थानों पर शाम तक वाहनों का आवागमन सुचारू कर दिया गया.

हालांकि, उन्होंने बताया कि अथक प्रयासों के बावजूद विश्रामघाट में आए भारी मलबे को मंगलवार देर रात एक बजे तक नहीं हटाया जा सका. उन्होंने बताया कि इस बीच, फंसे यात्रियों को रोडवेज की बसों से देवीधुरा होते हुए हल्द्वानी भेजा जा रहा है.

पढ़ें :- महाराष्ट्र के ठाणे में भूस्खलन, पांच लोगों की मौत, कई लोग फंसे

पांडे ने बताया कि सुबह होते ही मार्ग को खोलने का कार्य फिर शुरू कर दिया गया. मौके पर पांच जेसीबी, एक पोकलैंड और एक लोडर की सहायता से मलबा साफ करने का काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि बाराकोट तहसील के रोनीगाड में बारिश के दौरान एक महिला पानी में बह गयी जिसकी खोज के लिए तलाश एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश में भी बारिश
सोलन में बारिश से कई जगह भूस्खलन होने से भारी नुकसान हुआ है. बुधवार को कंडाघाट के साथ लगते डेढ़घराट में फोरलेन निर्माण के लिए की जा रही कटिंग के दौरान एनएच-5 पर अचानक पहाड़ी दरक गई. पहाड़ी का सारा मलबा सड़क पर आ गिरा. मलबा गिरने से यातायात बाधित हो गया. गनीमत ये रही कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.

भूस्खलन होने से सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई हैं. वहीं, फोरलेन निर्माता कम्पनी के कर्मचारी और पुलिस प्रशासन भी मौके पर तैनात है, ताकि सड़क से मलबे को हटाया जा सके और सड़क से गुजर रहे लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.

करीब एक घंटे के बाद फोरलेन निर्माता कम्पनी के कर्मचारियों ने सड़क से मलबा हटाकर दोनों ओर से ट्रैफिक खोलना शुरू कर दिया है. फिलहाल दोनों तरफ से गाड़ियों को निकालने की कोशिश की जा रही है. बारिश के मौसम को देखते हुए अभी भी यहां पहाड़ी के दरकने की संभावना बनी हुई है.

वहीं, डीसी सोलन कृतिका कुल्हारी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई को सड़क के बाधित होने पर इसे जल्दी बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो.

देहरादून : उत्तराखंड में लगातार बारिश से हुए भूस्खलन के कारण टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर 150 लोग फंस गए. वहीं, ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-94 पर सुनगर के पास भूस्लखन होने के कारण आवाजाही बंद है. हिमाचल प्रदेश के सोलन में लगातार हुई बारिश से कई जगह भूस्खलन होने की सूचना है. भारी नुकसान होने की भी खबरें हैं.

राजमार्ग पर विश्रामघाट में भूस्खलन के मलबे के कारण यातायात अवरूद्ध होने से फंसे इन लोगों के लिए चंपावत जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय में ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की है जबकि बीआरओ की टीम मौके पर पहुंचकर मलबे को हटाकर यातायात सुचारू करने की जद्दोजहद में जुटी है.

मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक, दो-तीन दिनों से पहाड़ी जनपदों में लगातार बारिश हो रही है. राजमार्ग के दोनों तरफ वाहनों की कतार लगी हुई है.

चंपावत के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पांडे ने बताया कि लगातार बारिश के कारण मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर आठ स्थानों पर पहाड़ों से हुए भूस्खलन के चलते यातायात बंद हो गया था जिनमें से सात स्थानों पर शाम तक वाहनों का आवागमन सुचारू कर दिया गया.

हालांकि, उन्होंने बताया कि अथक प्रयासों के बावजूद विश्रामघाट में आए भारी मलबे को मंगलवार देर रात एक बजे तक नहीं हटाया जा सका. उन्होंने बताया कि इस बीच, फंसे यात्रियों को रोडवेज की बसों से देवीधुरा होते हुए हल्द्वानी भेजा जा रहा है.

पढ़ें :- महाराष्ट्र के ठाणे में भूस्खलन, पांच लोगों की मौत, कई लोग फंसे

पांडे ने बताया कि सुबह होते ही मार्ग को खोलने का कार्य फिर शुरू कर दिया गया. मौके पर पांच जेसीबी, एक पोकलैंड और एक लोडर की सहायता से मलबा साफ करने का काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि बाराकोट तहसील के रोनीगाड में बारिश के दौरान एक महिला पानी में बह गयी जिसकी खोज के लिए तलाश एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश में भी बारिश
सोलन में बारिश से कई जगह भूस्खलन होने से भारी नुकसान हुआ है. बुधवार को कंडाघाट के साथ लगते डेढ़घराट में फोरलेन निर्माण के लिए की जा रही कटिंग के दौरान एनएच-5 पर अचानक पहाड़ी दरक गई. पहाड़ी का सारा मलबा सड़क पर आ गिरा. मलबा गिरने से यातायात बाधित हो गया. गनीमत ये रही कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.

भूस्खलन होने से सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई हैं. वहीं, फोरलेन निर्माता कम्पनी के कर्मचारी और पुलिस प्रशासन भी मौके पर तैनात है, ताकि सड़क से मलबे को हटाया जा सके और सड़क से गुजर रहे लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.

करीब एक घंटे के बाद फोरलेन निर्माता कम्पनी के कर्मचारियों ने सड़क से मलबा हटाकर दोनों ओर से ट्रैफिक खोलना शुरू कर दिया है. फिलहाल दोनों तरफ से गाड़ियों को निकालने की कोशिश की जा रही है. बारिश के मौसम को देखते हुए अभी भी यहां पहाड़ी के दरकने की संभावना बनी हुई है.

वहीं, डीसी सोलन कृतिका कुल्हारी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई को सड़क के बाधित होने पर इसे जल्दी बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो.

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