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बुलेट ट्रेन परियोजना में गोदरेज एंड बॉयस भूखंड को छोड़कर भूमि अधिग्रहण पूरा : महाराष्ट्र सरकार

बाम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) को महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) ने बताया कि गोदरेज कंपनी के स्वामित्व वाली जमीन को छोड़कर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई है.

bullet train project
बुलेट ट्रेन परियोजना
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Published : Nov 21, 2022, 5:16 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) में कहा कि उपनगरीय विक्रोली में गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के स्वामित्व वाले भूखंड को छोड़कर, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.

विक्रोली में कंपनी के स्वामित्व वाले भूखंड के अधिग्रहण को लेकर राज्य सरकार और कंपनी के बीच 2019 से कानूनी विवाद है. मुंबई और अहमदाबाद के बीच कुल 508.17 किमी लंबी रेललाइन में से करीब 21 किमी लाइन भूमिगत होगी. भूमिगत लाइन के लिए बनाई जाने वाली सुरंग के प्रवेश बिंदुओं में से एक विक्रोली में पड़ता है जो गोदरेज के स्वामित्व वाली भूमि पर है. कंपनी ने पिछले महीने एक याचिका दायर कर बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की खातिर महाराष्ट्र सरकार के 15 सितंबर के आदेश को चुनौती दी है.

न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति एसजी दिगे की पीठ ने सोमवार को कहा कि वह पांच दिसंबर से याचिका की सुनवाई शुरू करेगी. राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने कहा कि यह मामला अत्यावश्यक है क्योंकि परियोजना अटकी हुई है. उन्होंने कहा, 'परियोजना के लिए मुंबई से अहमदाबाद तक भूमि की जरूरत है. इस हिस्से (गोदरेज के स्वामित्व वाली जमीन) को छोड़कर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है.' उन्होंने अनुरोध किया कि अदालत जल्द से जल्द याचिका पर सुनवाई शुरू करे क्योंकि राज्य सरकार ने अधिग्रहण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं.

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) में कहा कि उपनगरीय विक्रोली में गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के स्वामित्व वाले भूखंड को छोड़कर, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.

विक्रोली में कंपनी के स्वामित्व वाले भूखंड के अधिग्रहण को लेकर राज्य सरकार और कंपनी के बीच 2019 से कानूनी विवाद है. मुंबई और अहमदाबाद के बीच कुल 508.17 किमी लंबी रेललाइन में से करीब 21 किमी लाइन भूमिगत होगी. भूमिगत लाइन के लिए बनाई जाने वाली सुरंग के प्रवेश बिंदुओं में से एक विक्रोली में पड़ता है जो गोदरेज के स्वामित्व वाली भूमि पर है. कंपनी ने पिछले महीने एक याचिका दायर कर बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की खातिर महाराष्ट्र सरकार के 15 सितंबर के आदेश को चुनौती दी है.

न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति एसजी दिगे की पीठ ने सोमवार को कहा कि वह पांच दिसंबर से याचिका की सुनवाई शुरू करेगी. राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने कहा कि यह मामला अत्यावश्यक है क्योंकि परियोजना अटकी हुई है. उन्होंने कहा, 'परियोजना के लिए मुंबई से अहमदाबाद तक भूमि की जरूरत है. इस हिस्से (गोदरेज के स्वामित्व वाली जमीन) को छोड़कर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है.' उन्होंने अनुरोध किया कि अदालत जल्द से जल्द याचिका पर सुनवाई शुरू करे क्योंकि राज्य सरकार ने अधिग्रहण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं.

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(पीटीआई-भाषा)

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