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Home Compost Kit In Korba: अब हर घर में तैयार होगा खाद, कोरबा निगम बांटेगी होम कम्पोस्ट किट - कोरबा में अब हर घर में तैयार होगा खाद

गार्डनिंग के लिए किचन वेस्ट से बनी खाद को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. कोरबा नगर निगम अब लोगों को घर में ही ऐसा खाद तैयार करके देने की तैयारी है. इसके लिए घर-घर कंपोस्ट किट का वितरण किया जा रहा है, जिससे अब हर घर में खाद तैयार होगा. सरकार ने इसे "हर घर घुरूवा" का नाम भी दिया है.

Home Compost Kit In Korba
कोरबा निगम बांटेगी होम कम्पोस्ट किट
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Published : Jan 12, 2023, 10:01 PM IST

कोरबा निगम बांटेगी होम कम्पोस्ट किट

कोरबा: कोरबा में अब हर घर कंपोस्ट किट दे रहे हैं. फिलहाल घर से निकलने वाले सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग करने की चुनौती से निगम अमला जूझ रहा है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जाता है. अब घरों से निकलने वाले गीले कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाया जाएगा. इसके लिए होम कम्पोस्ट किट बांटे जाने की योजना बनाई गई है. निगम के 67 वार्डों में यह डस्टबिन मुफ्त में दी जाएगी. यह खास तरह का कंपोस्ट डस्टबिन है. जिसमें एक कल्चर करने के लिए केमिकल भी नगर निगम उपलब्ध कराएगी.

रसोई के कचरे से ऐसे बनेगा खाद: इस डस्टबिन में घर के गिरे कचरा को डालना होगा. पानी अधिक होने में 3 खंड हैं. जिसमें अतिरिक्त पानी नीचे वाले कंटेनर में जमा हो जाएगा. हर 3 दिन में इस कंटेनर को एक बार ड्रेन आउट करना होगा. केमिकल मिलाने के बाद खाद्य खुद कल्चर होगा और लगभग 1 हफ्ते में कंपोस्ट खाद बनकर तैयार हो जाएगा. एक घर से इस विधि से महीने में औसतन लगभग 20 किलो खाद बनाया जा सकता है. यह विधि ज्यादा जटिल नहीं है. गीले कचरे को डस्टबिन में डाल कर अतिरिक्त पानी को समय समय पर बाहर निकालना और सही मात्रा में केमिकल को मिलाना है. सिर्फ इस बात का ही लोगों का ध्यान रखना होगा.



लोग होंगे जागरूक: नगर निगम के कमिश्नर प्रभाकर पांडे ने बताया कि "लोगों को कम्पोस्ट खाद बनाने जागरूक भी किया जाएगा. लोग होम कम्पोस्ट डस्टबिन की मदद से रसोई और घर के अन्य स्थानों के कचरे से यह खाद बना सकेंगे. इसका फायदा यह होम कम्पोस्ट डस्टबिन से घर के गीले कचरे से घर पर ही खाद बनाई जा सकेगी. गीला कचरा कम कैसे हो और इसे रिड्यूज करना सिखाने लोगों को जागरूक किया जाएगा. इससे कई तरह के लाभ होंगे, एसएलआरएम सेंटर में कचरे का आना भी कम होगा. लोगों को घर के गार्डन के खाद्य भी मिल जाएगा."

अभी भी गीला और सूखा कचरा को लेकर जागरूकता नहीं: नगर निगम की यह पहल काफी कारगर साबित हो सकती है. जरुरत है तो लोगों को जागरुक होने की. वर्तमान में सफाई दीदीयां घर घर जाकर गीला और सूखा कचरा एकत्र कर रही हैं. लेकिन लोगों में गीला और सूखा कचरा के प्रति अब भी जागरूकता की कमी है. लोग दोनों को मिक्स कर देते हैं. इससे स्वच्छता दीदियों को भी काफी परेशानी होती है. लोग कचरों को अलग नहीं रखते. अब निगम इस नए प्रयोग से गीला और सूखा कचरा अलग होगा ही घर में कम्पोस्ट गीले कचरे के घरों में निपटान होने से वार्डों में गंदगी नहीं होगी. दूसरी ओर होम कम्पोस्ट डस्टबिन से बने खाद पेड़ पौधों के लिए संजीवनी साबित होंगे.

यह भी पढ़ें: 2023 तो हमारा है ही 2024 भी हमारा होगा: भूपेश बघेल

रासायनिक खाद से मिलेगा छुटकारा: लोग घरों में लगे पेड़ पौधों के लिए बाजार से रासायनिक खाद खरीदते हैं. घर पर ही खाद तैयार हो जाने से रासायनिक खाद खरीदना नहीं पड़ेगा. इससे आर्थिक बचत तो होगी ही कचरे का बेहतर इस्तेमाल होने लगेगा. नगर निगम की योजना में सभी 67 वार्डों में होमकम्पोस्ट डस्टबिन बांटे जाने की योजना है. हालांकि शुरुआती दौर में नियमित करदाताओं को निगम द्वारा ऐसे हितग्राहियों को डस्टबिन पहले वितरण बांटा जाएगा जो नियमित तौर पर नगर निगम के टैक्स का भुगतान करते आए हैं. नगर निगम की सोच है कि इसके माध्यम से लोगों को नियमित और समय पर टैक्स जमा करने का संदेश भी दिया जा सके.

कोरबा निगम बांटेगी होम कम्पोस्ट किट

कोरबा: कोरबा में अब हर घर कंपोस्ट किट दे रहे हैं. फिलहाल घर से निकलने वाले सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग करने की चुनौती से निगम अमला जूझ रहा है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जाता है. अब घरों से निकलने वाले गीले कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाया जाएगा. इसके लिए होम कम्पोस्ट किट बांटे जाने की योजना बनाई गई है. निगम के 67 वार्डों में यह डस्टबिन मुफ्त में दी जाएगी. यह खास तरह का कंपोस्ट डस्टबिन है. जिसमें एक कल्चर करने के लिए केमिकल भी नगर निगम उपलब्ध कराएगी.

रसोई के कचरे से ऐसे बनेगा खाद: इस डस्टबिन में घर के गिरे कचरा को डालना होगा. पानी अधिक होने में 3 खंड हैं. जिसमें अतिरिक्त पानी नीचे वाले कंटेनर में जमा हो जाएगा. हर 3 दिन में इस कंटेनर को एक बार ड्रेन आउट करना होगा. केमिकल मिलाने के बाद खाद्य खुद कल्चर होगा और लगभग 1 हफ्ते में कंपोस्ट खाद बनकर तैयार हो जाएगा. एक घर से इस विधि से महीने में औसतन लगभग 20 किलो खाद बनाया जा सकता है. यह विधि ज्यादा जटिल नहीं है. गीले कचरे को डस्टबिन में डाल कर अतिरिक्त पानी को समय समय पर बाहर निकालना और सही मात्रा में केमिकल को मिलाना है. सिर्फ इस बात का ही लोगों का ध्यान रखना होगा.



लोग होंगे जागरूक: नगर निगम के कमिश्नर प्रभाकर पांडे ने बताया कि "लोगों को कम्पोस्ट खाद बनाने जागरूक भी किया जाएगा. लोग होम कम्पोस्ट डस्टबिन की मदद से रसोई और घर के अन्य स्थानों के कचरे से यह खाद बना सकेंगे. इसका फायदा यह होम कम्पोस्ट डस्टबिन से घर के गीले कचरे से घर पर ही खाद बनाई जा सकेगी. गीला कचरा कम कैसे हो और इसे रिड्यूज करना सिखाने लोगों को जागरूक किया जाएगा. इससे कई तरह के लाभ होंगे, एसएलआरएम सेंटर में कचरे का आना भी कम होगा. लोगों को घर के गार्डन के खाद्य भी मिल जाएगा."

अभी भी गीला और सूखा कचरा को लेकर जागरूकता नहीं: नगर निगम की यह पहल काफी कारगर साबित हो सकती है. जरुरत है तो लोगों को जागरुक होने की. वर्तमान में सफाई दीदीयां घर घर जाकर गीला और सूखा कचरा एकत्र कर रही हैं. लेकिन लोगों में गीला और सूखा कचरा के प्रति अब भी जागरूकता की कमी है. लोग दोनों को मिक्स कर देते हैं. इससे स्वच्छता दीदियों को भी काफी परेशानी होती है. लोग कचरों को अलग नहीं रखते. अब निगम इस नए प्रयोग से गीला और सूखा कचरा अलग होगा ही घर में कम्पोस्ट गीले कचरे के घरों में निपटान होने से वार्डों में गंदगी नहीं होगी. दूसरी ओर होम कम्पोस्ट डस्टबिन से बने खाद पेड़ पौधों के लिए संजीवनी साबित होंगे.

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रासायनिक खाद से मिलेगा छुटकारा: लोग घरों में लगे पेड़ पौधों के लिए बाजार से रासायनिक खाद खरीदते हैं. घर पर ही खाद तैयार हो जाने से रासायनिक खाद खरीदना नहीं पड़ेगा. इससे आर्थिक बचत तो होगी ही कचरे का बेहतर इस्तेमाल होने लगेगा. नगर निगम की योजना में सभी 67 वार्डों में होमकम्पोस्ट डस्टबिन बांटे जाने की योजना है. हालांकि शुरुआती दौर में नियमित करदाताओं को निगम द्वारा ऐसे हितग्राहियों को डस्टबिन पहले वितरण बांटा जाएगा जो नियमित तौर पर नगर निगम के टैक्स का भुगतान करते आए हैं. नगर निगम की सोच है कि इसके माध्यम से लोगों को नियमित और समय पर टैक्स जमा करने का संदेश भी दिया जा सके.

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