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बंद हो सकती है कोलकाता की हेरिटेज ट्राम सेवा

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Published : Jun 24, 2022, 8:39 PM IST

कोलकाता ट्राम का इतिहास करीब डेढ़ सौ साल पुराना है (Tram service in Kolkata). ये एशिया की सबसे पुरानी सेवाओं में से एक है. लेकिन अब राज्य सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से बंद करने की तैयारी में है. पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने विधानसभा में इस संबंध में जानकारी दी है. पढ़ें पूरी खबर.

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बंद हो सकती है कोलकाता की हेरिटेज ट्राम सेवा

कोलकाता : करीब डेढ़ सौ साल पुरानी कोलकाता की ट्राम सेवा को राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से बंद करने की तैयारी में है. रिकॉर्ड की बात की जाए तो शहर में ट्राम सेवा एशिया में सबसे पुरानी में से एक है. 2023 में इसकी 150वीं वर्षगांठ मनाई जानी है. उस समय जो वाहन (ट्राम) चलते थे, वे अभी भी उसी पुरानी गति से शहर के चारों ओर घूमते हैं, लेकिन कम बार. हालांकि बिजली से चलने वाला वाहन (ट्राम) धीरे-धीरे राजस्व सृजन प्रक्रिया के साथ तालमेल रखने में विफल रहा है और इस समय इसे अव्यवहारिक करार दिया गया है.

कुछ साल पहले तत्कालीन परिवहन मंत्री और विपक्ष के वर्तमान नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने विधानसभा को बताया था कि ट्राम शहर के बीचों-बीच यातायात व्यवस्था में समस्या पैदा कर रही हैं. इसके चलते कई रूट पहले ही बंद कर दिए गए हैं. राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम (Firhad Hakim) ने भी गुरुवार को राज्य विधानसभा में भी इससे जुड़ी जानकारी दी.

ट्राम को चरणबद्ध तरीके से हटाने पर विचार : पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने विधानसभा को सूचित किया कि राज्य सरकार कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाकों से ट्राम को चरणबद्ध तरीके से हटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. उन्होंने बताया कि बिजली से संचालित इस सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सिर्फ उन इलाकों में बरकरार रखा जाएगा, जहां की सड़कें चौड़ी हैं.

राज्य विधानसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए हकीम ने कहा कि सरकार खिद्दरपुर-एस्प्लेनेड जैसे मार्गों पर पर्यावरण के अनुकूल ट्राम चलाने के पक्ष में है, लेकिन रवींद्र सरानी जैसे व्यस्त इलाकों के संकरे हिस्सों में नहीं, क्योंकि इससे ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आती है. मंत्री ने कहा,'उन हिस्सों में जहां ट्राम लाइन सड़क के बीच से होकर गुजरती है, वहां हमारे पास इसे चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है और संभवत: ट्राम को नई ट्रॉली बसों से बदला जाएगा, जो ऊपर से गुजराने वाले बिजली के तारों से बिजली लेंगी.'

कोलकाता ट्राम
कोलकाता ट्राम

उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा कि परीक्षण के लिए एक ट्रॉली बस यूरोप से मंगाई जा रही है. हकीम ने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन लागत ईंधन से चलने वाले वाहनों की लागत से आधी हो सकती है, लेकिन उन वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली लीथियम बैटरी कुल खर्च बढ़ा देती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उन देशों के साथ समझौता करना चाहिए था, जो कम कीमत पर लीथियम खनिज की आपूर्ति कर सकते हैं.

कोलकाता में 252 ट्राम : वर्तमान में कोलकाता में 252 ट्राम हैं, जिनमें से 8 सिंगल बोगी एसी ट्राम हैं और 8 सिंगल बोगी नॉन-एसी ट्राम हैं. बाकी 244 डबल बोगी नॉन-एसी वाहन हैं. फिलहाल टॉलीगंज-बल्लीगंज, गरियाहाट-एस्पलेनैड और श्यामबाजार-धर्मतला रूट पर ट्राम चल रही हैं. हालांकि परिवहन विभाग के मुताबिक शहर के विभिन्न डिपो में करीब 150 ट्राम बेकार पड़ी हैं. ट्राम चालकों की संख्या में भी तेजी से कमी आई है. चालकों की संख्या महज 65 फीसदी रह गई है, जो आने वाले समय में और घट सकती है.

पढ़ें- कोलकाता : पुस्तक प्रेमियों के लिए अच्छी खबर, बनाई गई ट्राम लाइब्रेरी

कोलकाता : करीब डेढ़ सौ साल पुरानी कोलकाता की ट्राम सेवा को राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से बंद करने की तैयारी में है. रिकॉर्ड की बात की जाए तो शहर में ट्राम सेवा एशिया में सबसे पुरानी में से एक है. 2023 में इसकी 150वीं वर्षगांठ मनाई जानी है. उस समय जो वाहन (ट्राम) चलते थे, वे अभी भी उसी पुरानी गति से शहर के चारों ओर घूमते हैं, लेकिन कम बार. हालांकि बिजली से चलने वाला वाहन (ट्राम) धीरे-धीरे राजस्व सृजन प्रक्रिया के साथ तालमेल रखने में विफल रहा है और इस समय इसे अव्यवहारिक करार दिया गया है.

कुछ साल पहले तत्कालीन परिवहन मंत्री और विपक्ष के वर्तमान नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने विधानसभा को बताया था कि ट्राम शहर के बीचों-बीच यातायात व्यवस्था में समस्या पैदा कर रही हैं. इसके चलते कई रूट पहले ही बंद कर दिए गए हैं. राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम (Firhad Hakim) ने भी गुरुवार को राज्य विधानसभा में भी इससे जुड़ी जानकारी दी.

ट्राम को चरणबद्ध तरीके से हटाने पर विचार : पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने विधानसभा को सूचित किया कि राज्य सरकार कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाकों से ट्राम को चरणबद्ध तरीके से हटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. उन्होंने बताया कि बिजली से संचालित इस सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सिर्फ उन इलाकों में बरकरार रखा जाएगा, जहां की सड़कें चौड़ी हैं.

राज्य विधानसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए हकीम ने कहा कि सरकार खिद्दरपुर-एस्प्लेनेड जैसे मार्गों पर पर्यावरण के अनुकूल ट्राम चलाने के पक्ष में है, लेकिन रवींद्र सरानी जैसे व्यस्त इलाकों के संकरे हिस्सों में नहीं, क्योंकि इससे ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आती है. मंत्री ने कहा,'उन हिस्सों में जहां ट्राम लाइन सड़क के बीच से होकर गुजरती है, वहां हमारे पास इसे चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है और संभवत: ट्राम को नई ट्रॉली बसों से बदला जाएगा, जो ऊपर से गुजराने वाले बिजली के तारों से बिजली लेंगी.'

कोलकाता ट्राम
कोलकाता ट्राम

उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा कि परीक्षण के लिए एक ट्रॉली बस यूरोप से मंगाई जा रही है. हकीम ने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन लागत ईंधन से चलने वाले वाहनों की लागत से आधी हो सकती है, लेकिन उन वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली लीथियम बैटरी कुल खर्च बढ़ा देती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उन देशों के साथ समझौता करना चाहिए था, जो कम कीमत पर लीथियम खनिज की आपूर्ति कर सकते हैं.

कोलकाता में 252 ट्राम : वर्तमान में कोलकाता में 252 ट्राम हैं, जिनमें से 8 सिंगल बोगी एसी ट्राम हैं और 8 सिंगल बोगी नॉन-एसी ट्राम हैं. बाकी 244 डबल बोगी नॉन-एसी वाहन हैं. फिलहाल टॉलीगंज-बल्लीगंज, गरियाहाट-एस्पलेनैड और श्यामबाजार-धर्मतला रूट पर ट्राम चल रही हैं. हालांकि परिवहन विभाग के मुताबिक शहर के विभिन्न डिपो में करीब 150 ट्राम बेकार पड़ी हैं. ट्राम चालकों की संख्या में भी तेजी से कमी आई है. चालकों की संख्या महज 65 फीसदी रह गई है, जो आने वाले समय में और घट सकती है.

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