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World Habitat Day : जानिए क्यों मनाते हैं 'विश्व पर्यावास दिवस', क्या है थीम ?

हर साल अक्टूबर महीने के पहले सोमवार को 'विश्व पर्यावास दिवस' मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1985 में इस दिन को मनाने की घोषणा की गई थी. हर साल इस दिन पर अलग-अगल थीम तय कर उस थीम के अनुसार मानव बस्तियों की बेहतरी के लिए काम किया जाता है. Know about habitat day, why we celebrate habitat day

World Habitat Day
विश्व पर्यावास दिवस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2023, 5:00 AM IST

Updated : Oct 13, 2023, 6:09 PM IST

हैदराबाद : अक्टूबर महीने के पहले सोमवार को विश्वभर में (World Habitat Day) 'विश्व पर्यावास दिवस' मनाया जाता है. इसका उद्देश्य बस्तियों की स्थिति और पर्याप्त आश्रय के लिए सभी बुनियादी अधिकार पर जोर देना है. 'विश्व पर्यावास दिवस' का उद्देश्य दुनिया को मानव अवास के लिए भविष्य के लिए उसकी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाना भी है.

विश्व पर्यावास दिवस' की शुरुआत

आपको बता दें, 'विश्व पर्यावास दिवस' पहली बार 1986 में नैरोबी मेजबान शहर में 'आश्रय मेरा अधिकार है' थीम के साथ मनाया गया था. हर साल विश्व पर्यावास दिवस की एक नई थीम होती है, जो सभी के लिए पर्याप्त आश्रय सुनिश्चित करने वाली सतत विकास नीतियों को बढ़ावा देने के लिए यूएन-हैबिटेट के जनादेश पर आधारित होती है.

world habitat day
विश्व पर्यावास दिवस

'लचीली शहरी अर्थव्यवस्थाएं, विकास और बहाली के चालक के रूप में शहर'

'संयुक्त राष्ट्र' के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक:-

इस साल 2023 'विश्व पर्यावास दिवस' की थीम 'लचीली शहरी अर्थव्यवस्थाएं, विकास और बहाली के चालक के रूप में शहर' है. जिसमें इस पर विचार विमर्श किया जाएगा कि अपनी अर्थव्यवस्थाओं को निवासियों के लाभ के लिए किस प्रकार स्थापित कर सकते हैं. इस वर्ष के 'विश्व पर्यावास दिवस' का उद्देश्य शहर के विभिन्न हितधारकों को एक साथ बुलाकर वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के नकारात्मक आर्थिक झटकों और संघर्षों के बाद शहरों को पुनर्प्राप्ति के लिए कैसे तैयार किया जा सकता है, उन तरीकों पर चर्चा करना है.

आज के दौर में शहर जिन आर्थिक मंदी से जूझ रहा है उसके विभिन्न आयामों पर चर्चा करना और उन कार्यों की पहचान करना जिससे शहर की आर्थिक व्यवस्था में सुधार हो सकें. विभिन्न शहरों के बीच अनुभव साझा करना कि वे कर्ज के दबाव और अन्य कठिन वैश्विक वित्तीय स्थितियों से निपटने के लिए खुद को कैसे तैयार कर रहे हैं.

  • आज 🌏 की 50% से अधिक जनसंख्या शहरों में रहती है.

    2050 तक, यह आंकड़ा बढ़कर 70% तक होने की संभावना है.

    शहरों में टिकाऊ शहरी विकास के लिए नवाचारी और परस्पर लाभदायक अवसरों के निर्माण हेतु सार्वजनिक-निजी-नागरिक साझेदारियों की आवश्यकता है.

    विश्व पर्यावास दिवस https://t.co/lyocqWvjSE pic.twitter.com/fUmXKVEakz

    — UNHindi (@UNinHindi) October 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: विश्व पर्यावास दिवस 2021: जानिए इसका महत्व, इतिहास और विषय

2023, शहरी अर्थव्यवस्थाओं के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है. वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर लगभग 2.5% तक गिर रही है. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में इस बार शहरों का योगदान काफी कम है. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में शहरों के योगदान के आकार को देखते हुए, कई देशों का भविष्य उसके शहरी क्षेत्रों की उत्पादकता से निर्धारित होगा. शहर ऐसे मूल्य पैदा करने वाले इंजन हैं जो आर्थिक सुधार को बढ़ावा देते हैं. आर्थिक विकास और पुनर्प्राप्ति को टिकाऊ बनाने के लिए हमें ऐसे शहरों की आवश्यकता है जो भविष्य के आर्थिक झटकों को अवशोषित कर सकें, पुनर्प्राप्त कर सकें और उनके लिए तैयार हो सकें.

दुनिया भर के शहर पहले ही विभिन्न मॉडलों को लागू करके इस यात्रा पर निकल चुके हैं. विश्व आर्थिक मंच के साथ साझेदारी में यूएन-हैबिटेट का मानना ​​है कि इन मॉडलों को स्थानीय निवेश के लिए वैश्विक साझेदारी के माध्यम से स्थानीयकृत कर और बढ़ाया जा सकता है. जिसके जरिए मौजूदा फंडिंग को वितरित करने में मदद करने के लिए शहरों और समुदायों के लिए स्थानीय वित्त ढांचा तैयार किए जाते सकते हैं.

मौजूदा आर्थिक स्थिति में, स्थानीय सरकारों को अपने विकास के वित्तपोषण के लिए बाहरी संसाधनों तक पहुंच बढ़ाने में अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। स्थानीय वित्त ढांचा इस पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए तीन प्रमुख समाधानों को एकीकृत करता है.

1शहर निवेश सुविधा (CIF)

2.सतत शहरों के लिए यूएन-हैबिटेट/यूएनसीडीएफ गारंटी सुविधा

3 रैपिड ओन सोर्स रेवेन्यू एनालिसिस (रोसरा)

हैदराबाद : अक्टूबर महीने के पहले सोमवार को विश्वभर में (World Habitat Day) 'विश्व पर्यावास दिवस' मनाया जाता है. इसका उद्देश्य बस्तियों की स्थिति और पर्याप्त आश्रय के लिए सभी बुनियादी अधिकार पर जोर देना है. 'विश्व पर्यावास दिवस' का उद्देश्य दुनिया को मानव अवास के लिए भविष्य के लिए उसकी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाना भी है.

विश्व पर्यावास दिवस' की शुरुआत

आपको बता दें, 'विश्व पर्यावास दिवस' पहली बार 1986 में नैरोबी मेजबान शहर में 'आश्रय मेरा अधिकार है' थीम के साथ मनाया गया था. हर साल विश्व पर्यावास दिवस की एक नई थीम होती है, जो सभी के लिए पर्याप्त आश्रय सुनिश्चित करने वाली सतत विकास नीतियों को बढ़ावा देने के लिए यूएन-हैबिटेट के जनादेश पर आधारित होती है.

world habitat day
विश्व पर्यावास दिवस

'लचीली शहरी अर्थव्यवस्थाएं, विकास और बहाली के चालक के रूप में शहर'

'संयुक्त राष्ट्र' के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक:-

इस साल 2023 'विश्व पर्यावास दिवस' की थीम 'लचीली शहरी अर्थव्यवस्थाएं, विकास और बहाली के चालक के रूप में शहर' है. जिसमें इस पर विचार विमर्श किया जाएगा कि अपनी अर्थव्यवस्थाओं को निवासियों के लाभ के लिए किस प्रकार स्थापित कर सकते हैं. इस वर्ष के 'विश्व पर्यावास दिवस' का उद्देश्य शहर के विभिन्न हितधारकों को एक साथ बुलाकर वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के नकारात्मक आर्थिक झटकों और संघर्षों के बाद शहरों को पुनर्प्राप्ति के लिए कैसे तैयार किया जा सकता है, उन तरीकों पर चर्चा करना है.

आज के दौर में शहर जिन आर्थिक मंदी से जूझ रहा है उसके विभिन्न आयामों पर चर्चा करना और उन कार्यों की पहचान करना जिससे शहर की आर्थिक व्यवस्था में सुधार हो सकें. विभिन्न शहरों के बीच अनुभव साझा करना कि वे कर्ज के दबाव और अन्य कठिन वैश्विक वित्तीय स्थितियों से निपटने के लिए खुद को कैसे तैयार कर रहे हैं.

  • आज 🌏 की 50% से अधिक जनसंख्या शहरों में रहती है.

    2050 तक, यह आंकड़ा बढ़कर 70% तक होने की संभावना है.

    शहरों में टिकाऊ शहरी विकास के लिए नवाचारी और परस्पर लाभदायक अवसरों के निर्माण हेतु सार्वजनिक-निजी-नागरिक साझेदारियों की आवश्यकता है.

    विश्व पर्यावास दिवस https://t.co/lyocqWvjSE pic.twitter.com/fUmXKVEakz

    — UNHindi (@UNinHindi) October 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: विश्व पर्यावास दिवस 2021: जानिए इसका महत्व, इतिहास और विषय

2023, शहरी अर्थव्यवस्थाओं के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है. वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर लगभग 2.5% तक गिर रही है. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में इस बार शहरों का योगदान काफी कम है. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में शहरों के योगदान के आकार को देखते हुए, कई देशों का भविष्य उसके शहरी क्षेत्रों की उत्पादकता से निर्धारित होगा. शहर ऐसे मूल्य पैदा करने वाले इंजन हैं जो आर्थिक सुधार को बढ़ावा देते हैं. आर्थिक विकास और पुनर्प्राप्ति को टिकाऊ बनाने के लिए हमें ऐसे शहरों की आवश्यकता है जो भविष्य के आर्थिक झटकों को अवशोषित कर सकें, पुनर्प्राप्त कर सकें और उनके लिए तैयार हो सकें.

दुनिया भर के शहर पहले ही विभिन्न मॉडलों को लागू करके इस यात्रा पर निकल चुके हैं. विश्व आर्थिक मंच के साथ साझेदारी में यूएन-हैबिटेट का मानना ​​है कि इन मॉडलों को स्थानीय निवेश के लिए वैश्विक साझेदारी के माध्यम से स्थानीयकृत कर और बढ़ाया जा सकता है. जिसके जरिए मौजूदा फंडिंग को वितरित करने में मदद करने के लिए शहरों और समुदायों के लिए स्थानीय वित्त ढांचा तैयार किए जाते सकते हैं.

मौजूदा आर्थिक स्थिति में, स्थानीय सरकारों को अपने विकास के वित्तपोषण के लिए बाहरी संसाधनों तक पहुंच बढ़ाने में अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। स्थानीय वित्त ढांचा इस पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए तीन प्रमुख समाधानों को एकीकृत करता है.

1शहर निवेश सुविधा (CIF)

2.सतत शहरों के लिए यूएन-हैबिटेट/यूएनसीडीएफ गारंटी सुविधा

3 रैपिड ओन सोर्स रेवेन्यू एनालिसिस (रोसरा)

Last Updated : Oct 13, 2023, 6:09 PM IST
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