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NAVROZ 2023 : आज से शुरू हो रहा है पारसी नववर्ष , जानिए पारसी धर्म और नवरोज से जुड़ी खास मान्यताएं

आज 16 अगस्त 2023 से पारसी नववर्ष नवरोज की शुरुआत हो रही है. पारसी धर्म की मान्यताओं के अनुसार कुछ जगहों पर पारसी नववर्ष बसंत ऋतु में (21 मार्च के आसपास) मनाया जाता है जबकि शहंशाही कैलेंडर के अनुसार यह जुलाई-अगस्त में पड़ता है.

NAVROZ 2023 parsi new year 2023 starting from 16 august 2023 special facts about Zoroastrianism
पारसी नववर्ष
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Published : Aug 16, 2023, 12:10 PM IST

पारसी नववर्ष नवरोज : भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है, यहां कई धर्म, संप्रदाय, पंथ को मानने वाले लोग एक साथ रहते हैं. इन्हीं में से एक है पारसी समुदाय. यूं तो पारसी समुदाय की आबादी बहुत कम है लेकिन पारसी समुदाय के लोग मुख्यतः महाराष्ट्र और गुजरात में निवास करता है. सभी धर्मों की तरह पारसी धर्म को मानने वालों का भी अपना एक धार्मिक कैलेंडर होता है जिसके अनुसार सभी त्यौहार मनाए जाते हैं. NAVROZ पारसी धर्म के मुख्य त्यौहारों में से एक है. पारसी नववर्ष को नवरोज के नाम से जाना जाता है.

पारसी समुदाय के कैलेंडर के अनुसार उनके नए वर्ष की शुरुआत शुरुआत सामान्यतः जुलाई-अगस्त के महीने से होती है. सन 2023 में पारसी नववर्ष NAVROZ 2023 की शुरुआत 16 अगस्त 2023 से हो रही है. नवरोज दो शब्दों से मिलकर बना है 'नव' और 'रोज'. नव का मतलब नया और रोज का मतलब दिन, नए दिन/साल की शुरुआत. पारसी धर्म की अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार कुछ जगहों पर पारसी नव वर्ष बसंत ऋतु (21 मार्च ) के आसपास मनाया जाता है जबकि भारत में शहंशाही कैलेंडर के अनुसार यह जुलाई-अगस्त में पड़ता है.

शहंशाही कैलेंडर: पारसी धर्म की स्थापना पैगंबर जरथुस्त्र ( Prophet Zarathustra ) ने की थी. यह धर्म 650 ईसा पूर्व से सातवीं शताब्दी तक फारस (ईरान) का आधिकारिक धर्म था, उसके बाद इस्लामिक आक्रमणकारियों के कारण पारसी लोग प्राचीन भारत में आकर ही शरण ली जिसका कुछ हिस्सा वर्तमान पाकिस्तान में भी है. पारसी मान्यताओं के अनुसार Navroz 2023 की शुरुआत राजा जमशेद के समय हुई थी जिन्होंने जिन्होंने दुनिया को नष्ट होने से बचाया था. राजा जमशेद ने पारसी कैलेंडर या शहंशाही कैलेंडर की शुरुआत की थी.

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Fire Temple : सामान्य तौर पर Navroz के दिन पारसी समुदाय के लोग घरों की साफ-सफाई कर घर को सजाते हैं. अपने धार्मिक स्थल अग्नि मंदिर जाते हैं जिसे अग्यारी (अगियारी या Fire Temple) भी कहा जाता है. Fire Temple या अगियारी में इस पवित्र अग्नि को दूध, फल, फूल, चंदन आदि अर्पित करते हैं. और अपने पिछले अपराधों की क्षमा मांगते हुए आने वाले नवीन वर्ष के लिए सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. Navroz 2023 .

पारसी नववर्ष नवरोज : भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है, यहां कई धर्म, संप्रदाय, पंथ को मानने वाले लोग एक साथ रहते हैं. इन्हीं में से एक है पारसी समुदाय. यूं तो पारसी समुदाय की आबादी बहुत कम है लेकिन पारसी समुदाय के लोग मुख्यतः महाराष्ट्र और गुजरात में निवास करता है. सभी धर्मों की तरह पारसी धर्म को मानने वालों का भी अपना एक धार्मिक कैलेंडर होता है जिसके अनुसार सभी त्यौहार मनाए जाते हैं. NAVROZ पारसी धर्म के मुख्य त्यौहारों में से एक है. पारसी नववर्ष को नवरोज के नाम से जाना जाता है.

पारसी समुदाय के कैलेंडर के अनुसार उनके नए वर्ष की शुरुआत शुरुआत सामान्यतः जुलाई-अगस्त के महीने से होती है. सन 2023 में पारसी नववर्ष NAVROZ 2023 की शुरुआत 16 अगस्त 2023 से हो रही है. नवरोज दो शब्दों से मिलकर बना है 'नव' और 'रोज'. नव का मतलब नया और रोज का मतलब दिन, नए दिन/साल की शुरुआत. पारसी धर्म की अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार कुछ जगहों पर पारसी नव वर्ष बसंत ऋतु (21 मार्च ) के आसपास मनाया जाता है जबकि भारत में शहंशाही कैलेंडर के अनुसार यह जुलाई-अगस्त में पड़ता है.

शहंशाही कैलेंडर: पारसी धर्म की स्थापना पैगंबर जरथुस्त्र ( Prophet Zarathustra ) ने की थी. यह धर्म 650 ईसा पूर्व से सातवीं शताब्दी तक फारस (ईरान) का आधिकारिक धर्म था, उसके बाद इस्लामिक आक्रमणकारियों के कारण पारसी लोग प्राचीन भारत में आकर ही शरण ली जिसका कुछ हिस्सा वर्तमान पाकिस्तान में भी है. पारसी मान्यताओं के अनुसार Navroz 2023 की शुरुआत राजा जमशेद के समय हुई थी जिन्होंने जिन्होंने दुनिया को नष्ट होने से बचाया था. राजा जमशेद ने पारसी कैलेंडर या शहंशाही कैलेंडर की शुरुआत की थी.

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Fire Temple : सामान्य तौर पर Navroz के दिन पारसी समुदाय के लोग घरों की साफ-सफाई कर घर को सजाते हैं. अपने धार्मिक स्थल अग्नि मंदिर जाते हैं जिसे अग्यारी (अगियारी या Fire Temple) भी कहा जाता है. Fire Temple या अगियारी में इस पवित्र अग्नि को दूध, फल, फूल, चंदन आदि अर्पित करते हैं. और अपने पिछले अपराधों की क्षमा मांगते हुए आने वाले नवीन वर्ष के लिए सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. Navroz 2023 .

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