सोनीपत/दिल्ली: पहलवान सागर हत्याकांड में मुख्य आरोपी ओलंपिक विजेता सुशील कुमार बीते कई दिनों से फरार है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही है. बीते रोज ऐसी खबर आई कि दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन बाद में उसका खंडन कर दिया गया. चलिए आपको ये समझाने की कोशिश करते हैं कि ओलंपिक विजेता सुशील कुमार आखिर 'हीरो से जीरो' कैसे बना?
पुलिस के मुताबिक 4 मई, 2021 को रात करीब एक-दो बजे दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सुशील कुमार अपने कुछ साथियों के साथ मौजूद था. सागर और उसके कुछ दोस्तों को सुशील के साथी स्टेडियम लेकर पहुंचे. यहां सुशील कुमार और उसके साथियों ने सागर को बुरी तरह से पीटा और उसकी हत्या कर दी. उसके बाद से ही सुशील कुमार फरार है. कुछ दिन पहले सुशील कुमार को पुलिस ने मेरठ टोल पर ट्रेस किया था, लेकिन फिर भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं.
'सुशील नहीं चाहता था कि सागर आगे बढ़े'
पहलवान सागर के मामा आनंद धनखड़ ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सुशील कुमार सागर को आगे बढ़ता नहीं देख पा रहा था. वो कहते हैं कि सागर के लिए सुशील कुमार रोड मॉडल था. वो सुशील की तरह ही देश के लिए मेडल लाना चाहता था, लेकिन सागर का सपना अब सपना ही रह गया है. सुशील कुमार ने सागर का बेहरमी से कत्ल किया है.
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क्या सागर की हत्या के पीछे ये थी वजह?
सागर के हत्या के पीछे एक और कहानी है. खबर है कि कुछ दिन पहले सागर से सुशील पहलवान का विवाद हो गया था. इस पर सुशील ने सागर को तुरंत अपना फ्लैट खाली करने के लिए कहा लेकिन सागर ने तुरंत फ्लैट खाली करने से इनकार कर दिया. इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी भी हुई जिसके बाद ये विवाद इतना बढ़ गया की बीती 4 मई को इस मामले को सुलझाने के लिए सागर और उसके दो साथियों को छत्रसाल स्टेडियम पर जबरन लाया गया, जहां सुशील कुछ अन्य पहलवानों के साथ मौजूद था और उनके पास दोनाली बंदूक भी थी.
आरोप है कि यहां पर सुशील और उसके साथियों ने सागर, अमित और सोनू को जमकर पीटा. पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो वहां से घायलों को छोड़कर सभी आरोपी फरार हो गए, लेकिन एक आरोपी प्रिंस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया. जहां कुछ देर बाद सागर ने दम तोड़ दिया.
'गुरु जी होने के बावजूद ऐसा कांड कर दिया'
मृतक सागर के घर 4 मई के बाद से मातम पसरा है. परिवार का हर शख्स बस न्याय का इंतजार कर रहा है. सागर के पिता अशोक से ईटीवी भारत हरियाणा से बात की. भावुक पिता ने बताया कि गुरु जी होने के बाद उसने (सुशील कुमार) ऐसा कांड कर दिया. अगर उसके मन में कोई बात थी तो पहले परिवार को जानकारी देनी चाहिए थी कि सागर ने ऐसा किया है. आखिर उसने अपने आप इतना बड़ा कांड करने का स्टेप क्यों उठाया? हम चाहते हैं उसे सख्स से सख्स सजा मिले और हमें न्याय मिले.
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सुशील कुमार- एक खिलाड़ी बना हत्यारोपी
4 मई के बाद से सुशील कुमार की छवि जैसे मानो बदल ही गई. एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आज पुलिस से छिपते भाग रहा है. सुशील कुमार ने 37 साल की जिंदगी में वो सब कुछ पा लिया जिसकी एक खिलाड़ी हसरत रखता है. सुशील कुमार भारत का इकलौता ऐसा खिलाड़ी है जिसने ओलंपिक में दो मेडल जीते हैं. 2008 बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल और फिर 2012 लंदन ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल. लेकिन आज सुशील कुमार की पहचान अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी की जगह हत्यारे के रूप में हो रही है.
सुशील कुमार की उपलब्धियां
हत्यारोपी सुशील कुमार को 2005 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. उसके बाद सुशील कुमार को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 2011 में सुशील कुमार को पद्मश्री से सम्मानित किया था. इसके अलावा सुशील कुमार को अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर अवॉर्ड्स और पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.